कर्मचारियों ने अपर आयुक्त पर लगाये भ्रष्टाचार के आरोप

निगम के चार आउट सोर्स सफाई...

कर्मचारियों ने अपर आयुक्त पर लगाये भ्रष्टाचार के आरोप

ऐसा लगता है कि नगर निगम ग्वालियर में भ्रष्टाचार के मामले उजागर होने का मानो शिलासिला चल निकला है। अभी सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा का मामला निगम में सुलटा नहीं है। कि शुक्रवार को एक नया मामला मीडिया के सामने आ गया। इस वार भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का इल्जाम लगा है अपर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव,डब्लू एचओ राकेश करोसिया और आउटसोर्स कर्मचारियों की जानकारी निगम को उपलब्द्ध कराने वाले कर्मचारी ओमप्रकाश बाथम पर। 

शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों से चर्चा करते हुए आउटसोर्स कर्मचारी रचना, मालती, लक्ष्मी और हेमन्त ने बताया कि मालती ने 45000,लक्ष्मी ने 45000,मालती ने45000 और रचना ने 25000 रूपये के राकेश करोसिया और ओमप्रकाश बाथ में माध्यम से अपर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव को बकौल अलग अलग लिफाफों में रखकर दिये गये थे। इन लोगों ने बताया कि रूपये देने के बाद 24 फरवरी 2020 को उन्हें नियुक्ती पत्र दे दिया जाकर विभिन्न क्षेत्र क्रमांकों के वार्डो में सफाई कार्य पर लगा दिया गया। लेकिन जब वेतन देने की बारी आई तो इन्हें टरकाते रहे। इसके बाद जब इन कर्मचारियों ने वेतन के लिये लगातार मांग की जाने लगी तो इन्हें धमकियां दी जाने लगी। 

इसी सबंध में जब इन लोगों ने वेतन जारी करने वाले निगम के स्वास्थ्य अधिकारी सतपाल सिंह सिकरवार से संपर्क किया तो उन्होंने इन कर्मचारियों को बताया कि उनकी नियुक्तियां फर्जी हैं। इसलिये वेतन जारी नहीं किया जा सकता है। यह सुनकर अब ये लोग स्वयं को ठगा महसूस कर रहे है और आंदोलन का मूड बना रहे है। इनका कहना है कि नोकरी नहीं करवाना है तो न करवायें हमारा वेतन और दिया गया पैसा वापस किया जाये। इसके लिये इन लोगो ने अपनी गुहार थाना स्तर से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक लगाई है। अपनी बात को सही साबित करने के लिये इन सफाई कर्मचारियों ने अपने नियुक्ति आदेश की प्रति भी मीडिया के सामने रखी।

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