पहााड़ी इलाकों में जमकर बर्फबारी होने से...
प्रदेश के 7 जिलों में आज शीतलहर का अलर्ट !
पहाड़ी इलाकों में जारी बर्फबारी का प्रभाव अब मध्यप्रदेश में भी गहराई से महसूस होने लगा है। पिछले करीब आधे महीने से राज्य कड़ाके की सर्दी की चपेट में है। बीते 24 घंटों में भोपाल, इंदौर समेत 7 जिलों में शीतलहर दर्ज की गई, जबकि नरसिंहपुर में दिन का मौसम असामान्य रूप से ठंडा रहा। रात के समय भी कई शहरों में तापमान लगातार गिरा। शनिवार को भी भोपाल और इंदौर सहित 7 जिलों के लिए शीतलहर का अलर्ट जारी है।
गुरुवार से शुक्रवार की रात के बीच पचमढ़ी राज्य के एकमात्र हिल स्टेशन में इस सीजन पहली बार तापमान 5.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। नर्मदापुरम में घना कोहरा छाया रहा और विजिबिलिटी 500 से 1000 मीटर के बीच रही। वहीं भोपाल और इंदौर में न्यूनतम पारा लगातार 10 डिग्री से नीचे बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार-शुक्रवार की रातों में भोपाल 9.6 डिग्री, इंदौर 8.4 डिग्री, ग्वालियर 12.8 डिग्री, उज्जैन 11.5 डिग्री और जबलपुर 11.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
छतरपुर के नौगांव में तापमान 8.5 डिग्री, खरगोन में 8.8 डिग्री, नरसिंहपुर में 9 डिग्री और खंडवा में 9.4 डिग्री रहा। अन्य जिलों में भी तापमान लगातार नीचे जा रहा है। शुक्रवार को दिन के समय भी कई शहरों में ठंड बढ़ी हुई रही। भोपाल में तेज ठंडी हवाएं चलीं और धुंध के कारण विजिबिलिटी प्रभावित हुई। नर्मदापुरम और जबलपुर सहित कई क्षेत्रों में सुबह के समय घना कोहरा छाया रहा।
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि अब उत्तरी हवाओं की गति और दिशा में बदलाव आया है, जिसके चलते शीतलहर के प्रभाव में कमी आ सकती है और मौसम हल्का राहत देने लग सकता है।
पिछले एक दशक में नवंबर के दौरान ठंड के साथ बारिश का ट्रेंड देखा गया है। इस बार भी मौसम का मिजाज कुछ इसी तरह रहा। आमतौर पर तेज ठंड दूसरे सप्ताह से शुरू होती है, लेकिन इस साल नवंबर के पहले ही हफ्ते से पारा तेज़ी से गिरने लगा। अक्टूबर में भी बारिश का प्रदर्शन सामान्य से काफी बेहतर रहा इस महीने 2.8 इंच वर्षा दर्ज की गई, जो औसत 1.3 इंच की तुलना में 121% अधिक है।










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