अब 11वीं नहीं 9वीं से ले सकेंगे विषय,खत्म हुआ स्ट्रीम सिस्टम

अपनी इच्छानुसार विषय ले पाएंगे स्टूडेंट…
अब 11वीं नहीं 9वीं से ले सकेंगे विषय,खत्म हुआ स्ट्रीम सिस्टम

नई शिक्षा नीति से आने वाले समय में एजुकेशन सिस्टम में कई बड़े बदलाव नजर आएंगे। नई नीति के तहत स्टूडेंट अब कक्षा 11वीं से नहीं, बल्कि कक्षा 9वीं में सब्जेक्ट चुन सकेंगे। अब तक साइंस, कॉमर्स व ह्यूमैनिटीज जैसी स्ट्रीम्स ही स्टूडेंट्स काे चुननी पड़ती थी। स्ट्रीम सिस्टम अब खत्म कर दिया गया है। स्टूडेंट अपनी इच्छानुसार विषय ले पाएंगे। आर्ट्स के साथ साइंस, कॉमर्स के साथ कोई भी मनपसंद विषय लेकर पढ़ाई कर सकेंगे। एक्सपर्ट्स के अनुसार ये नियम लागू होने के बाद पहले साल से लगभग 50 फीसदी स्टूडेंट क्रॉस सब्जेक्ट लेकर पढ़ाई करने को तवज्जो देंगे। नई शिक्षा नीति के तहत अब 6वीं से 8वीं तक के स्टूडेंट्स को वोकेशनल ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके तहत स्टूडेंट्स को कोडिंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के साथ ही रोजमर्रा की जिंदगी में आने वाली प्रैक्टिकल प्रॉब्लम को सॉल्व करने की ट्रेनिंग दी जाएगी। बात करें प्ले स्कूल की तो इसमें बच्चों काे किताबों के बजाय खेल-खेल में पढ़ाई कराई जाएगी। साथ ही टीचर्स को हर एकेडमिक ईयर में 50 घंटे की ट्रेनिंग लेनी होगी।

ये मिलेगा विद्यार्थियों को फायदा
  • अभी तक कोई छात्र साइंस स्ट्रीम लेता था तो उसे कैमिस्ट्री और फिजिक्स विषय भी पढ़ना पड़ता थाे। नई नीति में यदि छात्र फिजिक्स में कमजोर है तो इसे बदलकर किसी भी आर्ट ओरिएंटेड सब्जेक्ट को ले सकता है। जिससे उसकी रुचि उस विषय में बढ़ेगी और स्कोर भी बेहतर आएगा।
  • इसका असर बच्चों की सक्सेस रेट और प्रोेडक्टिविटी पर पड़ेगा। अब वे प्रैक्टिकल और थ्योरीटिकल दोनों ही अच्छे से पढ़ सकेंगे। इससे उनकी परफॉर्मेंस भी सुधरेगी।
  • बोकेशनल स्किल कोर्स की वजह से बच्चों को जाॅब के अवसर मिलेंगे। अब वे कक्षा 12वीं पूरा करने के बाद से ही जॉब शुरू कर सकेंगे।

ये हुए कुछ अहम बदलाव
  • अब कक्षा 6वीं से 8वीं तक के छात्रों को वोकेशनल ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके तहत उन्हें कोडिंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की प्रैक्टिकल भी कराए जाएंगे।
  • प्ले स्कूल में बच्चों काे किताबों के बजाय खेल-खेल में पढ़ाई कराई जाएगी। जिससे उन्हें पढ़ाई बोझिल नहीं लगे और और उनकी नॉलेज बढ़ेगी।
  • टीचर्स को अब हर एकेडमिक ईयर में 50 घंटे की ट्रेनिंग लेनी होगी। इसका मकसद टीचर्स को पढ़ाने के रोचक तरीकों से लगातार अपडेट रखना है।
  • ऐसे समझें स्कूल एजुकेशन का नया पैटर्न

तीन साल की उम्र में बच्चों को प्ले स्कूल में एडमिाश्न दिया जाएगा। कुल 15 साल की पढ़ाई के बाद 18 साल की उम्र में स्कूल एजुकेशन पूरी होगी। 5+3+3+4 पैटर्न के तहत प्ले स्कूल में बच्चों को तीन साल पढ़ाई करनी होगी। इसके बाद पहली से दूसरी तक की पढ़ाई करेंगे। इसे नाम दिया गया है फाउंडेशन क्लासेस। प्रीपरेट्री स्टेज के तहत तीसरी से पांचवीं तक की पढ़ाई हाेगी। मिडिल स्टेज के तहत कक्षा 6वीं से लेकर कक्षा 8वीं तक की पढ़ाई हाेगी। सेकंडरी स्टेज के तहत कक्षा 9वीं से कक्षा 12वीं तक पढ़ाई हाेगी। सेकंडरी स्टेज में स्टूडेंट पसंद के विषय चुन सकेंगे। नई शिक्षा नीति का उद्देश्य युवाओं को पढ़ाई के साथ- साथ आंत्रप्रेन्योर की दिशा में तैयार करना है।

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