बिहार विधानसभा के साथ होंगे मध्यप्रदेश में उपचुनाव : चुनाव आयोग

कयास लगाए जा रहे हैं कि नवंबर के मध्य तक…

बिहार विधानसभा के साथ होंगे मध्यप्रदेश में उपचुनाव : चुनाव आयोग


भोपाल। मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर भले ही अब तक इलेक्शन कमीशन ने तारीखों की घोषणा नहीं की है, लेकिन शुक्रवार को आयोग ने ये ऐलान कर दिया कि बिहार विधानसभा चुनाव के साथ ही उपचुनाव करवाए जाएंगे. चुनाव आयोग ने फैसला लिया है कि अलग-अलग राज्यों की 64 विधानसभा सीट और एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव बिहार विधानसभा चुनाव के साथ ही कराए जाएंगे. 64 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में मध्य प्रदेश की 27 सीटें भी शामिल हैं. आयोग ने कहा कि कई राज्यों ने कोरोना संकट और बाढ़ को देखते हुए चुनाव टालने की मांग की थी, लेकिन राज्यों के CEO और मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर ये फैसला लिया गया है. आयोग के मुताबिक बिहार में चुनाव 29 नवंबर से पहले करवाए जाएंगे. जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि नवंबर के मध्य तक मध्य प्रदेश में भी उपचुनाव होंगे. इससे पहले 21 अगस्त को चुनाव आयोग ने कोरोना काल में देश में चुनाव कराने को लेकर गाइडलाइंस जारी की थी. इसमें कहा गया था कि उम्मीदवार को नामांकन पत्र, शपथ पत्र और नामांकन को लेकर सिक्युरिटी मनी ऑनलाइन ही जमा करना होगा. चुनाव कार्य को लेकर सभी व्यक्ति मास्क लगाएंगे. चुनाव से जुड़े हॉल, रूम या परिसर में प्रवेश के दौरान थर्मल स्कैनिंग की जाएगी. वहां सेनिटाइजर, साबुन और पानी की व्यवस्था की जाएगी. सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा. घर-घर जाकर पांच लोगों को संपर्क की अनुमति दी जाएगी. 

मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है. जहां बीजेपी ने अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए सदस्यता अभियान चलाया है. वहीं कांग्रेस भी दोबारा सत्ता में आने के लिए लोगों का मन टटोलने के साथ-साथ जिताऊ उम्मीदवार की तलाश करने में जुटी है. बीजेपी ने पिछले दिनों ग्वालियर-चंबल संभाग में सदस्यता अभियान चलाया था. जिसका आगाज राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया था. बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने दावा किया था कि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के ग्वालियर, गुना, भिंड व मुरैना संसदीय क्षेत्रों के 76 हजार 361 कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा की सदस्यता ली है. भाजपा में शामिल होने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं का भाजपा परिवार में स्वागत है. हम सभी एकाकार होकर मध्य प्रदेश को नई उंचाई तक ले जाएंगे. मध्य प्रदेश में उपचुनाव के मद्देनजर नए चेहरों को महामंत्री बनाकर वीडी शर्मा ने जातिगत समीकरण साधने, मंत्रिमंडल में स्थान न मिलने की नाराजगी दूर करने सहित बड़े नेताओं की पसंद को तरजीह देने की कोशिश की है. पूर्व मंत्री हरिशंकर खटीक बुंदेलखंड से आते हैं, वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती के करीबी भोपाल के पूर्व जिला अध्यक्ष भगवानदास सबनानी, ग्वालियर-चंबल के रणवीर सिंह रावत, विंध्य क्षेत्र के शरदेंदु तिवारी और मालवा अंचल की कविता पाटीदार को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है. 

बीजेपी के मजबूत संगठन के मुकाबले में कांग्रेस ने अपने संगठन को मजबूती देने का प्लान तैयार किया है. इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने विधानसभा प्रभारी, सह प्रभारी समन्वयक मंडलम अध्यक्ष, सेक्टर प्रभारी और पन्ना प्रभारियों के बीच कार्य का बंटवारा करके उनकी जिम्मेदारियां तय कर दी हैं. कमलनाथ ने निर्देश जारी कर विधानसभा प्रभारियों को सह प्रभारी, समन्वयक और सहायक समन्वयक को विधानसभा क्षेत्र के बूथ आवंटित करने और वहां संगठन को मजबूती देने को कहा है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस बात के निर्देश दिए गए हैं कि पन्ना क्षेत्र में जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते ही पन्ना प्रभारी की नियुक्ति करना होगी. साथ ही सेक्टर प्रभारी हर एक बूथ पर 2 बूथ लेवल एजेंट नियुक्त करेंगे. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में 27 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं. सूबे में 10 मार्च को कांग्रेस के 22 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी का हाथ थाम लिया था और तत्कालीन कमलनाथ सरकार को अल्पमत में लाकर आखिरकार गिरा दिया था.इसके बाद 12 जुलाई को बड़ा मलहरा से कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी और 17 जुलाई को नेपानगर से कांग्रेस विधायक सुमित्रा देवी कसडेकर ने भी इस्तीफा दे दिया था. 23 जुलाई को मांधाता विधायक ने भी कांग्रेस से दूरी बना ली. इस तरह मार्च से अब तक पार्टी से इस्तीफा देने वालों की संख्या अब 25 हो गई है. वहीं दो विधायकों का निधन हो गया है. जिसके बाद मध्य प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है.

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