खुशियों की दास्तां...
छोटे बच्चों को खूब भा रहे हैं बाल शिक्षा केन्द्र
ग्वालियर l निजी स्कूलों के बच्चों के समान आंगनबाड़ी केन्द्रों में आने वाले बच्चों को नर्सरी तक की ज्ञानवर्धन एवं मनोरंजन से भरपूर शिक्षा प्राप्त हो, इसके लिए जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा ग्वालियर जिले में बाल शिक्षा केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं। यह केन्द्र बच्चों को खूब भा रहे हैं।
रेशम मिल केन्द्र-2 में स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित किया गया है। यह केन्द्र आने वाले सभी बच्चों को काफी अच्छा लगता है। क्योंकि इस केन्द्र में उनके रूचि के अनुरूप खेल-खेल में नर्सरी तक की शिक्षा दी जा रही है। केन्द्र में आने वाले 45 बच्चे जो 3 से 6 वर्ष आयु के हैं, उनको आंगनबाड़ी कार्यकर्ता खेल-खेल में नर्सरी तक की शिक्षा दे रही हैं।
ये बच्चे किसी भी निजी स्कूल की नर्सरी कक्षा के बच्चों से कम नहीं है। बच्चों के अभिभावक भी अपने बच्चों को इन केन्द्रों में नियमित रूप से भेज रहे हैं। बाल शिक्षा केन्द्र में आ रहे बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि केन्द्र में जाने के लिए बच्चे बड़े उत्सुक रहते हैं। कई बार तो बच्चे अवकाश के दिनों में भी केन्द्र में पहुँचने के लिए जिद करते हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग के सहायक संचालक श्री राहुल पाठक ने बताया कि रेशममिल बाल शिक्षा केन्द्र-2 में बच्चों को नर्सरी की शिक्षा देने हेतु आवश्यक सभी सुविधाएं एवं सामग्री की व्यवस्था की गई है। जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास के साथ नर्सरी के बाद स्कूल में कक्षा-1 में प्रवेश लेने पर अन्य बच्चों की बराबरी कर सकें।
उन्होंने बताया कि परियोजना अधिकारी श्रीमती प्रीति राणा, पर्यवेक्षक श्रीमती बबीता तोमर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती सुनीता बावरिया बाल शिक्षा केन्द्र पर निरंतर भेंट कर बच्चों पर ध्यान दे रही हैं। श्री पाठक ने बताया कि केन्द्र का स्वयं का भवन है। जिसकी संरचना बच्चों को शिक्षा देने के अनुरूप बनाई गई है।
भवन की दीवारों पर बच्चों को वर्णमाला, रंगों एवं फलों के नाम एवं अंकों की जानकारी प्रभावी तरीके से देने हेतु रंगीन चित्र भी उकेरे गए हैं। जिससे बच्चे आसानी से सीख सकें। केन्द्र में जन सहयोग से बच्चों के लिए एक एसी भी लगाया गया है। उक्त बाल शिक्षा केन्द्र को आईएसओ का प्रमाण-पत्र भी मिल चुका है।










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