निगम की लापरवाही के चलते हॉकर्स ज़ोन एक बार फिर से बना कचरा डंपिंग ज़ोन

निगम की लापरवाही के चलते हॉकर्स ज़ोन एक बार फिर से बना कचरा डंपिंग ज़ोन


शहर केबल धरोहरों के सौंदर्यीकरण, पार्कों की बाउंड्री वॉल, साइकिल ट्रैक जिन पर साइकल कभी नहीं दौड़ती, बनाने से या चौराहे पर कवाड़ के टीन टप्पर के स्ट्रक्चर खड़ा करने से शहर स्मार्ट बन जाते हैं और ऐसी स्मार्ट सुविधाओं से आमजन को कोई लेना दे तेना नहीं होता है। तो भैया आमजन को ऐसी स्मार्ट सिटी नहीं चाहिए।

आमजन को तो केवल उसके क्षेत्र में साफ सफाई, उचित साफ पीने के पानी की व्यवस्था, बिजली और आवागमन के लिए बाधारहित यातायात एवं सुथरी सड़कें सुव्यवस्थित तरीके से से बनाए गए बाजार क्या हुआ इत्मीनान के साथ खरीदारी कर सकें ऐसी स्मार्ट सिटी चाहिए। लेकिन हो ठीक इसके विपरीत रहा है। सड़कों पर आवारा जानवर घूम रहे हैं जो एक्सीडेंट का कारण भी बन रहे हैं।

अमृत योजना के नाम पर तमाम सड़कें खुदी पड़ी हुई है जिन से लगातार उठ रही धूल लोगों को बीमार बना रही है। हर गली मोहल्ले में कचरे के ढेर हैं कचरा गाड़ी कचरा लेने आ नहीं रही है।

निगम की लापरवाही के चलते शहर को कचरा घर बना दिया गया है शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर खुद निगम प्रशासन लगवा रहा है इसका जीता जागता उदाहरण है रामदास घाटी स्थित हाकर जॉन, इस होकर जॉन को निगम ने डपिंग जॉन बना दिया है। शहर भर का कचरा इकट्ठा करके इस होकर जॉन और पार्क के आसपास कचरा भर दिया गया।

शासन की मंशा के अनुरूप और जनता वसूल किए गए टैक्स के पैसे से इस डंपिंग जोन का सौंदर्यीकरण करते हुए पार्क के रूप से विकसित किया गया था। इसके साथ ही शहर को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए एक शहर का सबसे बड़ा होकर जॉन भी तैयार किया गया जिसके लिए सेट टाइल्स पानी की व्यवस्था हाथी पर शासन ने लगभग दो करोड़ से अधिक की राशि खर्च की थी। के पीछे शासन का मकसद था कि लोग इस पार्क में आए और सुकून के दो पल बैठकर आराम फरमाऐ। बच्चे पार्क में अठखेलियां करें।

होकर जौन में शिंदे की छावनी, पालिका बाजार, शब्द प्रताप आश्रम, राम मंदिर आदि क्षेत्र के सब्जी फल चार्ट पकोड़े आदि के ठेले यहां लगे जिससे कि आसपास के लोग एक ही जगह पर खरीदारी कर सकें। नगर निगम ने शासन की इस मंशा पर पानी फेरते हुए इस हॉकर्स जोन को एक बार डंपिंग जोन बना दिया है। 

शाम की गाड़ियां यहां आसपास से कचरा इकट्ठा करती है और डाल रही है इस कचरे से उठ रही दुर्गंध के कारण यहां के निवासियों का जीना दूभर हो गया है। कचरे में पॉलिथीन आने वालो द्वारा कभी-कभी तो खुद निगम कर्मियों द्वारा आग लगा दी जाती है जिससे भयंकर जहरीला दुआ उठता रहता है और यही दुआ तो के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। यह दुआ इतना खतरनाक हो गया कि फायर ब्रिगेड बुलानी पड़ी इस फायर ब्रिगेड के द्वारा रात भर और फिर दिन भर पानी डालकर आग बुझाई गई तब भी आग बुझने का नाम नहीं ले रही है।
हो रहा है सिटी के बीचो बीच इस प्रकार की गतिविधियों को देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि शासन लोगों के स्वास्थ्य को लेकर कितना संजीदा है।

शहर के जिम्मेदार लोग और अधिकारी यह सब मूकदर्शक बनकर देख रहे हैं और चुप्पी साधे हुए हैं उनकी यह चुप्पी कहीं आम जन में आक्रोश न पैदा कर दे। इस आक्रोश से निगम को बचना चाहिए और व्यवस्थाओं को यथाशीघ्र दुरुस्त करना चाहिए। व्यवस्था सुधारने के लिए पूर्व पार्षद राजेंद्र जैन, पूर्व पार्षद डॉक्टर अंजली रायजादा और निवर्तमान पार्षद चंदू सेन सहित ज़ी न्यूज़ 24 के चीफ एडिटर रवि यादव भी निगम अधिकारियों से अपील करते हैं कृपया कर इस क्षेत्र से डंप किए गए कचरे को तुरंत हटाया जाए। होकर जॉन मैं विक्रेताओं को लाया जाए पार्क में चौकीदार एवं केयरटेकर की व्यवस्था की जाए।

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