युवक ने एक ही मंडप में की दो लड़कियों से शादी

समाज के लोगों ने बुलाई पंचायत…
युवक ने एक ही मंडप में की दो लड़कियों से शादी

बैतूल । जिले की घोड़ाडोंगरी तहसील के ग्राम केरिया में एक युवक की एक साथ 2 युवतियों से शादी के मामले में प्रशासन ने इसे पूरी तरह पुलिस का मामला बताया है। एसडीएम शाहपुर का कहना है कि पुलिस ही जांच करके तय कर सकती है कि वह सही है या गलत। इधर एसडीओपी का स्पष्ट कहना है कि जब तक उनके पास कोई शिकायत नहीं आएगी, तब तक पुलिस कुछ नहीं कर सकती। दूसरी ओर कानूनविदों का भी मानना है कि यदि किसी समाज में कोई प्रथा पहले से चल रही है और वह समाज उसे सहजता से मान्य भी कर रहा है तो वह अपराध नहीं माना जाएगा। हाल ही में घोड़ाडोंगरी के केरिया गांव में एक युवक की 2-2 दुल्हनों से विवाह का वीडियो वायरल होने पर वह खासा चर्चा में आ गया है। युवक संदीप उईके ने होशंगाबाद जिले की एक युवती एवं घोड़ाडोंगरी तहसील के कोयलारी गांव की एक अन्य युवती से एक साथ विवाह किया है। युवक भोपाल में रहकर पढ़ाई कर रहा था।

उसी बीच होशंगाबाद जिले की युवती से उसकी दोस्ती हो गई। इसी बीच घर वालों ने कोयलारी गांव की युवती के साथ उसका विवाह तय कर दिया। इसके बाद विवाद होने लगा। इसे देखते हुए विवाद को दूर करने के लिए तीनों परिवारों एवं समाज के लोगों ने पंचायत बुलाई। इसमें निर्णय लिया गया कि दोनों लड़कियां युवक के साथ रहने के लिए तैयार हैं, तो दोनों की शादी लड़के से करा दी जाएं। दोनों लड़कियां राजी हो गईं और युवक से उनकी शादी हो गई। इस मामले में शाहपुर एसडीएम आरएस बघेल का कहना है कि इस मामले से राजस्व विभाग या प्रशासन का कोई सरोकार नहीं है। यह पुलिस का मामला है और वह जांच कर यह देख सकता है कि कानून के विरूद्ध तो नहीं है और कार्रवाई भी कर सकता है। हमने पुलिस को जांच के लिए लिख दिया है। यदि बाल विवाह होता या एक पत्नी के जिंदा होते हुए दूसरी शादी जैसा मामला होता तो हम इसमें कार्रवाई कर सकते थे। 

इधर सारणी एसडीओपी अभयराम चौधरी का कहना है कि यदि किसी पर दबाव देकर या जबर्दस्ती शादी की जाए तो वह अपराध है। अभी तक उस मामले में हमारे पास ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है। यदि ऐसी कोई शिकायत आती है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में कानूनविद (वरिष्ठ सहायक लोक अभियोजन अधिकारी) ओपी सूर्यवंशी कहते हैं कि रूढ़यिों और प्रथाओं को भी कानून में मान्यता है। किसी समाज में यदि कोई प्रथा पहले से चली आ रही हो, समाज में उसे लेकर कोई विरोध या विवाद की स्थिति नहीं है और सहजता से मान्य की जा रही हो तो उसे कानून के विरूद्ध नहीं माना जा सकता बल्कि अपवाद के रूप में मान्य किया जाता है। आदिवासी समाज में भी यदि एक से अधिक विवाह होते हैं और कोई विरोध जैसी स्थिति नहीं हो तो इसमें भी कानून के उल्लंघन या अपराध जैसी कोई स्थिति नहीं मानी जा सकती है।

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