सीरम इंस्टीट्यूट में लगी भीषण आग, 5 की मौत

वैक्सीन निर्माण का कार्य यथावत जारी...

सीरम इंस्टीट्यूट में लगी भीषण आग, 5 की मौत

पुणे स्थित भारतीय सीरम संस्थान (सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया) के मंजरी परिसर में एक भवन में बृहस्पतिवार को आग लग गई, जिसके बाद वहां से चार लोगों को बाहर निकाला गया, जबकि पांच शव भी मिले हैं। पुणे के मेयर मुरलीधर मोहोल ने यह जानकारी दी। वहीं महाराष्ट्र सरकार ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। हालांकि, आग कोरोना वायरस टीका निर्माण इकाई से दूर लगी है, लिहाजा ‘कोविशील्ड’ टीकों के निर्माण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। मोहोल ने कहा, “यहां पहले 4 लोगों के फंसे होने की आशंका थी, उन्हें सुरक्षित निकाला गया। परन्तु बाद में पता चला कि जो फ्लोर पूरी तरह से जलकर राख हो गया उसमें 5 लोगों के शव को निकाला गया है।‘

 पुलिस उपायुक्त नम्रता पाटिल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि अपराह्न करीब पौने तीन बजे सीरम संस्थान के परिसर में स्थित एसईजेड 3 भवन के चौथे और पांचवें तल पर आग लग गई। कोविड-19 के राष्ट्रव्यापी टीकाकरण कार्यक्रम के लिए ‘कोविशील्ड टीके का निर्माण सीरम संस्थान के मंजरी केन्द्र में ही किया जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि जिस भवन में आग लगी वह सीरम केन्द्र की निर्माणाधीन साइट का हिस्सा है और कोविशील्ड निर्माण इकाई से एक किमी दूर है, इसलिए आग लगने से कोविशील्ड के निर्माण पर कोई असर नहीं पड़ा है। भारतीय सीरम संस्थान के सीईओ अदार पूनावाला ने ट्वीट किया, “आपकी चिंता और प्रार्थनाओं के लिए आप सभी को धन्यवाद। 

अब तक की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आग में किसी व्यक्ति की जान नहीं गई या कोई ज्यादा घायल नहीं हुआ, जबकि आग से इमारत के कुछ तल क्षतिग्रस्त हो गए।” वहीं, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि राज्य सरकार ने आग की जांच के आदेश दिए हैं। पवार ने कहा, “मैंने पुणे नगर निगम से घटना के बारे में जानकारी ली है और इस घटना की विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया गया है।” उन्होंने कहा कि आग लगने के कारण वहां टीके बनाने की प्रक्रिया पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने स्थानीय प्रशासन से आग को नियंत्रण में लाने को कहा है। उनके कार्यालय द्वारा किए गए ट्वीट में उन्होंने कहा कि वह पुणे नगर आयुक्त के संपर्क में हैं।

अमेजन प्राइम को सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

वेब सीरीज निर्माताओं से मांगा जवाब...

अमेजन प्राइम को सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

नई दिल्ली। अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई वेब सीरीज (तांडव) को लेकर विवाद अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि इसी बीच (मिर्जापुर) वेब सीरीज के निर्माताओं व अमेजन प्राइम वीडियो को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। याचिका में कहा गया है कि वेब सीरीज में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले की गलत छवि दिखाई गई है। कोर्ट ने इसे लेकर ओटीटी प्लेटफॉर्म और वेब सीरीज निर्माताओं से जवाब मांगा है। 

सीजेआई एसए बोबड़े, जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामा सुब्रमण्यम की बेंच ने नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले में एक संक्षिप्त सुनवाई की इसके बाद केंद्र, एक्सेल एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड और अमेजन प्राइम वीडियो को नोटिस जारी किया। सुजीत कुमार सिंह के वकील बिनय कुमार दास ने याचिका दायर की। 

याचिका में कहा गया है कि यह मिर्जापुर की लगभग 30 लाख आबादी और समृद्ध संस्कृति का अपमान है। याचिका में कहा गया है कि सरकार को किसी शहर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्यों के खराब चित्रण पर रोक लगाने के लिए भी कई दिशानिर्देश बनाने चाहिए। मिर्जापुर एक ऐसी जहग है जहां गंगा नदी विंध्य रेंज से मिलती है। विश्व प्रसिद्ध विंध्याचल मंदिर, जो भारत में 108 शक्ति पीठों में से एक है मिर्जापुर जिले में स्थित है फिर इन सभी अच्छी बातों को नजरअंदाज करते हुए सीरीज में खराब साइड को ही दिखाया गया है।

9 माह से नहीं मिला जनगणना में तैनात कर्मियों का वेतन

मानव अधिकार हनन से जुड़े मामलों में लिया संज्ञान...

9 माह से नहीं मिला जनगणना में तैनात कर्मियों का वेतन

भोपाल। जनगणना और एनपीआर के काम के लिए प्रदेशभर में पिछले साल मार्च 2020 में 500 से अधिक कर्मचारियों को डेढ़ साल के लिए रखा गया था। इनमें तकनीकी सहायक और मल्टी टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) वर्कर्स आदि शामिल हैं, लेकिन इन्हें पिछले 9 माह से वेतन नहीं दिया गया है। जनगणना स्थगित होने पर 4 अगस्त को इनकी सेवाएं भी समाप्त कर दी गई थी, लेकिन बेरोजगार हुए इन कर्मचारियों को अप्रैल से जुलाई माह तक के वेतन का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। इस मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने मानव अधिकार हनन से जुड़े मामले में संज्ञान लेकर मुख्य सचिव, म.प्र. शासन एवं प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, गृह विभाग से तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है। उल्लेखनीय है कि राज्य से लेकर जिला जनगणना कार्यालयों में एमपीकाॅन के माध्यम से 18 माह की अवधि के लिए इन्हें संविदा पर रखा गया था। तकनीकी सहायक को 20 हजार रूपए और एमटीएस वर्कर को 14 हजार रूपए प्रतिमाह वेतन पर नियुक्ति दी गई थी। चौंकाने वाली बात यह है कि इनके वेतन के लिए कैंट केंद से बजट आवंटन हो चुका है। 

इसके बावजूद राज्य का गृह विभाग जिलास्तर पर भुगतान की मंजूरी नहीं दे पाया है। तर्क यह दिया जा रहा है कि प्रदेश में जनगणना का राज्य नोडल अधिकारी का पद खाली है। राज्य के गृह सचिव ही पदेन जनगणना के राज्य के नोडल अधिकारी होते हैं, जिन्हें जिलों को जनगणना से जुडा बजट मंजूर करने का अधिकार होता है। पर यह पद खाली पड़ा है। भोपाल शहर के अशोका गार्डन के इकबाल नगर काॅलोनी निवासी 83 साल के श्री कृष्णकांत भार्गव अप्रैल 2020 में पत्नी के निधन के बाद महज एक हजार वर्गफीट के मकान के नामांतरण के लिए बीते छह महीने से नगर निगम भोपाल के दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं। इस मामले में आयोग ने प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, कलेक्टर भोपाल एवं नगर निगम आयुक्त भोपाल से तीन सप्ताह में प्रतिवेदन मांगा है। मामला यूूं है कि कृष्णकांत भार्गव से पहले नगर निगम के वार्ड कार्यालय में रिश्वत की मांग की गई। भार्गव ने कहा कि वे रिश्वत तब ही देंगे, जब उन्हें काम होने की गांरटी दी जाएगी। इसके बाद वे कलेक्टर अविनाश लवानिया और निगम कमिश्नर वी. एस, चैधरी कोलसानी से व्यक्तिगत तौर पर मिले। 

कलेक्टर-निगम कमिश्नर दोनों ने उन्हें भरोसा दिलाया कि उनका काम जल्द ही हो जाएगा, लेकिन नीचे के मुलाजिम अपनी रिश्वत की मांग पर डटे रहे। अफसरों के कहने का भी उन पर कोई असर नही हुआ। एक प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र में यह खबर प्रकाशित होने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निगम कमिश्नर को संबंधितों पर कार्रवाई के आदेश दिए। इस पर 25 दिवसीय कर्मचारी राहुल साहू को बर्खास्त किया गया। वार्ड प्रभारी रमीजुद्दीन को सस्पेंड कर जोनल आॅफिसर उमाकांत शर्मा को शोकाॅज नोटिस जारी किया गया। दिखावे के लिए उसी दिन भार्गव के केस की फाइल आगे बढ़ी, लेकिन निगम की राजस्व शाखा में रूक गई। यानी कलेक्टर और कमिश्नर के बाद अब मुख्यमंत्री का आदेश भी एक अदद नामांतरण के लिए बेअसर हो गया। नामांतरण भी ऐसा कि पत्नी के निधन के बाद रिकाॅर्ड में पति का नाम ही जुड़ना है। बकौल भार्गव, मुझसे सहायक आयुक्त संध्या चतुर्वेदी कहती हैं कि तुम मुख्यमंत्री के पास गए, मीडिया में गए… उससे क्या हुआ ? तुम्हारी वजह से हमारे साथी सस्पेन्ड हो गए। अब चक्कर तो काटने ही पडेंगे।

यातायात के नियमों को समझना हम सबका कर्त्तव्य है : DSP

32वाँ सड़क सुरक्षा माह के अंतर्गत...

यातायात के नियमों को समझना हम सबका कर्त्तव्य है : DSP

32वाँ सड़क सुरक्षा माह के अंतर्गत आज माधव महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने आम लोगों को जागरुक करने के लिए यातायात जागरुकता के तहत फूलबाग चौराहे पर रेड लाइट होते ही ज़ेब्रा क्रोसिंग लाइन के पीछे मानव श्रृंखला बनाकर चालकों को उसके पीछे खड़े होने के लिए जागरुक किया। यह कार्यक्रम यातायात डी.एस.पी. नरेश अन्नोटिया एवं वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संजय पांडे राष्ट्रीय सेवा योजना माधव महाविद्यालय के नेतृत्व में फूलबाग चौराहे पर किया गया। 

कार्यक्रम में डी.एस.पी. अन्नोटिया ने कहा कि यातायात के नियमों को समझना हम सबका कर्त्तव्य है परन्तु समझकर न समझी करना एक मूर्खता है क्योंकि कोई यह नहीं कह सकता कि हमें यातायात के नियमों की जानकारी नहीं है। डॉ.संजय पांडे ने बताया कि सड़क सुरक्षा माह में जागरुकता के कई कार्यक्रम किये जाते रहे हैं। परन्तु ज़ेब्रा क्रोसिंग के महत्व को समझना अति आवश्यक है।

इस कार्यक्रम में स्वयंसेवकों में अंकुर चौरसिया, अंकुश अरोरा,अनिरुद्ध शर्मा, वैष्णवी शर्मा,पूर्वी बोरगांवकर, अंजली गोयल,प्रियंका किरार,हेमन्त मांझी,संजय यादव, योगेश्वर माहौर,अजय राजौरिया, शीतल चौहान, शिवांगी गुरूंग, शैफाली करोसिया, यश किरार,अभय राणा, निशा भार्गव, प्रदीप शर्मा आदि उपस्थित रहे।

स्वयंसेवक कर्मचारी संघ ने 24 सूत्रीय मांगो को लेकर निगमायुक्त को सौंपा ज्ञापन

कर्मचारियों के ESIC के कार्ड बनाये जाने के आदेश...

स्वयंसेवक कर्मचारी संघ ने 24 सूत्रीय मांगो को लेकर निगमायुक्त को सौंपा ज्ञापन

स्वयंसेवक अधिकारी कर्मचारी संघ मध्यप्रदेश जिला ग्वालियर के द्वारा आज दिनांक को शांय 4:00 बालभवन पर श्रीमान आयुक्त महोदय जी को ज्ञापन दिया गया 24 सूत्रीय  आयुक्त महोदय जी के द्वारा ज्ञापन मे दी गई 24 सूत्रीय मांगो पर बिन्दूओ पर चर्चा की गई सभी कर्मचारियों का वेतन प्रतिमाह 1 तारीख को देना आदेश जारी कर दिये गये है एंव समस्त आउटसोर्स कर्मचारियों का ईपीएफ ईएसआई का पेसे के लिए आज कमेटी बनाई गई है।

स्वयंसेवक अधिकारी कर्मचारी संघ मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र योगी एंव जिला अध्यक्ष जरदान सिंह नरवरिया के प्रयासों से आउटसोर्स कर्मचारियों की एक बहुत बडी मांग का तुरंत निराकरण आयुक्त महोदय जी के द्वारा किया गया एंव विनियमित कर्मचारियों के भी ईएसआई सी के कार्ड बनाये जाने के आदेश भी एक दो दिन में करने का आश्वासन दिया गया है। 

सफाई कर्मचारीयों की परीक्षा अवधि भी सामाप्त करने के आदेश भी करने का आश्वासन दिया गया है एंव जिन कर्मचारियों के सातवें वेतन का ऐरियरल के भी आदेश एंव समयमान वेतनमान का लाभ भी देने के आदेश एंव जेडओ प्राथा सामाप्त करने एंव सभी मांगों निराकरण सात दिवस मे करने का आश्वासन दिया गया है  संगठन की तरफ से मुख्य रूप उपस्थित विष्णु दत्त शर्मा प्रदेश महामंत्री सुभाष गोडयाले प्रदेश उपाध्यक्ष संदीप शर्मा प्रदेश प्रावक्ता रहीश खांन सभांगीय अध्यक्ष संभागीय सचिव लाखन सिंह पवन अग्रवाल सह सचिव मुकेश पाल ज़िला महामंत्री जेपी शर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष कालेकर प्र्रदेश मंत्री आदि।

शहर में अब बिना डस्टबिन वाली दुकानों व ठेलों का होगा चालान !

अधिकारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई के निर्देश...

शहर में अब बिना डस्टबिन वाली दुकानों व ठेलों का होगा चालान !

ग्वालियर। शहर की स्वच्छता की मॉनीटरिंग स्मार्ट सिटी कंट्रोल कमाण्ड सेंटर से करने के साथ ही शिकायतों का संकलन और संबंधित अधिकारियों को भेजकर उसके निराकरण की जो नई व्यवस्था लागू की गई है उसमें संबंधित अधिकारी शिकायतों का 12 घंटे में निराकरण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान 12 घंटे में शिकायतों का निराकरण करने पर स्वच्छता रैंकिंग में अंक भी निगम को मिलेंग। 

शिकायतों के निराकरण में लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी। संभागीय आयुक्त एवं नगर निगम प्रशासक आशीष सक्सेना ने गूगल मीट के माध्यम से शहर की स्वच्छता की समीक्षा करते हुए उक्त निदेश दिए है। नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने समीक्षा के दौरान भरोसा दिलाया कि स्वच्छता के कार्य को निगम सर्वोच्च प्राथमिकता से कर रहा है। 

शत-प्रतिशत दुकानदारों के यहां डस्टबिन रखवाने का कार्य अभियान के रूप में किया जाएगा इसके साथ निगम की आय बढ़ाने के भी विशेष प्रयास किए जाएंगे। ऑनलाइन टैक्स जमा कराने को ही प्रोत्साहित किया जाएगा। गूगल मीट की समीक्षा के दौरान सीईओ स्मार्ट सिटी जयति सिंह सहित सभी अपर आयुक्त नगर निगम और वार्ड मॉनीटर उपस्थित रहे।

सरकारी कर्मचारी चला रहा है निजी गाड़ी

बिना किसी शासकीय आदेश के...

सरकारी कर्मचारी चला रहा है निजी गाड़ी

ग्वालियर। इन दिनों स्कूल शिक्षा विभाग के प्रोड शिक्षा में पदस्थ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी " अब्दुल शाहिद" बिना किसी शासकीय आदेश के कार्यालयीन समय में शाहकीय वेतन पर  निजी वाहन चला रहा है। दरअसल, पूर्व संयुक्त संचालक अरविंद सिंह का कार्यमुक्ति आदेश विभाग द्वारा निरस्त करने के कारण ग्वालियर में ही पदस्थ हो गए।

परंतु वर्तमान संयुक्त संचालक आर.के. उपाध्याय के पदभार ग्रहण करने के कारण अरविंद सिंह को विभाग द्वारा कोई भी कार्य व सुविधा प्रदान नहीं की जिसके बाद अरविंद सिंह द्वारा कार्यालय में आने - जाने व निजी कार्य के लिए अपने निजी वाहन को उपयोग में लाने के लिए अपने निजी वाहन (एम. पी. 31 बी.ए 0414) के संचालन हेतु शासकीय कर्मचारी का उपयोग कर रहे हैं।