लॉकडाउन में भी कुछ शैक्षणिक संस्थानों में वेतन और फीस वसूली के नाम पर हो रही मनमानी !

ऑनलाइन कोर्स के बहाने फीस वसूली की तैयारी…

लॉकडाउन में भी कुछ शैक्षणिक संस्थानों में वेतन और फीस वसूली के नाम पर हो रही मनमानी !




देश में कोरोना महामारी और लॉक डाउन के चलते अनेक लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।  प्राइवेट सेक्टर में तो यह हालात बन गए हैं कि लॉक डाउन के चलते प्राइवेट स्कूल/कॉलेज मौके और हालात को समझते हुए उनके यहां कार्यरत लोगों के साथ मनमानी वाला व्यवहार कर रही है। और नौकरी जाने के डर से लोग ऐसे हालात में इनका विरोध भी नहीं कर पा रहे हैं इसलिए जैसा यह लोग कह रहे हैं वैसा मानने को विवश है।

लोगों की समस्याओं और आर्थिक परेशानियों को देखते हुए शासन ने भी इन स्कूल/कॉलेज के संचालको से आग्रह किया है कि लॉक डाउन के बीच  की सैलरी ना काटी जाए । और वर्करों को पूर्व की भांति हीसैलरी वितरित की जाए। क्योंकि यह लोग खुशी से छुट्टियां नहीं कर रहे हैं महामारी के चलते इन्हें मजबूरी में छुट्टी मनानी पड़ रही है।  हर ज़िम्मेदार और सक्षम व्यक्ति अपनी जिम्मेदारिओ को निभाने की कोशिश कर रहा है।

वही स्टूडेंट्स को हो रहे पढ़ाई के नुकसान की भरपाई करने के लिए शासन ने विद्यार्थियों के लिए तमाम ऑनलाइन कोर्सेज चला रखे जिससे कि उनके पढ़ाई का नुकसान ना हो।  इसी ऑनलाइन व्यवस्था की ढाल बनाकर तमाम स्कूल व कॉलेज वाले बच्चों के पेरेंट्स से फीस वसूली की प्लानिंग कर रहे हैं  व  शासन के आदेश के विपरीत लॉक डाउन पीरियड के बीच के 3 माह की फीस  वसूली के लिए पलकों पर दबाव बना रहे हैं। और इसके लिए वे सहारा ले रहे हैं ऑनलाइन कोर्स करवाने  बात कहकर।

जबकि शासन ने पहले से तय कर रखा है कि मई-जून की फीस पलकों से न वसूली जाए, लेकिन स्कूल वाले हैं कि मानते ही नहीं वह किसी न किसी बहाने से पलकों से मई-जून की फीस भी वसूल कर ही लेते हैं । बच्चे के भविष्य को ध्यान में रखते हुए पेरेंट्स भी इनका खुलकर के विरोध नहीं कर पाते हैं। वही बहुत से ज़िलो मे तो कही कही अभी तक फ़रवरी माह की भी वेतन लॉकडाउन का कारण बताकर नही दिया गया है, कही कही स्कूल और कॅलिजो मैं फ़ीस ना आने के कारण वेतन मे कटौती भी करी जाने की खबर आई है|

बहुत से निज़ी स्कूल और कॅलिजो काम करने वाले अध्यापक और अन्य कर्मचारी वेतन ना मिलने से अपनी आर्थिक स्थिति से बहुत परेशान है और नौकरी जाने का डर भी उनको और ज़्यादा परेशान कर रहा है | ध्यान देने की बात ये है की बहुत से निज़ी स्कूलों और कॉलेजों के प्रबंधकों के आदेश अनुसारअध्यापको द्वारा और ऑनलाइन क्लास और सब्जेक्ट्स के नोट्स भी दी छात्रों को दिए जा रही है ताकि समय से उनका पाठ्यक्रम पूरा हो सके |

हमारी तरफ से सभी देश के निज़ी स्कूल और कॅलिजो के प्रबंधकों को अपील की वह गत माह का वेतन जल्दी ही वितरण करे और अपने समाज और देश के प्रति ज़िम्मेदार निभाए । और यदि ये स्कूल संचालक ऐसा नहीं करते हैं तो  भारत सरकार और राज्य सरकार को  ऐसे निज़ी स्कूल और कॅलिजो के प्रबंधकों के खिलाफ कड़ी करवाई करना चाहिए।

Comments