बिहार सरकार ने पुल ढहने की खबर को बताया झूठ

मुख्य पुल से दूर छोटे पुल की सड़क ढही...
बिहार सरकार ने पुल ढहने की खबर को बताया झूठ

बिहार सरकार ने दावा किया है कि 264 करोड़ की लागत से बना सत्तर घाट पुल नहीं टूटा है. सरकार की ओर से बकायदा एक वीडियो जारी किया गया है. मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि सत्तरघाट पुल में 3 छोटे ब्रिज हैं. सत्तरघाट ब्रिज से 2 किलोमीटर दूर छोटे ब्रिज का अप्रोच केवल पानी के तेज बहाव से कटा है. बिहार सरकार की ओर से जारी वीडियो में कहा गया कि सत्तर घाट पुल के क्षतिग्रस्त होने की झूठी खबर चल रही है.

सत्तर घाट मुख्य पुल से करीब दो किलोमीटर दूर गोपालगंज की ओर एक 18 मीटर लंबाई के छोटे पुल का पहुंच पथ कट गया है. यह छोटा पुल गंडक नदी के बांध के अंदर है. बिहार सरकार ने कहा कि गंडक नदी में पानी का दबाव गोपालगंज की ओर से ज्यादा है. इस कारण पुल का सड़क का हिस्सा कट गया है. यह अप्रत्याशित पानी के दबाव के कारण हुआ. इस कटाव से छोटे पुल की संरचना को कोई नुकसान नहीं हुआ है.

मुख्य पुल पूरी तरह से सुरक्षित है. पानी दबाव कम होने पर यातायात चालू कर दिया जाएगा. बिहार सरकार ने कहा कि इस योजना में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है. यह प्राकृतिक आपदा है, विभाग पूरी तरह से मुस्तैद है. इससे पहले पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि सत्तर घाट का पुल बिल्कुल सुरक्षित है. बांध के अंदर एक पुल है, जिसका सिर्फ अप्रोच रोड बह गया है. यह प्राकृतिक आपदा है. 

इसमें तो सड़कें बह जाती है, पुल टूट जाते हैं. गंडक नदी में आई बाढ़ से गोपालगंज जिले में बैकुंठपुर के फैजुल्लाहपुर में छपरा- सत्तरघाट मुख्य पथ को जोड़ने वाले छोटे पुल का एक हिस्सा गिर गया. 2012 में इस पूरे प्रोजेक्ट निर्माण शुरू हुआ था. 264 करोड़ की लागत से इस प्रोजेक्ट का निर्माण हुआ और पिछले 16 जून को सीएम नीतीश कुमार ने वर्चुअल तकनीक से इस महासेतु का उद्घाटन किया.

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