लॉकडाउन मतलब पूरा लॉकडाउन : शिवराज सिंह चौहान

मुख्यमंत्री श्री चौहान की अधिकारियों को दो-टूक...

लॉकडाउन मतलब पूरा लॉकडाउन : शिवराज सिंह चौहान


भोपाल। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के उपायों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कमिश्नर, कलेक्टर और स्वास्थ्य अधिकारियों से फीडबैक लिया। उन्होंने अधिकारियों से दो-टूक कहा कि केंद्र सरकार के कोरोना को लेकर जो भी निर्देश हैं, उनका सौ फीसदी पालन होना चाहिए। लॉकडाउन का मतलब पूरा लॉकडाउन ही है। यह दवा कड़वी जरूर है, लेकिन स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

सीएम ने दिए यह निर्देश भी

  • इंदौर सहित अन्य प्रभावित नगरों की स्थिति पर विशेष नजर रखें।
  • रोजमर्रा की वस्तुओं की आपूर्ति के लिए पुख्ता व्यवस्था बनाई जाए।
  • अधिकारी अपने-आप को इस महामारी के खिलाफ युद्ध में झोंक दें।
  • गरीबों के भोजन और रहने की व्यवस्था की जाए।
  • छात्रों और बुजुर्गों की परेशानी को देखते हुए मदद की जाए।
  • किराएदारों से इस माह किराया न मांगा जाए और मकान भी खाली न कराए जाएं।
  • उज्जवला योजना में आगामी तीन माह तक रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त दिलवाने व राज्य सरकार द्वारा दी गई सहायता उपलब्ध कराएं।

मुख्यमंत्री ने इंदौर से जिलेवार व्यवस्थाओं की समीक्षा शुरू की। उन्होंने कलेक्टर मनीष सिंह से हालात पूछे। सिंह ने बताया कि लॉक डाउन का पूरा पालन कराया जा रहा है। रोजमर्रा की चीजें उपलब्ध कराने की व्यवस्था बनाई है। मुख्यमंत्री ने दूध की आपूर्ति के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि घर-घर आपूर्ति व्यवस्था बहाल रहेगी। इंदौर की व्यवस्थाओं का जायजा लेने सीएम इंदौर का दौरा कर सकते हैं।

मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने कहा कि इंदौर के संबंध में हमें यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि यहां से देश व प्रदेश में वस्तुओं की आपूर्ति होती है। यह किसी भी स्थिति में प्रभावित नहीं होनी चाहिए।

नगर निगम ने ऐसे नागरिकों के लिए विशेष सेवा शुरू की है जिनके घर में राशन पूरी तरह खत्म हो गया है। ऐसे लोग निगम के कंट्रोल रूम 0731- 4758822 पर फोन करके राशन सामग्री बुलवा सकते हैं। सुविधा का फायदा केवल वे ही नागरिक उठा सकेंगे जिनके पास राशन खत्म हो गया है और खाने की कोई व्यवस्था नहीं है।

बगैर ट्रैवल हिस्ट्री के कम्युनिटी से मरीज सामने आ रहे हैं। अभी हम दूसरी स्टेज पार कर तीसरी स्टेज के करीब (अपर सेकंड स्टेज) हैं। रोज नए मरीज सामने आ रहे हैं। इनका रुकना बेहद जरूरी है। नहीं तो हम तीसरी स्टेज पर पहुंच सकते हैं। - डॉ. प्रवीण जड़िया, सीएमएचओ

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