सीमा पर तनाव कम करने पर सहमत हुआ चीन

NSA अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री में हुई बातचीत...
सीमा पर तनाव कम करने पर सहमत हुआ चीन

नई दिल्ली। करीब तीन महीने के गतिरोध के बाद भारत और चीन तनाव कम करने पर सहमत हो गए हैं. रविवार को दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों की बातचीत हुई, जिसके बाद डिसइंगेजमेंट और डी-एस्केलेशन पर दोनों पक्ष सहमत हो गए. इसके साथ ही सीमा पर मई जैसी यथास्थिति बहाल करने पर भी चीन ने भारत से सहमती जताई है. 15 जून की घटना के बाद चीन को लेकर भारत का रवैया पूरी तरह से बदल गया. भारत ने चीन को संदेश देने के लिए कई कदम भी उठाए, वहीं कोर कमांडर स्तर पर तीन बैठकें हुईं, डिप्लोमैटिक स्तर पर भी दो बार अहम बैठकें हुईं. लेकिन चीन अपने रवैये पर अड़ा रहा. शुक्रवार को पीएम मोदी के लेह दौरे ने भारत का रुख बिल्कुल साफ कर दिया. पीएम मोदी ने सीधे लेह से चीन को स्पष्ट संदेश दिया. 

सूत्रों ने बताया कि पीएम के दौरे के बाद भारत-चीन के बीच 48 घंटों तक संवाद का सिलसिला जारी रहा और रविवार को दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच 2 घंटे तक विस्तार से बातचीत हुई, जिसमें दोनों देश सीमा पर तनाव कम करने के लिए सहमत हो गए. भारत और चीन के बीच विदेश प्रतिनिधि स्तर पर बातचीत पहले भी होती रही है. अभी तक स्पेशल रिप्रेजेन्टेटिव स्तर पर 22 दौर की बातचीत हो चुकी है. रविवार को हुई बातचीत में NSA अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी शामिल हुए जो करीब 2 घंटे तक चली. बैठक में भारत-चीन सीमा के पश्चिमी सेक्टर में हाल की घटनाओं पर चर्चा हुई. बैठक में दोनों सेनाओं के पूरे डिसइंगेजमेंट और सीमावर्ती इलाकों से डी-एस्केलेशन और शांति बहाली पर सहमति बनी, वहीं डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया में तेज़ी पर भी सहमति बनी. 

सूत्रों ने बताया कि चीन मई के जैसी यथास्थिति बनाने पर भी सहमत हो गया है, वहीं जिन ढांचों का निर्माण किया गया था, उन्हें भी हटाया जाएगा. भारत और चीन ने माना कि LAC का सख्ती से पालन हो और यथास्थिति में एक तरफा बदलाव न किया जाए. विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार सैन्य और राजनियिक स्तर पर भी बातचीत जारी रहेगी और दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधि भी बातचीत करेंगे, ताकि शांति सुनिश्चित हो सके. साथ ही भारत चीन मिलकर काम करेंगे, ताकि भविष्य में सीमा पर शांति भंग करनेवाली घटनाएं न हो. वहीं, चीन के विदेश मंत्रालय ने भी कल की बातचीत पर जानकारी दी और दोहराया कि मतभेद विवाद न बने, इस दिशा में दोनों देश काम करेंगे.

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