लोगों से भरी बस नदी में गिरी, 24 की मौत

कोटा से सवाईमाधोपुर जा रही बस...

लोगों से भरी बस नदी में गिरी, 24 की मौत



बूंदी l  राजस्थान के बूंदी जिले में पापड़ी गांव के पास बुधवार को लोगों से भरी बस नदी में गिर गई। इस हादसे में 24 लोगों की मौत हुई। पांच घायलों को कोटा रेफर किया गया है। जानकारी के मुताबिक, शादी की रस्म (भात) में शामिल होने जा रहे लोगों से भरी बस  कोटा से सवाईमाधोपुर जा रही थी। कुल 30 लोग सवार थे।

मरने वालों में 10 पुरुष, 11 महिलाएं और तीन बच्चे शामिल हैं। घटना का कारण बस का गियर फेल होना बताया जा रहा है। हालांकि, इसकी भी पुष्टि नहीं हो सकी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसे के वक्त बस की रफ्तार काफी तेज थी। मेज नदी के पुल पर बस अनियंत्रित होकर नदी में गिर गई। ग्रामीणों ने लोगों को बचाने की कोशिश की, मगर वे असफल रहे। पुलिस और प्रशासन को सूचना दी गई। 

हादसे की सूचना पर पूर्व कैबिनेट मंत्री बाबूलाल वर्मा भी मौके पर पहुंचे। वहां उन्हें गुस्साए लोगों का विरोध झेलना पड़ा। भीड़ ने वर्मा के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए और उनके चेहरे पर मिट्टी फेंक दी। यह देख पुलिस ने आक्रोशित लोगों को खदेड़ा और पूर्व मंत्री को सुरक्षा में लेकर वहां से निकाला। ग्रामीणों का आरोप है जब वर्मा वसुंधरा सरकार (2003-2008) में परिवहन मंत्री थे। तब हाइवे बना था। लेकिन, हाइवे पर बनी पुलिया को चौड़ा नहीं कराया गया था। जिस पुलिया से बस गिरी, वह करीब 65 साल पुरानी है। ग्रामीणों का दावा है कि हाइवे निर्माण के दौरान इस पुलिया को भी चौड़ा करने का प्रस्ताव आया था। लेकिन मंत्री ने इसे स्वीकार नहीं किया था।

घटनास्थल पर मदद के लिए पहुंचने वाले गुहाटा के सरपंच सुनील मीणा ने बताया कि बस गिरने की सूचना पर वह अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचे। तब तक प्रशासनिक अमला मौके पर नहीं पहुंचा था। ऐसे में सुनील अपने साथी राजकुमार और 4 सिपाहियों के साथ नदी में कूदे। तैरते हुए बस तक पहुंचे। वहां बस के शीशे फोड़कर अंदर फंसी सवारियों को बाहर निकालना शुरू कर दिया।

सुनील के मुताबिक, बस में मौजूद सिर्फ 6 सवारियों की सांसें चल रही थी। बाकी सवारियों की मौत हो चुकी थी। वे लोग कंधे पर लादकर मृतकों को नदी के बीच बने टीले तक लेकर आए। फिर उन्हें उल्टा लेटा दिया। तब वहां कोई मेडिकल टीम या मददगार नहीं था, जो सवारियों के पेट से पानी निकालकर उन्हें बचाने में जुट सके। कुछ देर बाद वहां प्रशासनिक अमला पहुंचा और बचाव राहत कार्य में सिविल डिफेंस की टीम भी जुट गई।

पूर्व परिवहन मंत्री बाबूलाल वर्मा के कार्यकाल में यह पुल बना था। वो घटनास्थल पर पहुंचे तो लोगों ने उनसे मारपीट की। गुस्साए लोगों का आरोप था कि वर्मा ने इस पुल को चौड़ा नहीं कराया। यह हादसे की वजह बनी। जानकारी के मुताबिक, बस उल्टी गिरी। इस वजह से जो लोग तैरना जानते थे वो भी निकल नहीं पाए। सभी मृतक वधू के ननिहाल पक्ष के थे। ये बुधवार को होने वाली शादी के लिए भात (एक स्थानीय वैवाहिक रस्म) लेकर जा रहे थे।

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