अब प्रो. होलानी होंगे JU के नए रैक्टर

टंडन हॉल में हुई कार्यपरिषद की बैठक में हुए निर्णय...

अब प्रो. होलानी होंगे JU के नए रैक्टर

जीवाजी विश्वविद्यालय के टंडन हॉल में शुक्रवार को कार्यपरिषद की बैठक हुई। कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में हुई इस मीटिंग में रेक्टर प्रो डीडी अग्रवाल, कुलसचिव प्रो आनंद मिश्रा सहित, कार्यपरिषद सदस्य प्रो उमेश होलानी, प्रो. एसके शुक्ला, प्रो. विवेक बापट, प्रो. डीआर राहुल, प्रो. पीके तिवारी, डॉ. रमा त्यागी, डॉ रश्मि कुजूर, डॉ. मनेंद्र सिंह सोलंकी, अनूप अग्रवाल, वीरेंद्र गुर्जर, डॉ. शिवेंद्र सिंह राठौड़, डॉ. संगीता चौहान और उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक प्रो. एमआर कौशल मौजूद रहे। मीटिंग में जीवाजी विश्वविद्यालय के नए रेक्टर के तौर पर प्रो. उमेश होलानी को नियुक्त करने की स्वीकृति प्रदान की गई, क्योंकि वर्तमान रेक्टर प्रो. डीडी अग्रवाल माह के अंत में रिटायर हो रहे हैं। साथ ही यूजीसी के नियमानुसार प्रो. डीडी अग्रवाल को संविदा पर पुनर्नियुक्ति की स्वीकृति दी गई।

ये हुए निर्णय -

  • सेट्रल ऑफ एक्सीलेंस में मप्र शासन द्वारा जेयू के 8 विभागों को प्रदान किया गया है, उनमें उपकरण आदि सामान को क्रय करने के लिए मप्र शासन उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय मद से क्रय कर उसकी प्रतिपूर्ति शासन द्वारा की जाएगी, इन निर्देशों का पालन करते हुए क्रय प्रक्रिया जारी रखने की अनुशंसा की गई। उक्त निर्णय में कार्य परिषद सदस्य डॉ. मनेंद्र सोलंकी व अनूप अग्रवाल को छोडकर अन्य सदस्यों द्वारा सहमति प्रदान की गई।
  • विश्वविद्यालय पेंशनर्स को शासकीय पेंशनर्स के समान पेंशनरी सुविधाएं प्रदान किए जाने संबंधी प्रकरण समन्वय समिति को भेजने की बात भी हुई।
  • कार्यपरिषद की बैठकों की रिकॉर्डिंग कराकर कुलपति/ कुलसचिव कार्यालय में सुरक्षित रखने की बात हुई।
  • जेयू के वाणिज्य व प्रबंध विभाग की बाउंड्रीवॉल के लिए प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई।
  • जूलॉजी विभाग के हेड प्रो. पीके तिवारी को आईसीएमआर प्रोजेक्ट द्वारा स्वीकृत प्रोजेक्ट में उपकरण खरीदने के लिए वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई।
  • फार्मेसी विभाग के डॉ. मनोज शर्मा को मोडरोब-एआईसीटीई नई दिल्ली द्वारा स्वीकृत उपकरण क्रय करने के लिए वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई। 
  • विश्वविद्यालयीन कर्मचारियों व श्रमिकों को उनकी शैक्षणिक व तकनीकी योग्यता व अनुभव के आधार पर अकुशल श्रेणी से कुशल श्रेणी में नियमानुसान परिवर्तित करने को मान्य किया गया।
  • केंद्रीय ग्रंथालय में पुस्तकें व पत्रिकाएं खरीदने के लिए प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई।    
  • विश्वविद्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के अनुसार एरियर के भुगतान करने संबंधी प्रकरण को सूचनार्थ रखा गया। 
  • भवन समिति के निर्णयों को इंजीनियर 
  • द्वारा कागजों की पूर्ति कर आगामी कार्य परिषद बैटक में रखने की अनुशंसा की गई।
  • इसके अलावा नए सदस्य डॉ. शिवेंद्र सिंह राठौड़ द्वारा अपनी पहली कार्यपरिषद बैठक के डीए टीए 3100/ रूपये राम मंदिर के निर्माण में सहयोग स्वरूप प्रदान करने की घोषणा भी की गई।

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