कोरोना वायरस इतना तांडव नही मचा पाया...
स्वदेश से प्रेम या छल !
आज हमारा राष्ट्र एक ऐसी भयानक महामारी से जूझ रहा है , जिससे अगर लड़ा नही गया तो जल्द ही एक भयावह रूप धारण कर लेगी। चीन के पड़ोसी होने के बावजूद कोरोना वायरस भारत पर इतना तांडव नही मचा पाया जितना इटली, अमरीका और दूर देशों में मचाया है । जांच से पता चला कि यह वायरस भारत में उन लोगों की देन है जो विदेशों से भारत आये ।
कुछ लोगों ने इलाज से भागना उचित समझा, कुछ ने अपनी यात्रा की जानकारी सही नही दी, कुछ ने बेहद लापरवाही का परिचय दिया और नतीजा आज हम सबके सामने है।
भारत सरकार ने अपनी संवेदनशीलता का परिचय देते हुए कई संक्रमित देशों से विशेष व्यावस्थाओं के साथ भारतीय मूल के नागरिकों को बचा कर निकाल लिया। इसके बदले में घर आने पर उन्ही लोगो ने अपनी जिम्मेदारी को दरकिनार कर अपने ही राष्ट्र में संक्रमण फैला दिया।
क्या यही स्वदेश के लिए प्रेम या कृतज्ञता दिखाने का तरीका होता है। आज सरकार, डॉक्टर्स, पुलिस, सफाई कर्मचारी और सभी जरूरी सुविधाओं को मुहैया कराने वाले कर्मचारी अपनी जान को खतरे में डाल कर इस महामारी से लड़ रहे हैं कि ये स्तिथि बद से बदतर न हो जाये। पढ़े लिखे लोग विदेशों से आकर 14 दिन के एकांत वास् पे न जाना पड़े इसीलिये अपने आपको छुपा रहे है क्या यही कर्तव्य है विदेश से लौटे भारतीयों का?
आज हम 14 दिन अपने परिवार से दूर रहने का उन्हें सुरक्षित रखने का कदम नही उठाएंगे तो क्या पता कभी जीवन भर उनके बिना रहना पड़े। हम डॉक्टर्स और सरकार की बात ना मानकर की घरों में रहिये , लोगों के संपर्क में मत आइये, हाँथ मत मिलाइये अपनी किस शिक्षा या दमदारी का परिचय दे रहे हैं?
अपना घर सभी को प्रिय होता है, और विदेशों से आये सभी भारतीय भाइयों बहनों को सरकार का शुक्रगुजार होना चाहिए कि उन्हें ऐसे आपातकाल में देश में वापस आने का मौका दिया ना कि और देशों की तरह अपने नागरिकों को मरने के लोए छोड़ दिया। पर आपका यह घर भी तभी तक सुरक्षित है जब तक विशाल वृक्ष रूपी आपका अपना स्वदेश भारत सुरक्षित है।
देश के लिए लड़कर शहीद होकर देश सेवा का सौभाग्य सबके भाग्य में नहीं होता, पर इस संकट के समय अगर हम सभी खासकर विदेशों से आये लोग अपने आप को सभी से दूर रखें तो यह भी देश सेवा जैसा ही है।
अगर आने वाले समय में इस महामारी ने भारत में विकराल रूप धारण किया तो आसानी से देशवासी सरकार और उनकी दी व्यवस्थाओं के ऊपर प्रश्न उठा देंगे, मगर जो लोग मना करने के बाद भी सड़कों पे निकल रहे हैं संक्रमित हो रहे हैं और संक्रमण फैला रहे हैं वो क्या आज अपने ज़िम्मेदार नागरिक होने का परिचय दे रहे हैं?
जैसे ही माननीय प्रधान मंत्री जी ने आदेश किया कि पूरा देश लोकडौन रहेगा पर ज़रूरत का सामान जैसे दूध, राशन, इत्यादि की कमी नहीं होने देंगे, तब भी कई शहरों में सुपर मार्केट्स पर भारी भीड़ लग गई, अपनी और दूसरों की जान दांव पे लगा के, इतनी इच्छाएं और डर क्यों ? क्या हम कुछ दिनों के लिए अपनी जरूरतों को सीमित नही कर सकते, क्या ये सब प्राणों से बढ़कर है? सोचिये ओर विश्वास रखिये, एकदिन सब ठीक होगा पर ऐसे नही हमारे आपके अनुशासित व्यवहार और समझदारी से।
इतना समय मिल है क्यों न घर बैठे अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं, योग करें प्राणायाम करें मुख्यतः उज्जायी प्राणायाम करें, शुद्धि क्रिया करें, एवम ध्यान करें व हर पल ईश्वर का धन्यवाद करें कि अब तक वो नही हुआ जो दूसरे देश अपनी लापरवाही और आधुनिकता का फल भोग रहे हैं। अपनी जड़ों से जुड़ें और इतिहास को देखते हुए इन नवरात्रों में प्रतिदिन हवन करें वातावरण को शुद्ध करें, एवं भोजन में नियम बनाएं जैसे एक बार भोजन करना, रात्रि भोजन का त्याग, मांसाहार का त्याग, ताकि घर बैठे शरीर स्वस्थ व हल्का रहे। ज्यादा वजन के साथ ही बीमारियां जल्दी पकड़ती हैं।
इटली, अमेरिका और चीन जैसे देशों ने जो गलती की उससे भी अगर कुछ न सीखा तो वही तबाही यहां भी हो सकती है। दूसरों की गलती से सीखकर सरकार ने इस संकट से लड़ने के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए है जो शायद अतीत में कभी नही उठाये गए, तो प्रत्येक भारत वासी का यह धर्म है कि मिलजुलकर पर एकदूसरे से दूरी बनाकर , घरों में बंद रहकर इस वायरस को खत्म कर दें और विश्व के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करें।
कृपा कर जो भी भारतीय मूल के लोग देश में आये हैं वो बीमार हों या न हों खुद को 14 दिन एकांत में रखे क्योंकि संक्रमित होने के बाद भी वायरस के चिन्ह कुछ दिनों बाद दिखते हैं पर तब तक एक व्यक्ति कई और व्यक्तियों को संक्रमित कर चुका होता है।जो देश में ही रहते हैं वो कृपा कर घर पर रहकर परिवार के साथ का आनंद लें।
हर भारतीय को इस विश्वव्यापी संकट के समय ये सोचना और तय करना होगा कि वो स्वदेश के साथ प्रेम प्रकट करें या उससे छल करें l कृपा कर घर पर ही रहें और स्वदेश को सुरक्षित रखें।
हर देशवासी भाई और बहन स्वस्थ और सुरक्षित रहें और अपने देशभक्त होने का परिचय दें।











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