में पशु मेले का विशेष महत्व है : पाठक

राज्य स्तरीय किसान मेला एवं पशु प्रतियोगिता का शुभारंभ...

में पशु मेले का विशेष महत्व है :  पाठक


ग्वालियर l 25 दिसम्बर 2019 l विधायक मुन्नालाल गोयल ने कहा कि ग्वालियर पशु मेले का 100 वर्ष पुराना ऐतिहासिक एवं गौरवशाली इतिहास रहा है। इस मेले में प्रदेश के साथ-साथ देश के विभिन्न प्रांतों के किसान एवं पशुपालक आकर पशुओं का क्रय एवं विक्रय करते थे। इस मेले के माध्यम से किसानों एवं पशुपालकों में आपसी भाईचारे की भावना बढ़ने के साथ-साथ विचारों का भी आदान-प्रदान होता था और एक-दूसरे स्थान की जानकारी भी मिलती थी।

उक्त विचार विधायक मुन्नलाल गोयल ने ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण श्रीमंत माधवराव सिंधिया ग्वालियर व्यापार मेला, राज्य स्तरीय किसान मेला एवं पशु प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्वालियर दक्षिण के विधायक प्रवीण पाठक ने की।

कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री दुष्यंत साहनी, ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष प्रशांत गंगवाल, उपाध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल, पशु मेले के संयोजक महबूब खाँ चैनवाले, ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण के सचिव मजर हाशमी, वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री श्रीमती संगीता जोशी सहित ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण के सदस्यगण सर्वश्री राम सुंदर सिंह, शील खत्री, किशन मुदगल, नवीन परांडे व सुधीर मण्डेलिया आदि उपस्थित थे।

पशु मेला प्रांगण मेला परिसर ग्वालियर में आयोजित राज्य स्तरीय किसान मेला एवं पशु प्रतियोगिता का शुभारंभ विधायक मुन्नालाल गोयल ने गौ पूजन कर कहा कि ग्वालियर व्यापार मेले का 100 वर्ष से अधिक का ऐतिहासिक एवं गौरवशाली इतिहास रहा है। इस मेले में प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों के किसान एवं पशुपालक पशुओं के क्रय एवं विक्रय के लिए आते थे।

उन्होंने कहा कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण की गठित टीम जिस भावना के साथ कार्य कर रही है, उससे ग्वालियर व्यापार मेले की वैभवता में बढ़ोत्तरी होगी एवं यह मेला और ऊँचाईयों तक पहुँचेगा।

उन्होंने कहा कि गौमाता हमारी पूज्यनीय है। आज आवश्यकता है कि हम गौवंश का संरक्षण एवं संवर्धन करें। गायों को सड़कों पर आवारा न छोड़ें, बल्कि उनकी सही देखरेख करें, जिससे हमारी गौपालन की पुरानी परंपरा को बढ़ावा मिलेगा। वहीं हमें शुद्ध दूध, धी के साथ गोबर से बनी हुई खाद से शुद्ध उत्पाद भी प्राप्त होंगे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विधायक प्रवीण पाठक ने कहा कि पशु मेला सर्वप्रथम माधव महाराज प्रथम द्वारा सागरताल पर शुरू किया गया था। धीरे-धीरे इस मेले का विस्तार होता गया और यह मेला आज यहां आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि सामाजिक व्यवस्था में पशु मेले का अपना विशेष महत्व है। लेकिन आधुनिकीकरण के कारण धीरे-धीरे घरों में पशु पालन एवं भैंस पालन के प्रति लोगों का रूझान कम हुआ है।

मेला प्राधिकरण के सचिव मजर हाशमी ने बताया कि यह 113वाँ पशु मेला है। देश में इस मेले की विशेष पहचान है। उन्होंने कहा कि मेला प्रांगण में पशु हाट हेतु स्थान भी चिन्हित कर लिया गया है और प्रति शनिवार एवं रविवार को पशु हाट का आयोजन किया जायेगा।

ग्वालियर मेला प्राधिकरण के उपाअध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मेले के संयोजक महबूब खान, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री दुष्यंत साहनी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के अंत में पशुपालन विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. अशोक सिंह तोमर ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

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