शिवराज ने सोनिया से की अमरिंंदर की शिकायत

कमलनाथ से लेकर राहुल और कांग्रेस पार्टी पर साधा निशाना…

शिवराज ने सोनिया से की अमरिंंदर की शिकायत

मध्यप्रदेश के बासमती चावल के एक भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग को लेकर अब सियासत दो राज्यों से निकलकर दिल्ली तक पहुंच गई है। एक दिन पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा, तो शुक्रवार को शिवराज सिंह चौहान ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर जबाव दिया। इसमें उन्होंने अमरिंदर से लेकर राहुल गांधी, कमलनाथ और कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्हें किसानों का दुश्मन तक बता दिया। इतना ही नहीं उन्होंने इसे पाकिस्तान को फायदा और मध्यप्रदेश के साथ देश के नुकसान से भी जोड़कर बता दिया।

कमलनाथ ने शिवराज के पत्र पर पलटवार करते हुए सात ट्वीट किए हैं। उन्होंने लिखा कि बड़ा ही आश्चर्यजनक है कि मध्यप्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैग मिले, इसको लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री के प्रधानमंत्री को लिखे पत्र का जवाबी पत्र हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री को लिखने की बजाय सोनिया गांधी जी को पत्र लिख दे रहे है ? इसी से समझा जा सकता है कि उनको इस मामले में कितनी समझ है ? कमलनाथ ने लिखा- 'उन्हें सिर्फ़ राजनीति करना है , किसान हित से व प्रदेश हित से उनका कोई लेना- देना नहीं है। यदि वो अपनी पिछली सरकार में 10 वर्षों में इसके लिये ठोस प्रयास कर लेते तो शायद आज प्रदेश के किसानों को अपना हक़ मिल चुका होता।'

मुख्यमंत्री शिवराज ने शुक्रवार को अधिकारिक लेटर पेड पर दो पेज का एक पत्र सोनिया गांधी को संबोधित करते हुए लिखा है। इसमें उन्होंने सवाल तंज कसते हुए किया कि राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के 10 दिन के अंदर किसानों के कर्ज माफी की बात कही थी। इसे कमलनाथ ने मजाक बना दिया। इतना ही नहीं उन्होंने किसानों की फसल बीमा की राशि भी नहीं भरी। इससे किसानों को दावा नहीं मिल पाया।

अब अमरिंदर जी मध्यप्रदेश के किसानों के खिलाफ खड़े हो गए हैं। आखिर कांग्रेस की मध्यप्रदेश के किसानों से दुश्मनी क्या है। अमरिंदर ने बासमती को जीआई टैग दिए जाने के मामले में पाकिस्तान को जोड़कर खराब राजनीति की है। क्या कांग्रेस मध्यप्रदेश के किसानों को बढ़ता हुआ देखना नहीं चाहती है। आखिर उनसे दुश्मनी क्या है। मैं, नहीं बल्कि प्रदेश का हर किसान आपसे यह प्रश्न कर रहा है। आप से शीघ्र उत्तर की आशा है।

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