हम एक भी भिखारी को रुपया नहीं देंगे

आज से बल्कि अभी से हम सब एक संकल्प लें की...

हम एक भी भिखारी को रुपया नहीं देंगे

आज से बल्कि अभी से हम सब एक संकल्प लें की, हम एक भी भिखारी को रुपया नहीं देंगे भिखारी को (भोजन + पानी) दें। लेकिन नकद में देने के लिए एक भी रुपया नहीं। यदि हमें किसी की मदद करना है तो कार में 2-4 बिस्किट के पैकेट या कुछ खाने का सामान रखें और जब कोई अधिकारी आपसे पैसे मांगे तो रुपए-पैसे भुगतान न करते हुए उसे कुछ खाने को दें जिससे उसकी जरूरत भी पूरी होगी और इस घृणित कार्य पर भी अंकुश लग सकेगा। मुंबई-पुणे और पूरे महाराष्ट्र में एक अलग आंदोलन शुरू हो गया है, अब हमारे महानगर में इसे चलाने की बारी है। 

यदि किसी भी प्रकार का व्यक्ति (महिला / पुरुष / वृद्ध। विकलांग / बच्चे) भीख मांग रहा है, तो हम पैसे के बदले (भोजन + पानी) देंगे, लेकिन आज से उन्हें भीख के रूप में या दान के रूप में पैसा नहीं देंगे। हमारी इस पहल के जो सकारात्मक परिणाम निकल कर सामने आएंगे उससे अंतर्राष्ट्रीय / राष्ट्रीय / राज्य और जिला स्तर पर, 'भिखारियों' के गिरोह टूट जाएंगे और फिर बच्चों का अपहरण अपने आप बंद हो जाएगा। इस तरह के गिरोह आपराधिक दुनिया में खत्म हो जाएंगे। 

यदि आप इस विचार से सहमत हैं, तो इसे एक अभियान बना दें। और अगर उचित समझें तो अन्य लोगों को भी इस अभियान में शामिल करें उन्हें इस जुड़े अभियान से जोड़ने का प्रयास करें। हमारा और आपका यह छोटा सा प्रयास कई मासूमों को भीख मांगने की राह पर जाने से रोक सकता है। क्योंकि इस भीख मांगने के धंधे के तार कहीं ना कहीं बच्चों की किडनैपिंग से भी जुड़े हुए हो सकते हैं। इसलिए जब हम भीख के रूप में भिखारियों को नगद रुपया पैसा नहीं देंगे तो किडनैपिंग जैसे घृणित कार्य पर भी कुछ हद तक लगाम स्वत: ही लग जायेगी।

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