आज का पांचांग


आज का पांचांग

 

  • दिनांक 19 फरवरी 2020
  • दिन - बुधवार*
  • विक्रम संवत - 2076
  • शक संवत - 1941
  • अयन - उत्तरायण
  • ऋतु - वसंत
  • मास - फाल्गुन (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - माघ)
  • पक्ष - कृष्ण
  • तिथि - एकादशी दोपहर 03:02 तक तत्पश्चात द्वादशी
  • नक्षत्र - पूर्वाषाढा पूर्ण रात्रि तक
  • योग - वज्र सुबह 07:51 तक तत्पश्चात सिद्धि
  • राहुकाल - दोपहर 12:41 से दोपहर 02:06 तक
  • सूर्योदय - 07:08
  • सूर्यास्त - 18:37
  • दिशाशूल - उत्तर दिशा में
  • व्रत पर्व विवरण - विजया एकादशी, वसंत ऋतु प्रारंभ
  • विशेष - हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है lराम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
  • आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
  • एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
  • एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
  • जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।

शुक्रवार, 21 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन की गई शिव पूजा से पिछले समय से चली आ रही परेशानियां खत्म हो सकती हैं और धन लाभ भी मिल सकता है। यहां जानिए शास्त्रों में बताए उपाए...

  • शिवरात्रि पर करें इन 8 में से कोई 1 उपाय, दूर हो सकती है परेशानी
  • महाशिवरात्रि पर रात में किसी शिव मंदिर में दीपक जलाएं । शिव पुराण के अनुसार कुबेर देव ने पूर्व जन्म में रात के समय शिवलिंग के पास रोशनी की थी इसी वजह से अगले जन्म में वे देवताओं के कोषाध्यक्ष बने।
  • महाशिवरात्रि पर छोटा सा पारद (पारा) शिवलिंग लेकर आएं और धर के मंदिर में इसे स्थापित करें। शिवरात्रि से शुरू करके रोज इसकी पूजा करें । इस उपाय से धर की दरिद्रता दुर होती है और लक्ष्मी कुपा बनी रहती है।
  • यदि आप चाहें तो शिवरात्रि पर स्फटिक के शिवलिंग की पूजा कर सकते हैं। धर के मंदिर में जल, दूध, दही, धी, शहद, और शकर से इस शिवलिंग को स्नान कराएं । मंत्र - ॐ नम: शिवाय ।  मंत्र जप कम से कम 108 बार करें।
  • हनुमानजी भगवान शिव के ही अंशावतार माने गए हैं। शिवरात्रि पर हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमानजी और शिवजी की प्रसन्नता प्राप्त होती है। इनकी कृपा से भक्त की सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं।
  • कसी सुहागिन को सुहाग का सामान उपहार में दें । जो लोग यह उपाय करते है, उनके वैवाहिक जीवन की समस्याएं दूर हो सकती हैं। सुहाग का सामान जैसे - लाल साड़ी, लाल चुडियां, कुमकुम आदि।
  • महाशिवरात्रि पर किसी जरुरतमंद व्यक्ति को अनाज और धन का दान करें। शास्त्रों में बताया गया है कि गरिबों को दान करने से पुराने सभी पापों का असर खत्म हो सकता है और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • जो लोग शिवरात्रि पर किसी बिल्व वृक्ष के नीचे खड़े होकर खीर और धी का दान करते हैं, उन्हें महालक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। ऐसे लोग जीवनभर सुख-सुविधाएं प्राप्त करते हैं और कार्यों में सफल होते हैं।
  • शिव पुराण के अनुसार बिल्व वृक्ष महादेव का रुप है। इसलिए इसकी पूजा करें।फूल, कुमकुम, प्रसाद आदि चीजें विशेष रुप से चढ़ाएं । इसकी पूजा से जल्दी शुभ फल मिलते हैं। शिवरात्रि पर बिल्व के पास दीपक जलाएं ।


महाशिवरात्रि

  • भगवान शिव बहुत भोले हैं, यदि कोई भक्त सच्ची श्रद्धा से उन्हें सिर्फ एक लोटा पानी भी अर्पित करे तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं। इसीलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। महाशिवरात्रि (21 फरवरी, शुक्रवार) पर शिव भक्त भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए अनेक उपाय करते हैं।
  • कुछ ऐसे ही छोटे और अचूक उपायों के बारे शिवपुराण में भी लिखा है। ये उपाय इतने सरल हैं कि इन्हें बड़ी ही आसानी से किया जा सकता है। हर समस्या के समाधान के लिए शिवपुराण में एक अलग उपाय बताया गया है। ये उपाय इस प्रकार हैं

महाशिवरात्रि पर करें ये आसान उपाय, प्रसन्न होंगे भोलेनाथ

शिवपुराण के अनुसार, जानिए भगवान शिव को कौन सा रस (द्रव्य) चढ़ाने से क्या फल मिलता है

  1. बुखार होने पर भगवान शिव को जल चढ़ाने से शीघ्र लाभ मिलता है। सुख व संतान की वृद्धि के लिए भी जल द्वारा शिव की पूजा उत्तम बताई गई है।
  2. तेज दिमाग के लिए शक्कर मिला दूध भगवान शिव को चढ़ाएं।
  3. शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाया जाए तो सभी आनंदों की प्राप्ति होती है।
  4. शिव को गंगा जल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।
  5. शहद से भगवान शिव का अभिषेक करने से टीबी रोग में आराम मिलता है।
  6. यदि शारीरिक रूप से कमजोर कोई व्यक्ति भगवान शिव का अभिषेक गाय के शुद्ध घी से करे तो उसकी कमजोरी दूर हो सकती है।

शिवपुराण के अनुसार, जानिए भगवान शिव को कौन-सा फूल चढ़ाने से क्या फल मिलता है-

  1. लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  2. चमेली के फूल से पूजन करने पर वाहन सुख मिलता है।
  3. अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने पर मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है।
  4. शमी वृक्ष के पत्तों से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है।
  5. बेला के फूल से पूजन करने पर सुंदर व सुशील पत्नी मिलती है।
  6. जूही के फूल से भगवान शिव का पूजन करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती।
  7. कनेर के फूलों से भगवान शिव का पूजन करने से नए वस्त्र मिलते हैं।
  8. हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।
  9. धतूरे के फूल से पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशन करता है।
  10. लाल डंठलवाला धतूरा शिव पूजन में शुभ माना गया है।
  11. दूर्वा से भगवान शिव का पूजन करने पर आयु बढ़ती है।


आमदनी बढ़ाने के लिए

  • महाशिवरात्रि पर घर में पारद शिवलिंग की स्थापना करें और उसकी पूजा करें। इसके बाद नीचे लिखे मंत्र का 108 बार जाप करें- ऐं ह्रीं श्रीं ऊं नम: शिवाय: श्रीं ह्रीं ऐं


  • प्रत्येक मंत्र के साथ बिल्वपत्र पारद शिवलिंग पर चढ़ाएं। बिल्वपत्र के तीनों दलों पर लाल चंदन से क्रमश: ऐं, ह्री, श्रीं लिखें। अंतिम 108 वां बिल्वपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद निकाल लें तथा उसे अपने पूजन स्थान पर रखकर प्रतिदिन उसकी पूजा करें। माना जाता है ऐसा करने से व्यक्ति की आमदानी में इजाफा होता है।
संतान प्राप्ति के लिए उपाय
  • महाशिवरात्रि की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव की पूजा करें। इसके बाद गेहूं के आटे से 11 शिवलिंग बनाएं। अब प्रत्येक शिवलिंग का शिव महिम्न स्त्रोत से जलाभिषेक करें। इस प्रकार 11 बार जलाभिषेक करें। उस जल का कुछ भाग प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।
  • यह प्रयोग लगातार 21 दिन तक करें। गर्भ की रक्षा के लिए और संतान प्राप्ति के लिए गर्भ गौरी रुद्राक्ष भी धारण करें। इसे किसी शुभ दिन शुभ मुहूर्त देखकर धारण करें।
बीमारी ठीक करने के लिए उपाय
  • महाशिवरात्रि पर पानी में दूध व काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें। अभिषेक के लिए तांबे के बर्तन को छोड़कर किसी अन्य धातु के बर्तन का उपयोग करें। अभिषेक करते समय ऊं जूं स: मंत्र का जाप करते रहें
  • इसके बाद भगवान शिव से रोग निवारण के लिए प्रार्थना करें और प्रत्येक सोमवार को रात में सवा नौ बजे के बाद गाय के सवा पाव कच्चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक करने का संकल्प लें। इस उपाय से बीमारी ठीक होने में लाभ मिलता है।
हस्तरेखा जन्मपत्रिका एवं वास्तु रत्न विशेषज्ञ ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी, 9425775282

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