G News 24 : मेले के झूले पर स्टंट में युवक का सिर पिलर से टकराया, झूले में बैठे लोगों ने समय रहते संभाला !

 नियमों की अनदेखी-15-15 फीट जगह तीनों ओर छोड़ना जरूरी है...

मेले के झूले पर स्टंट में युवक का सिर पिलर से टकराया, झूले में बैठे लोगों ने समय रहते संभाला !

ग्वालियर। चलते झूले में एक युवक चढ़ने का प्रयास करने लगता है, इसी दौरान वह पिलर से टकरा गया। ग्वालियर व्यापार मेले में एक युवक का नाव झूले में स्टंट करते हुए पिलर से टकराने का वीडियो सामने आया है। युवक नाव झूला पर चढ़कर स्टंट कर रहा था। इस बीच उसका सिर पिलर से टकराया। इस बीच उसे झूले पर बैठे लोगों ने संभालकर अन्दर बैठा लिया।

 घटना कब की है यह पता नहीं चल सकता है। मामले में कोई शिकायत नहीं हुई है। लेकिन झूला सेक्टर में हादसे को लेकर चर्चा गर्म है। झूला लगाने वाली एसोसियेशन इसे पुराना वीडियो बता रही है। ऐसा दावा कर रही है कि मेले में अभी झूले शुरू भी नहीं हुए है। जबकि हकीकत यह है कि मेले में झूले चल रहे है।

15-15 फीट जगह तीनों ओर छोड़ी जरूरी है

ऐसे हादसों को रोकने के लिये ठोस कदम उठाना जरूरी है। एक साइड सड़क मिलती है, इसलिये हर झूले के तीनों ओर 15-15 फीट जगह खाली छोड़नी चाििहये ताकि किसी भी आपात स्थिति में फायर ब्रिगेड और एंबूलेंस मदद के लिये पहुंच सके। इस बार भी मेले में झूले एक दूसरे से सटाकर लगा दिये हैं। यानी इतने एक्सीडेंट और जांच के बाद भी हालात नहीं बदले है। इसके परिणाम कभी भी बड़े नुकसान के तौर पर सामने आ सकते हैं।

झूले संचालक सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करते

देश के ऐतिहासिक मेलों में शुमार ग्वालियर मेला 2 दिन पहले ही शुरू हुआ है। मेले के झूला सेक्टर में काफी भीड़ होती है। मेला घूमने के लिये यहां हर दिन 45 -48 हजार लोग आते है। किसी भी वक्त 5-7 हजार सैलानी इस सेक्टर में मिलते हीह ै। इतनी भीड़ के हिसाब से झूला सेक्टर में सुरक्षा इंतजाम नहीं है। पिछले साल झूले से गिरकर एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गयी थी। कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहकर उपचार कराना पड़ा। जांच में हुई तो पता चला है कि क्षमता से अधिक लोग झूले में बिठाकर झुलाये जाते थे। सुरक्षा मानको का पालन नहीं हो रहा था।

सड़क घेरकर टिकट और सॉफ्टी काउंटर लगाए

इस सेक्टर में छोटे-बड़े ​मिलाकर 32 झूले लग चुके हैं। कुछ झूले और आएंगे। मेला प्राधिकरण और झूलों के लिए बनाई जांच समिति होने के बाद भी संचालकों ने एक-दूसरे से सटाकर झूले लगा दिए हैं। इन झूलों के बीच नियमानुसार खुली जगह नहीं छोड़ी गई। झूला सेक्टर में सड़क पर भी संचालकों ने कब्जा कर रखा है। झूले के लिए जो जगह आवंटित है, उसी में टिकट काउंटर, बिजली सेटअप और बाकी व्यवस्था करनी होती है। लेकिन झूला संचालकों ने टिकट काउंटर रोड पर रख दिए हैं। रोड कम बचने से जब भीड़ बढ़ेगी तब परेशानी भी बढ़ेगी।

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