76,000 नेताओं को BJP से जोड़ा, स्वागत के लिए 700 भी नहीं आए

कांग्रेस का सिंधिया पर तंज…

76,000 नेताओं को BJP से जोड़ा, स्वागत के लिए 700 भी नहीं आए


ग्वालियर। मध्य प्रदेश में उपचुनाव से पहले बीजेपी में मनमुटाव का दौर चल रहा है. ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में आने से ग्वालियर-चंबल संभाग के नेता खासे नाराज हैं. उनकी ये नाराजगी राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के ग्वालियर दौरे के दौरान भी देखने को मिली. जहां पार्टी का कोई भी बड़ा नेता उनसे मिलने नहीं पहुंचा. इस पर कांग्रेस ने सत्तारुढ़ पार्टी पर चुटकी ली है. कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि बीजेपी के स्थापित नेता सिंधिया को अपना नेता नहीं मान रहे हैं. दरअसल राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने गढ़ ग्वालियर में दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं. इस दौरान उनके समर्थकों ने सिंधिया का भव्य स्वागत किया. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए लोग उनसे मिलने पहुंचे. 

हालांकि इस दौरान पार्टी के जिला अध्यक्ष कमल मखीजानी के अलावा बीजेपी का कोई भी बड़ा नेता उनसे मिलने नहीं पहुंचा. बीजेपी पर तंज कसते हुए कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि सिंधिया जी दावा करते हैं कि 76,000 से अधिक कार्यकर्ता कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए हैं, लेकिन उनके स्वागत के लिए 700 लोग भी नहीं पहुंचे.इससे साफ है कि अभी भी गुटबाजी हावी है और बीजेपी के स्थापित नेता सिंधिया को अपना नेता नहीं मान रहे हैं.वहीं कांग्रेस के इन आरोपों पर सिंधिया समर्थक और मध्य प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने पटलवार किया है. उन्होंने कहा कि क्या मीडिया मुझे स्थापित कार्यकर्ता नहीं मानती है. मैं बीजेपी का ही नेता हूं और मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री हूं. आपको बता दें कि इससे पहले राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर-चंबल संभाग में सदस्यता अभियान का आगाज किया था. 

बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने दावा किया था कि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के ग्वालियर, गुना, भिंड व मुरैना संसदीय क्षेत्रों के 76 हजार 361 कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा की सदस्यता ली है. गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में आने से ग्वालियर में पार्टी के दिग्गज नाराज हैं. कहा जा रहा है कि उपचुनाव में ग्वालियर-चंबल के सभी सीटों पर बीजेपी उन्हीं उम्मीदवारों को टिकट देगी, जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ कर आए हैं.क्योंकि ग्वालियर को सिंधिया का गढ़ माना जाता है. लेकिन इस क्षेत्र से बीजेपी के कई कद्दावर नेता भी हैं, जो पूर्व में शिवराज सरकार में मंत्री भी रहे हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में ये लोग कांग्रेस उम्मीदवारों से चुनाव हार गए थे, जिन लोगों से ये लोग चुनाव हारे थे, वह अब बीजेपी में हैं. ऐसे में सभी अपने सियासी करियर को लेकर चिंतित हैं.

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