ये "भारत" मेरा अमर रहे...
ये "भारत" मेरा अमर रहे...
भारत के मौसम विभाग द्वारा इन दिनों POK के क्षेत्रों का मौसम का हाल बताया जा रहा है। इसमें पाकिस्तान को POK छीने जाने का डर सता रहा है। यही कारण है की POK के प्रधानमंत्री हैदर ने पाकिस्तान के पीएम इमरान से सेना भेजने की गुहार लगायी है। ऐसे में भारत के नागरिक क्या चाहते हैं ? उनका पाकिस्तान को एक स्पष्ट सन्देश भूपेंद्र भोजराज द्वारा रचित इस कविता के माध्यम से दिया जा रहा है।
केशर की बगिया में हमने,
कुछ नाग विषैले पाले हैं ।
कैसे कुचले फन उनका हम,
हम ही उनके रखवाले है ।
उनको संरक्षण है जिनका,
वो खुद भूखे और नंगे हैं ।
ईमान बिका गद्दारों का,
घर में करवाते दंगे हैं ।
घाटी की गलियों में पग- पग ,
बारूद विछाई जाती हैं ।
उन गद्दारों की लाशों पर,
शहनाई बजाई जाती है ।
मुल्क तुम्हारा है गिरवी,
औकात तुमहारी घायल है ।
ज़बरन का जो अधिकार रचा,
वो काश्मीर हमारा है।
लाहौर कराची ले लेंगे,
तू कहता है जो तेरा है ।
हर शाख तुम्हारी दहशत है,
आतंक का उल्लू पाले हो ।
तुम गद्दारों का धर्म नहीं,
रक्षक को डसने वाले हो ।
एक बार हमें आज्ञा दे दो,
सबको जन्नत पहुंचा देंगे ।
जिनको जल्दी है मरने की,
हूरों से उन्हे मिला देंगे ।
तेरी परिभाषा कायरता,
देखी है हमने घाटी में ।
घर में घुसकर दफना देंगे,
तुझको तेरी ही माटी में ।
पृथ्वी पिनाक की आतुरता,
जब आसमान पिघलाएगी ।
दहाड़ हिंद की सेना की,
मिट्टी में तुझे मिलाएगी ।
अब तो हिसाब हो जाने दो,
हर बार शहीदी गिनती का ।
रण भेरी को बजने दो,
मतलब क्या अब विनती का।
अब ना तुझको हम माफ़ करें,
इस बार आखिरी रण होगा ।
ये "भारत" मेरा अमर रहे,
पर पाकिस्तान नहीं होगा ।
जय हिंद जय भारत
भूपेंद्र" भोजराज "भार्गव
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