G NEWS 24 : प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ग्वालियर में हुआ दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का सफल समापन

देश-विदेश के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों एवं संस्थान प्रमुखों ने अपने अनुभव साझा किए...

प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ग्वालियर में हुआ दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का सफल समापन

ग्वालियर। प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च (PIMR), ग्वालियर में आयोजित दो दिवसीय 16वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आज सफलतापूर्वक समापन हो गया। “ह्यूमन–एआई इंटीग्रेशन: शेपिंग द फ्यूचर ऑफ बिज़नेस, सोसाइटी एंड लॉ थ्रू इंटेलिजेंट इनोवेशन” विषय पर आधारित इस सम्मेलन में देश-विदेश से आए शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, नीति-निर्माताओं एवं उद्योग विशेषज्ञों ने सहभागिता की।

सम्मेलन के दौरान मानव बुद्धिमत्ता और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के समन्वय, डिजिटल परिवर्तन, भविष्य की कार्यसंस्कृति, शिक्षा, व्यवसाय एवं कानून पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। दो दिनों तक चले इस शैक्षणिक आयोजन में ऑफलाइन एवं ऑनलाइन तकनीकी सत्रों के माध्यम से शोधार्थियों को अपने विचार प्रस्तुत करने का सशक्त मंच प्राप्त हुआ।

सम्मेलन के अंतर्गत आयोजित एडिटर्स कॉन्क्लेव एवं लीडर्स कॉन्क्लेव विशेष आकर्षण का केंद्र रहे, जिसमें देश-विदेश के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों एवं संस्थान प्रमुखों ने अपने अनुभव साझा किए और एआई आधारित भविष्य की दिशा पर सारगर्भित विचार रखे।

इस अवसर पर उत्कृष्ट शोध कार्यों के लिए पुरस्कार भी प्रदान किए गए। बेस्ट रिसर्च पेपर अवॉर्ड से वैदेही विहारी (IIM कलकत्ता) एवं   डॉ. तविषी तिवारी (FORE स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, नई दिल्ली) को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही आउटस्टैंडिंग एलुमनाई अवॉर्ड से सुधीर राठौर (फाउंडर एवं डायरेक्टर, ट्रोइका कंसल्टिंग, नाइजीरिया) को सम्मानित किया गया, जबकि स्पेशल एलुमनाई अवॉर्ड डॉ. अभय दुबे (प्रोफेसर, PIMR ग्वालियर) को प्रदान किया गया।

सम्मेलन की संयोजक डॉ. चंदा गुलाटी ने सफल आयोजन के लिए सभी वक्ताओं, शोधार्थियों, प्रतिभागियों एवं आयोजन समिति के सदस्यों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन अकादमिक उत्कृष्टता, नवाचार और वैश्विक दृष्टिकोण को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ है।

संस्थान के निदेशक प्रो. निर्मल बंड्योपाध्याय ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसे अंतरराष्ट्रीय मंच शिक्षण, शोध और उद्योग के बीच सेतु का कार्य करते हैं तथा विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने के लिए प्रेरित करते हैं। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ और आयोजकों ने भविष्य में भी इस प्रकार के अकादमिक आयोजनों को निरंतर आयोजित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

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