सीमा सुरक्षा बल अकादमी ग्वालियर द्वारा आयोजित ...
"स्वदेशी श्वान दल का सम्मान समारोह में दिखी आत्मनिर्भर भारत की गौरव गाथा"
ग्वालियर। सीमा सुरक्षा बल अकादमी, ग्वालियर में मंगलवार को राष्ट्रीय श्वान प्रशिक्षण केंद्र (एन.टी.सी.डी.) द्वारा प्रशिक्षित उस स्वदेशी श्वान दस्ते का सम्मान एवं डी-ब्रीफिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसने 31 अक्टूबर 2025 को केवड़िया (एकता नगर), गुजरात में आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में सफलतापूर्वक भाग लेकर देश का गौरव बढ़ाया था।
यह परेड प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुई, जिसमें विशेष आकर्षण रहा भारतीय नस्लों रामपुर हाउंड्स एवं मुधोल हाउंड्स का अनुशासित प्रदर्शन।
प्रधानमंत्री जी ने इस श्वान दस्ते की प्रशंसा करते हुए कहा कि “एकता परेड के सबसे प्रशंसनीय भागों (The Most Admired Show) में से एक था स्वदेशी नस्ल के श्वानों का अद्भुत प्रदर्शन।”
यह उपलब्धि 30 अक्तूबर 2020 को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए उस प्रेरक आह्वान का परिणाम है, जिसमें उन्होंने सुरक्षा बलों से स्वदेशी श्वान नस्लों को प्रशिक्षण में शामिल करने का आग्रह किया था।
इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभाते हुए एन.टी.सी.डी., सीमा सुरक्षा बल अकादमी ग्वालियर ने आधुनिक तकनीक, नवाचार और अनुसंधान आधारित प्रशिक्षण प्रणाली विकसित की। संस्थान ने ट्रेन-द-ट्रेनर मॉडल अपनाकर प्रशिक्षकों और श्वानों दोनों के लिए वैज्ञानिक एवं चरणबद्ध प्रशिक्षण प्रणाली तैयार की, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय नस्लें आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी क्षमता सिद्ध कर रही हैं।
इसी प्रशिक्षण का उदाहरण है मुधोल हाउंड “रिया”, जिसने ऑल इंडिया पुलिस ड्यूटी मीट (AIPDM) 2024 में 116 विदेशी नस्लों को पछाड़ते हुए चैम्पियनशिप विजेता का गौरव अर्जित किया।
डॉ. शमशेर सिंह, आईपीएस, ए.डी.जी. एवं निदेशक, सीमा सुरक्षा बल अकादमी, ने बताया कि “रिया को यह उपलब्धि प्राप्त करने के लिए दो बार परीक्षणों से गुजरना पड़ा, जो उसकी दृढ़ता और प्रशिक्षकों की उत्कृष्टता का प्रमाण है।”
अपने प्रेरक उद्बोधन में निदेशक महोदय ने कहा — “भारत की सभ्यता का 5000 वर्षों का इतिहास रहा है, जिसमें आधुनिक विश्व को देने के लिए बहुत कुछ है। ब्रिटिश शासन के समय भारतीय नस्लों की उपेक्षा की गई, किंतु एन.टी.सी.डी. ने अनुसंधान, तकनीक और नवाचार के माध्यम से इन नस्लों की क्षमता को पुनर्जीवित किया है।” “यह उपलब्धि ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना का सशक्त उदाहरण है। स्वदेशी नस्लों की यह सफलता भारतीय नवाचार, समर्पण और तकनीकी उत्कृष्टता का प्रतीक है।” उन्होंने एन.टी.सी.डी. टीम, प्रशिक्षकों और श्वान संचालकों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए और उनकी सराहना करते हुए कहा “उत्कृष्टता किसी भी क्षेत्र में सराहनीय है। यह सफलता ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना और भारतीय नवाचार का प्रतीक है।
इसके साथ ही, आरक्षक जिशू प्रसाद को राज्य स्तरीय एथलेटिक्स रिले रेस में पदक प्राप्त करने हेतु तथा आरक्षक रवि उमर को राष्ट्रीय स्तर की शॉट पुट प्रतियोगिता में पदक प्राप्त करने पर प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।
कार्यक्रम में एन.टी.सी.डी. के अधिकारी, प्रशिक्षकगण, श्वान संचालक, अकादमी स्टाफ एवं प्रशिक्षु अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने स्वदेशी श्वान दल की उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया और इस सफलता को राष्ट्र गौरव का प्रतीक बताया।










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