यूपी में राफेल के हिस्से बनाएगी फ्रांसीसी कम्पनी

नोएडा में खोला दफ्तर...

यूपी में राफेल के हिस्से बनाएगी फ्रांसीसी कम्पनी 

दुनिया सबसे ताकतवर और तेज फाइटर प्लेन में शुमार राफेल के पार्ट्स उत्तर प्रदेश में बनेंगे। राफेल के पार्ट्स बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी थैलेस उत्तर प्रदेश में बड़ा निवेश करने जा रही है। कंपनी ने नोएडा में अपना कॉरपेट ऑफिस खोल दिया है। भारत में कम्पनी का कारोबार नोएडा से होगा। सोमवार को उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु और माध्यम उदयम मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने थैलेस के स्टेट ऑफ आर्ट न्यू कोरपोरेट ऑफिस की वर्चुअली शुरुआत की है। पहले यह कार्यालय दिल्ली में था। अब नोएडा में करीब 1.50 लाख वर्ग फुट में बनी इस 6 मंजिला इमारत में 1,100 कर्मचारी काम करेंगे। 

थैलेस कंपनी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत कानपुर में एमकेयू कंपनी के साथ मिलकर आर्म्ड फोर्स के लिए नाइट विजन डिवाइस बनाएगी। इसके लिए कंपनी ने प्रस्ताव केंद्र सरकार को दिया है। एमएसएमई मंत्री ने कहा कि प्रस्ताव पर तेजी से काम चल रहा है। राज्य सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक कंपनी डिजिटल आइडेंटिटी और सिक्यॉरिटी बिजनेस से जुड़े उपकरण बनाने के लिए उत्तर प्रदेश में इंजीनियरिंग सेंटर बनाएगी। स्थानीय कौशल को बढ़ावा देने के साथ उच्च गुणवत्ता वाली तकनीक विकसित करने में भी यूपी को सहयोग मिलेगा। कंपनी देश में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड लारसन एन्ड टूब्रो जैसी दिग्गज कंनियों के साथ तकनीकी क्षेत्र में काम कर रही है। 

एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, "उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार बनने के बाद पिछले तीन साल से इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा कंपनियों ने राज्य का रुख किया है। थैलेस का आना प्रदेश में रक्षा क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा और डिफेंस कॉरिडोर की अलग पहचान बेगी।" थैलेस कंपनी राफेल एयरक्राफ्ट के लिए रेडार, इलेक्ट्रॉनिक्स वायस सिस्टम, कोकपिट डिस्प्ले सिस्टम और पावर जनरेशन सिस्टम सहित तमाम उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग करती है। इसके अलावा यह कंपनी रक्षा, एयरोनॉटिक्स, स्पेस, ट्रांसपोर्टेशन, डिजिटल आइडेंटिटी और सिक्यॉरिटी मार्केट में भी काम कर रही है। एमएसएमई मंत्री ने कंपनी के कंट्री हेड इमैनुअल डीआर से रक्षा उपकरणों के हिस्से भी यूपी में बनाने के लिए निवेश का न्योता दिया है। 

हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट ने उत्तर प्रदेश में अपना सबसे बड़ा केंद्र स्थापित किया है। अब इसके ठीक चार महीने बाद फ्रांसीसी प्रौद्योगिकी दिग्गज थैलेस ने सोमवार को नोएडा में अपना अत्याधुनिक कॉरपोरेट कार्यालय खोला है। राज्य में आगामी रक्षा औद्योगिक गलियारे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, वैश्विक रक्षा विनिर्माण कंपनी ने भारतीय सेना के लिए नाइट विजन राडार का उत्पादन करने के लिए एमकेयू कानपुर के साथ समझौता किया है। राफेल फाइटर जेट के लिए उन्नत उपकरणों का निर्माण करेगी। मंत्री ने कहा, उत्तर प्रदेश में थेल्स का आगमन रक्षा उत्पादन के लिए राज्य की अपार संभावनाओं की पुष्टि करता है। 

यह भी साबित करता है कि वैश्विक ब्रांड जो अब तक दक्षिण की ओर रुख कर रहे थे, वे अब यूपी को एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में चुन रहे हैं। उन्होंने कहा कि फ्रेंच फर्म करीब 20 बिलियन डॉलर की योजनाओं पर एचएएल, भेल और लारसन एन्ड टुब्रो के साथ प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम कर रही है। डिजिटल पहचान और सुरक्षा व्यवसाय में योगदान देगी और प्रौद्योगिकी के विकास में उत्तर प्रदेश का समर्थन करेगी। उन्होंने कहा, "कंपनी ने उत्तर प्रदेश में डिफेंस एक्सपो के दौरान अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाया है।" मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के "कारोबार करने में आसानी" के प्रयासों की बदौलत असाधारण रूप से राज्य की रैंकिंग में सुधार हुआ है। चार साल में उत्तर प्रदेश 12वीं से दूसरी रैंक पर आ गया है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी कंपनियों को थेल्स की प्रौद्योगिकी हस्तांतरण से पीएम नरेंद्र मोदी के सपने साकार होंगे। 

भारत रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा। राफेल जैसे एयर काफिले के लिए रडार, इलेक्ट्रॉनिक्स वॉयस सिस्टम, कॉकपिट डिस्प्ले सिस्टम, पावर जनरेशन सिस्टम जैसे उपकरण अब यूपी में बनाए जाएंगे। मंत्री ने कहा, इसके अलावा, रक्षा, वैमानिकी, अंतरिक्ष, परिवहन, डिजिटल पहचान और सुरक्षा बाजार में योगदान बढ़ेगा। भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुअल लेनिन, थेल्स ग्रुप ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि जीन मार्क बुडिन ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। एमएसएमई मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों, परिसरों और कार्यालयों की स्थापना के लिए विदेशी कंपनियां एक के बाद एक आ रही हैं। राज्य में करने के लिए पिछले कुछ महीनों में 15 देशों की 100 से अधिक कंपनियों के साथ 12 से अधिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक कर चुके हैं।

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