'आज की सुबह सख्त संदेश भेजने के लिए...
सुप्रीम कोर्ट ने यूएपीए के तहत जेल में कैद एक आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी !
लाल किला फिदायीन अटैक मामले को लेकर पूरे देश में गुस्सा है. सुप्रीम कोर्ट ने भी आतंक के खिलाफ अपने फैसले में सख्त संदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने यूएपीए के तहत जेल में कैद एक आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि आरोपी एक वॉट्सऐप ग्रुप का सदस्य था, जिसका झंडा इस्लामिक स्टेट के झंडे जैसा था. बेंच ने बचाव पक्ष के इस तर्क को खारिज कर दिया कि उसके पास से केवल इस्लामी साहित्य ही जब्त किया गया था. यह आरोपी कथित तौर पर ज्वलनशील पदार्थ के साथ पकड़ा गया था. उसने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. मंगलवार को सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने कहा, 'कल के हादसे के बाद ये दलीलों के लिए सही सुबह नहीं है. '
वकील का इशारा सोमवार शाम लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक ट्रैफिक सिग्नल पर धीमी रफ्तार से चल रही एक कार में हुए जोरदार धमाके की ओर था. इस विस्फोट में कम से कम 10 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए.
इस पर जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने कहा, 'एक स्पष्ट संदेश भेजने के लिए आज की सुबह से बेहतर कुछ नहीं है.'
बेंच ने कहा कि आरोपी एक वॉट्सऐप ग्रुप का सदस्य था, जिसका झंडा इस्लामिक स्टेट के झंडे जैसा था. बेंच ने बचाव पक्ष के इस तर्क को खारिज कर दिया कि उसके पास से केवल इस्लामी साहित्य ही जब्त किया गया था.
बेंच ने कहा कि बरामद सामग्री की प्रकृति और आरोपी के ऑनलाइन संबंधों को देखते हुए, उसे कड़े आतंकवाद-रोधी कानून के तहत हिरासत में रखा जाना जरूरी है.
माना जा रहा फिदायीन अटैक
अदालत की यह टिप्पणी ऐसे वक्त पर आई है जब जांचकर्ता लाल किला कार विस्फोट की जांच कर रहे हैं, जिसे एक संदिग्ध फिदायीन आतंकवादी हमला माना जा रहा है. यह धमाका एक आई20 कार में हुआ, जिससे आसपास की कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं. सूत्रों के मुताबिक एक कश्मीरी डॉक्टर मोहम्मद उमर के तार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हुए थे. बताया जा रहा है कि वही ब्लास्ट के टाइम पर गाड़ी चला रहा था.
फरीदाबाद से मिला 2900 किलो आरडीएक्स
दिल्ली ब्लास्ट के कई घंटे पहले राजधानी से सटे फरीदाबाद में पुलिस को 2900 किलो आरडीएक्स मिला था. इसके अलावा भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए थे और 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें 3 डॉक्टर्स शामिल हैं.
सूत्रों के मुताबिक, उमर ने अपने दो सहयोगियों के साथ मिलकर इस हमले की साजिश रची थी. लेकिन सोमवार को फरीदाबाद में जब उसके सहयोगी गिरफ्तार हो गए तो उसने अकेले ही ब्लास्ट को अंजाम दे दिया.
उमर ने अपने साथियों के साथ मिलकर कार में डेटोनेटर लगाया और आतंकी वारदात को अंजाम दिया. जांचकर्ताओं ने बताया कि इस जोरदार विस्फोट में एएनएफओ (अमोनियम नाइट्रेट ईंधन तेल) का इस्तेमाल किया गया था, जो उस समय हुआ जब यह चांदनी चौक का इलाका लोगों से खचाखच भरा हुआ था.










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