शुक्रवार को लद्दाख जाएंगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

LAC पर जारी तनाव के बीच…
शुक्रवार को लद्दाख जाएंगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

नई दिल्ली। सीमा पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख जाएंगे. उनके साथ थलसेना अध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे भी होंगे. रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख ईस्टर्न लद्दाख में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे और हालात का जायजा लेंगे. जाहिर है कि ये दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब एलएएसी पर भारत और चीन के बीच तनाव का माहौल है. सूत्रों के मुताबिक, लद्दाख यात्रा के दौरान सिंह सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर सकते हैं. भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले सात सप्ताह से पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में कई जगहों पर गतिरोध की स्थिति बनी हुई है. पिछले महीने 14/15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़पों में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद तनाव और बढ़ गया. 

इस झड़प में चीन के सैनिक भी हताहत हुए लेकिन उसने अभी तक उनकी संख्या नहीं बताई. गौरतलब है कि एलएसी पर चीन अपनी चालबाजी दिखा रहा है. हालांकि, भारत ने चीन को दो टूक कहा है कि जब तक सीमा पर चीनी सैनिकों की तैनाती नहीं होगी, तब तक विश्वास बहाल नहीं हो सकता है. दरअसल, मंगलवार को दोनों देशों के कमांडर्स की बैठक हुई थी. इसमें भारत ने चीन से ये बात कही. सूत्रों के मुताबिक, दोनों देशों के बीच अभी और भी बैठकें होंगी. बता दें कि मंगलवार को भारत और चीन के कमांडर स्तर की वार्ता करीब 12 घंटे तक चली. दोनों देशों ने इस बात पर जोर दिया कि तनाव को घटाया जाए. सेना के सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी. पूर्वी लद्दाख में सात सप्ताह से दोनों सेनाओं के बीच बढ़े तनाव को खत्म करने के मकसद से कमांडर स्तरीय वार्ता हुई है. 

सूत्रों ने बताया कि बैठक में हुई चर्चा से व्यक्त होता है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव घटाने के लिए दोनों पक्ष प्रतिबद्ध हैं. आपसी सहमति योग्य समाधान पर पहुंचने के लिए सैन्य, कूटनीतिक स्तर पर और बैठकें होने की संभावना है. उन्होंने बताया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पीछे हटने की प्रक्रिया जटिल है और इस संदर्भ में कयास आधारित, बिना प्रमाण वाली रिपोर्ट से परहेज करना चाहिए. सूत्रों के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख के चुशूल सेक्टर में एलएसी के भारतीय हिस्से में यह वार्ता हुई. बैठक दिन में 11 बजे शुरू हुई और करीब 12 घंटे तक चली. एक सूत्र ने बताया, ‘‘बैठक लंबी चली, कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मद्देनजर बिना समय गंवाए प्रभावी तरीके से बैठक हुई. वार्ता एलएसी पर तनाव घटाने के लिए दोनों पक्षों की प्रतिबद्धता को दिखाता है.’’

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