मंडल परीक्षा की तारीखों में करे बदलाव : समग्र शिक्षक संघ

सभी शिक्षण संस्थाओं को सैनिटाइज कराने की उठाई बात…
मंडल परीक्षा की तारीखों में करे बदलाव : समग्र शिक्षक संघ

भोपाल। म प्र. शासन मा. शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा आगामी 8 जून से बारहवी परीक्षा के शेष प्रश्नपत्र करवाने के निर्णय पर समग्र शिक्षक संघ ने जल्दबाजी मे लिया गया निर्णय बताते हुए,इस पर छात्र हित में विभाग से पुनर्विचार करने की मांग उठाई है, संघ की ओर से जारी विज्ञप्ति में संघ के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीपसिंह पंवार ने स्पष्ट किया है कि कोरोना सक्रमंण से देश, प्रदेश में मामले लगातार बढ़ रहे है,विशेषज्ञों ने भी जून माह में संक्रमण में वृद्धि की आशंका व्यक्त की है l 

जिसने सबसे ध्यान देने वाला पहलू है कि सूचीबद्ध किए गए परीक्षा केंद्र व स्कूल कोरोनटाइन सेंटर रह चुके है ऐसी स्थिति मे इन संस्थानों को बिना सैनिटाइज किए उपयोग में लेना छात्र व परीक्षा से जुड़े अमले के लिए कितने सुरक्षित रहेंगे, इस पर विभाग ने अभी तक विचार नहीं किया, भीषण गर्मी में एक दिन में दो पारियों में परीक्षा संचालित कराना मंडल का दूरदर्शी निर्णय नहीं कहा जा सकता,भीषण गर्मी में 1 दिन में 2  परीक्षाये संचालित कराना पर्यवेक्षकों के लिए आसान नहीं होगा l

इसके अलावा केन्द्राध्यक्ष के रूप मे कई जिलो मे प्राचार्य,व्याख्याता सौ से डेढ सौ कि मी की दूरी पर लगाये गये है, उनके आवागमन हेतु परिवहन व्यवस्था भी निरंतर बाधित है, समग्र शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश दुबे के अनुसार संक्रमण के इस दौर मे जबकि संक्रमण के मामले बढ़ रहे है माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा लिए गए निर्णय से  केन्द्राध्यक्षो के साथ साथ छात्र और पालक भी मानसिक त्रासना के दौर मे होगे, ऎसी स्थिति में केंद्रीय बोर्ड की तर्ज पर परीक्षा की तिथि जून के स्थान पर जुलाई माह में कराने पर विभाग विचार करे!

समग्र शिक्षकसंघ मप्र के प्रांताध्यक्ष सुरेश चन्द्र दुबे ने विभाग को लिखे पत्र में प्रदेश के सभी स्कूलों को नगर पालिका नगर निगम और ग्राम पंचायतों के माध्यम से सैनिटाइज तथा जलापूर्ति  साफ सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित कराने का भी आग्रह किया है,  मप्र के कई विधालय को कोरोना  के बीमारी से निपटने के लिए कंट्रोल रुम कोराइन सेन्टर बना रखा है संगठन का तर्क है कि भले ही विभाग ऑनलाइन शिक्षण कराएं लेकिन एडमिशन करने व कराने के लिए तो शिक्षकों, छात्रों और पालकों को विद्यालय ही आना पड़ेगा,ऐसी स्थिति में विभाग को इस बिंदु पर भी गंभीरतापूर्वक विचार कर निर्णय लेना चाहिए!

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