आदिवासी परिवार का लड़का एक पहलवान,पहलवानों का ट्रेनर, और एक बेहतरीन क्रिकेटर

प्रतिभा किसी परिचय की मोहताज नहीं होती, वह अपनी मंजिल खुद तलास लेती है...

आदिवासी परिवार का लड़का एक पहलवान,पहलवानों का ट्रेनर, और एक बेहतरीन क्रिकेटर 


प्रतिभा किसी परिचय की मोहताज नहीं होती, वह अपनी मंजिल खुद तलास लेती है। इन पंक्तियों को चरितार्थ कर रहे हैं। आदिवासी संतोष गौंड जो एक पहलवान हैं पहलवानों के कोच साथ साथ एक बेहतरीन क्रिकेटर भी हैं। आपने खुद के बलबूते पर एक बेहतरीन क्रिकेट टीम का गठन किया और चल पड़े अपने सपनों की मंजिल की तलाश में... इस रास्ते पर आये कई मुकामों पर उन्होंने नई कामयाबी की इबारत भी लिख डालीं हैं। लेकिन उनका यह सफर अभी बाकी है।

उनके इस सफर में यदी व्यवस्था का सहयोग सामिल हो जाता तो, आज संतोष जितना गौरव ग्वालियर को दिलवाने का काम कर रहे हैं शायद उससे कहीं बड़कर ग्वालियर की हिस्सेदारी क्रिकेट के लिये होती। संतोष एक बेहतरीन ऑल राण्डर प्लेयर होने के साथ साथ बड़िया कप्तान भी हैं।

अभी तक उनकी टीम ने संतोष की कप्तानी में जितने भी मैच खेले हैं उनमे से 80 प्रतिशत मैंचों में सफलता ही पाई है। जिसकी गवाही उनके कमरे में भरी पड़ी ये ट्राफियां,शील्ड और मेडल्स हैं। संतोष गौंड के छोटे से 2 कमरों वाले घर में आज स्थिति यह है कि उनके पास इन ट्राफीज को रखने के लिये जगह नहीं है। वे जिस कमरे में रहते हैं उसी में इन्होंने सजा रखा है।

संतोष के अंदर क्रिकेट का जनून ऐसा है कि उन्हें जैसे ही कहीं मैच होने की सूचना मिलती है वे पैसे का इंतजाम करने निकल पड़ते हैं जिससे कि वे अपनी टीम के साथ इस मैच में भाग ले सकें। उनके इसी जनून के चलते उनकी मां, पत्निी के गहने जेवर भी गिरवी हो चुके हैं।

लेकिन फिर भी संतोष अपने मिशन में जुटे हुए हैं। संतोष का कहना है कि जब उनकी टीम मैच जीतती है और ग्वालियर का नाम विजयी टीम के साथ लिया जाता है। तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं होता है। वे ग्वालियर का नाम क्रिकेट की दुनिया में सबसे ऊपर देखना चाहते हैं।

मध्यमवर्गीय परिवार से संतोष के 92 वर्षिय पिता भी एक पहलवान हैं और वे वर्तमान में एक दर्जन से अधिक लड़कों को ट्रेंड करने का काम कर रहे हैं। संतोष का कहना है कि यदी शासन प्रसाशन कुछ सहयोग दे तो वे व उनका परिवार कुश्ती और क्रिकेट को ग्वालियर में नई ऊंचाईयों तक पंहुचाने का माद्दा रखते हैं। आप भी देखें संतोष के साथ जी न्यूज एडीटर चीफ रवि यादव के साथ एक छोटी सी मुलाकात की कुछ झलक...
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