भारत पर बे-हतासा टैरिफ लगाने के बाद ...
PM मोदी ने पलट दी बाजी अब ओमान के साथ FTA वाली कर डाली डील और देखते रह गए ट्रम्प !
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर पिछले दिनों ब्रिटेन के साथ डील साइन करने के बाद, भारत ने अब ओमान के साथ भी ऐसी ही डील पर साइन किये हैं. अमेरिका की तरफ से भारतीय एक्सपोर्ट पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद भारत सरकार की तरफ से इस तरह के एग्रीमेंट करने में तेजी लाई गई है. भारत और ओमान के बीच यह ऐतिहासिक समझौता गुरुवार यानी 18 दिसंबर 2025 को हुआ. प्रधानमंत्री मोदी और ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक की मौजूदगी में दोनों देशों के कॉमर्स मिनिस्टर ने कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (CEPA) पर साइन किये. भारत का पिछले छह महीने के दौरान यह दूसरा फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) है.
खाड़ी क्षेत्र में भारत की स्ट्रैटेजिक पोजिशन मजबूत
इससे पहले भारत ने ब्रिटेन के साथ एफटीए (FTA) पर हस्ताक्षर किये थे. अमेरिका की तरफ से टैरिफ लागू किये जाने के बाद भारत की तरफ से उठाए जा रहे इस तरह के कदम काफी अहम हैं. ओमान के लिए यह 2006 के बाद किसी देश के साथ पहला ऐसा करार है. इस डील के बाद दोनों देशों के बीच ट्रेड, इनवेस्टमेंट और सर्विसेज को लेकर आने वाले समय में नई संभावनाएं बनेंगी. इस डील के साथ ही भारत की खाड़ी देशों में पहुंच मजबूत होगी और लाखों नौकरियों के मौके बनने की उम्मीद है.
निर्यात को बढ़ावा मिलेगा
एग्रीमेंट की बड़ी खासियत यह है कि ओमान ने भारत के निर्यात पर बड़ी छूट दी है. ओमान अपनी 98.08 प्रतिशत टैरिफ लाइन्स पर जीरो ड्यूटी देगा, जो कि भारत के एक्सपोर्ट का 99.38 प्रतिशत वैल्यू कवर करता है. इसमें से 97.96 प्रतिशत पर तुरंत ड्यूटी खत्म हो जाएगी. आसान भाषा में समझें तो भारतीय सामान ओमान में पहले से काफी सस्ते हो जाएंगे. इससे भारतीय निर्यात को बढ़ावा मिलेगा. इससे टेक्सटाइल, लेदर, फुटवियर, जेम्स एंड ज्वेलरी, इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स, प्लास्टिक, फर्नीचर, एग्रीकल्चर प्रोडक्ट, दवाइयां, मेडिकल डिवाइस और ऑटोमोबाइल सेक्टर को बड़ा फायदा होने वाला है.
लाखों नौकरियों के मौके बनेंगे
जेम्स एंड ज्वेलरी, टेक्सटाइल, लेदर, फुटवियर, इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स, प्लास्टिक, फर्नीचर, एग्रीकल्चर प्रोडक्ट और ऑटोमोबाइल सेक्टर को भारत और ओमान के बीच हुई डील से बड़ा फायदा होने वाला है. दरअसल, ये सभी लेबर-इंटेंसिव सेक्टर हैं... जहां लाखों कारीगर, महिलाएं और छोटी इंडस्ट्री (MSMEs) काम करती हैं. सरकार को उम्मीद है कि इस डील के बाद इन सेक्टर में डिमांड बढ़ेगी और रोजगार के मौकों में भी इजाफा होगा. अमेरिका की तरफ से टैरिफ लगाए जाने के बाद यह भारतीय निर्यातकों के लिए बड़ा मौका है.
भारत ने भी ओमान दी अच्छी छूट
ओमान की तरफ से हाथ बढ़ाए जाने के बाद भारत ने भी अच्छी खासी छूट दी है. भारत अपनी 77.79 प्रतिशत टैरिफ लाइन्स पर ड्यूटी कम कर रहा है. यह ओमान से आयात किये जाने वाले सामान की 94.81 फीसदी वैल्यू कवर करता है. लेकिन संवेदनशील प्रोडक्ट्स के लिए भारत ने टैरिफ-रेट कोटा (TRQ) का तरीका अपनाया है, यानी लिमिटेड क्वांटिटी में ही कम ड्यूटी. कुछ अहम सेक्टर को इससे बाहर रखा गया है. इसका मकसद भारतीय किसान और इंडस्ट्री को सुरक्षित रखना है. इनमें डेयरी प्रोडक्ट्स, चाय, कॉफी, रबर, टोबैको, गोल्ड-सिल्वर बुलियन, ज्वेलरी, फुटवियर, स्पोर्ट्स गुड्स और कई मेटल्स का स्क्रैप शामिल हैं.
भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए आसान एंट्री
इस करार के तहत सर्विसेज सबसे अहम हिस्सा है. ओमान की तरफ से हर साल करीब 12.52 बिलियन डॉलर की सर्विसेज का आयात किया जाता है, लेकिन भारत का हिस्सा इसमें 5 प्रतिशत के करीब है. इस सेक्टर से भारत को काफी उम्मीद है. ओमान ने पहली बार 127 सब-सेक्टर्स जैसे कंप्यूटर सर्विसेज, बिजनेस और प्रोफेशनल सर्विसेज, ऑडियो-विजुअल, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, एजुकेशन और हेल्थ सर्विसेज का एक्सेस भारत को दिया है. इससे भारतीय कंपनियों को मौका मिलेगा और स्किल्ड जॉब्स में भी इजाफा होगा. आईटी, एजुकेशन और हेल्थ केयर जैसे सेक्टर में भारतीय प्रोफेशनल्स को फायदा होगा.
7 लाख से ज्यादा भारतीयों को होगा फायदा
भारत और ओमान के बीच हुई डील का फायदा भारतीय प्रोफेशनल्स को सबसे ज्यादा मिलेगा. यह पहला मौका है जब ओमान ने Mode 4 (टेम्पररी एंट्री) में राहत देने की बात कही है. इंट्रा-कॉर्पोरेट ट्रांसफरी (कंपनी के अंदर ट्रांसफर) का कोटा 20 से बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया गया है. कॉन्ट्रैक्टुअल सर्विस सप्लायर्स के लिए स्टे 90 दिन से बढ़ाकर दो साल कर दिया गया. अकाउंटेंसी, टैक्सेशन, आर्किटेक्चर, मेडिकल और एलाइड सर्विसेज जैसी फील्ड में एंट्री आसान हो गई. ओमान में रहने वाले 7 लाख से ज्यादा भारतीयों के लिए और नए प्रोफेशनल्स के लिये यह अच्छी खबर है.
100% FDI की छूट से निवेश के नए दरवाजे खुलेंगे
भारतीय कंपनियां अब ओमान के प्रमुख सर्विस सेक्टर्स में 100% FDI कर सकेंगी. इससे भारतीय फर्मों के लिए वहां पर कारोबार के मौके बढ़ेंगे. पहले से ही ओमान में 6000 से ज्यादा इंडिया-ओमान जॉइंट वेंचर्स हैं, इनकी संख्या में आने वाले समय में और इजाफा होगा. आने वाले समय में सोशल सिक्योरिटी एग्रीमेंट भी होगा, जो भारतीय कामगरों की सिक्योरिटी को बढ़ाएगा.










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