SBI की महिला मैनेजर ने कर्मचारी से मिलकर 49 खातों से उड़ाए 3 करोड़

कई लोगों के नाम के पर्सनल लोन भी निकाला…

SBI की महिला मैनेजर ने कर्मचारी से मिलकर 49 खातों से उड़ाए 3 करोड़


आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडबल्यू) के द्वारा भारतीय स्टेट बैंक की सियागंज शाखा की प्रबंधक रहीं श्वेता सुरोईवाला सहित कर्मचारी कौस्तुभ सिंगारे के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी की धाराओं में केस दर्ज किया गया। दोनों ने 49 खातों से तीन करोड़ रुपए निकाल लिए। खाता धारक कैश जमा कराने आते, लेकिन उनके खातों में जमा ना करते हुए दूसरे खातों में ट्रांसफर कर देते। बाद में उन खातों से दोनों निकाल लेते। यही नहीं पर्सनल लोन, वाहन और होम लोन भी अधूरे दस्तावेजों पर जारी कर दिए गए। होम लोन के मामले तो ऐसे भी सामने आए, जिनमें आवेदक को ही नहीं पता कि उनके नाम लोन जारी हो गया है। 

एसपी धनंजय शाह के मुताबिक निरीक्षक लीना मारोठ को इस केस की जांच सौंपी गई थी। खाताधारकों के द्वारा शिकायत की गई थी कि मैनेजर श्वेता और कौस्तुभ खातों से राशि हड़प रहे हैं। आए दिन इस बात को लेकर बैंक में विवाद भी होते रहते हैं। शिकायत के बाद प्रकरण को जांच में लिया गया। खातों की जांच की तो पता चला कि खातों में एंट्री ही सही से नहीं होती थी। लोन के मामलों में भी श्वेता काफी गड़बड़ी करती थी। कमीशन लेकर अधूरे दस्तावेजों पर ही लोन जारी कर दिए। पर्सनल लोन के लिए अनजान लोगों के दस्तावेज हासिल कर उनके नाम पर लोन जारी कर दिए गए। मंगलवार को जांच पूरी होने के बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, अमानत में खयानत सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया।

जांच अधिकारी के अनुसार ग्राहकों द्वारा की गई शिकायत के बाद 16 अप्रैल 2018 से 5 जुलाई 2019 तक की जांच की तो इसमें पता चला कि ग्राहकों द्वारा जो छोटी-बड़ी राशि जमा की गई। वो राशि शाखा के विभिन्न खातों में एनईएफटी ट्रांसफर, मिनिमम बैलेंस चार्जेस रिर्वसल, पीपीएफ खाते में जमा किया गया। इसके बाद इन खातों से अनक्लेम्ड खातों के जरिए निकाल ली गईं। इतना ही नहीं, जिनका लोन चल रहा है उनके ही दस्तावेज से और लोन स्वीकृत कर रुपए निकाल लिए गए। एसपी शाह के अनुसार ग्राहकों को इसके लिए जागरूक रहने की बहुत जरूरत है। आजकल ऑनलाइन तरीके से खातों को चेक किया जा सकता है। हमेशा खातों को चेक करते रहना चाहिए। मैसेज सेवा के साथ ही बैंक द्वारा दिए जाने वाली सुविधा से खातों को हमेशा चेक करते रहना चाहिए। समय-समय पर पासवर्ड बदलते रहना चाहिए। हर लेन-देन की जानकारी यदि आपके मोबाइल पर नहीं आए तो बैंक में संपर्क करना चाहिए।

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