कांग्रेस का मानसिक दिवालियापन अब दिखने लगा है तभी तो उसके लोग BLO को धमका रहे हैं ...
SIR को लेकर कांग्रेस विधायक के बोल,BLO's को दी खुली धमकी, बोले मार-पीटकर देंगे सजा... !
कांग्रेस का मानसिक दिवालियापन अब दिखने लगा है तभी तो उसके लोग BLO को धमका रहे हैं कांग्रेस के विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने BLOs को SIR में किसी भी प्रकार की हेराफेरी के खिलाफ खुली धमकी दी है. उन्होंने कहा कि यदि सत्तारूढ़ दल के दबाव में मतदाता सूची में गड़बड़ी की गई तो इस तरह के कदाचार में शामिल लोगों को मार-पीटकर सजा देंगे.
SIR: कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने आगामी एसआईआर (SIR) के दौरान किसी भी प्रकार की हेरफेर के खिलाफ बूथ स्तरीय अधिकारियों (BLO) को कठोर चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि यदि सत्तारूढ़ दल के दबाव में मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़े गए या किसी तरह की गड़बड़ी की गई, तो इसमें शामिल व्यक्तियों को सार्वजनिक रूप से पिटाई का सामना करना पड़ सकता है.
त्रिपुरा के इंद्रानगर में आयोजित प्रशिक्षण सत्र के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए रॉय बर्मन ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस मृत मतदाताओं और विदेशी नागरिकों के नाम हटाए जाने का विरोध नहीं करती, लेकिन फर्जी या डुप्लिकेट नाम जोड़ने की किसी भी कोशिश का विरोध किया जाएगा. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वह त्रुटिरहित मतदाता सूची तैयार करे और हम उम्मीद करते हैं कि यह कार्य बिना किसी राजनीतिक दबाव के पूरा किया जाएगा.
पत्रकारों से बातचीत में रॉय बर्मन ने आरोप लगाया कि भाजपा समर्थकों ने कांग्रेस के बूथ-स्तरीय एजेंटों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में व्यवधान डालने की कोशिश की. उनके अनुसार, कार्यक्रम स्थल पर लाउडस्पीकर लगाने, बैठने की व्यवस्था और मंच निर्माण तक में बाधा पहुंचाई गई. उन्होंने कहा कि बाधाओं के बावजूद हमने खुले आसमान के नीचे प्रशिक्षण जारी रखा. इससे साफ है कि सत्तारूढ़ दल किस हद तक हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों को बाधित करने की कोशिश कर रहा है. कांग्रेस विधायक ने मुख्यमंत्री माणिक साहा पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि उन्होंने इन बाधाओं को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. उन्होंने मुख्यमंत्री से विपक्ष को बिना हस्तक्षेप राजनीतिक गतिविधियां संचालित करने का अवसर देने की मांग की.
रॉय बर्मन ने मतदाता सूची प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता को विशेष रूप से त्रिपुरा में महत्वपूर्ण बताया, जहां समुदायों के आपसी संबंधों के चलते हेरफेर की संभावना अधिक रहती है. उन्होंने चुनाव आयोग से बाहरी दबावों से मुक्त रहकर काम करने की अपील की. उन्होंने कहा कि चुनावी प्रक्रिया की अखंडता सर्वोपरि है. चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मतदाता सूचियां सटीक और पारदर्शी हों.










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