मोदी जी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं,कि भारत पर कोई भी आतंकी हमला एक्ट ऑफ वॉर माना जाएगा...
भारत ने पहला इंतकाम लिया 15 दिन में, अब दूसरे की बारी, Act of War के ऐलान से सहमा पाकिस्तान !
पहलगाम आतंकी हमके बाद भारत ने 15 दिनों में पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर करके सबक सिखाया था. साथ ही नई नीति घोषित कर कहा था कि अब भारत पर कोई भी आतंकी हमला एक्ट ऑफ वॉर माना जाएगा. दिल्ली में सोमवार सुबह हुए सिलसिलेवार धमाकों ने पूरे देश को दहला दिया. राजधानी के तीन भीड़भाड़ वाले इलाकों में लगभग एक साथ हुए इन विस्फोटों में कई निर्दोष लोगों की जान चली गई और दर्जनों घायल हुए.
शुरुआती जांच में स्पष्ट संकेत मिले हैं कि यह कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि सुनियोजित आतंकी हमला था. बुधवार शाम होते-होते प्रधानमंत्री के आवास पर कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और सेनाध्यक्ष मौजूद थे. बैठक के बाद सरकार ने साफ शब्दों में कहा, यह एक आतंकी घटना है, और इसका जवाब तय है.
ऑपरेशन सिंदूर की चेतावनी याद आई
याद रहे, इस साल पहलगाम आतंकी हमले के 15 दिन बाद भारत ने 7 मई से ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था. इस ऑपरेशन में सरकार ने पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक जैसी सटीक कार्रवाई की थी. उस ऑपरेशन के बाद ही सरकार ने एक स्पष्ट नीति घोषित की थी कि अब देश की जमीन पर अगर एक भी आतंकी घटना हुई, तो उसे Act of War यानी युद्ध की घोषणा माना जाएगा. आज दिल्ली धमाकों के बाद वही चेतावनी हकीकत बनती दिख रही है.
सीसीएस बैठक में क्या हुआ?
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में दिल्ली धमाकों के प्रारंभिक सबूतों पर चर्चा की गई. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) ने जो इनपुट दिए, उनसे यह साफ हुआ कि हमले की साजिश सीमा पार से रची गई थी. इसे देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने सेना को सतर्क कर दिया है. साथ ही पश्चिमी सीमाओं पर एयरफोर्स की निगरानी बढ़ाते हुए नौसेना को भी अलर्ट कर दिया गया है. हमले पर गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कहा, 'यह हमला भारत की संप्रभुता पर सीधा प्रहार है. जवाब केवल शब्दों में नहीं, कार्रवाई में दिया जाएगा.' बैठक के बाद जो माहौल बना है, वह बताता है कि देश अब फिर से एक बड़े जवाबी कदम की तैयारी में है.
पाकिस्तान में मची है खलबली
दिल्ली धमाकों की खबर के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी किया, हम हिंसा की निंदा करते हैं और भारत को संयम बरतने की सलाह देते हैं. लेकिन दिल्ली की सरकार ने इसे 'कपटी प्रतिक्रिया' बताया. भारत के कड़े तेवरों से पाकिस्तान में खलबली मच गई है, क्योंकि 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद से भारत ने हर आतंक घटना को अपनी सीमा सुरक्षा का मामला मानने का फैसला लिया था.अब इस धमाके के बाद, यदि भारत ने कार्रवाई की तो यह सिर्फ आतंकी जवाबी हमला नहीं, बल्कि नीति के तहत घोषित प्रतिकार होगा.
अब आगे क्या होने वाला है?
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के पास कई विकल्प हैं. इनमें सीमित सर्जिकल स्ट्राइक, साइबर अटैक या आर्थिक प्रतिबंधों के रूप में जवाब. लेकिन इस बार माहौल पहले जैसा नहीं है. जनता और सरकार दोनों 'निर्णायक कार्रवाई' की अपेक्षा कर रहे हैं. देश की खुफिया एजेंसियां अब संभावित आतंकी नेटवर्क को चिन्हित करने में जुटी हैं, जबकि सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं.
'बयानबाजी नहीं, दूसरा सिंदूर चाहिए'
दिल्ली, मुंबई, और लखनऊ जैसे शहरों में लोगों के बीच गुस्सा साफ झलक रहा है. सोशल मीडिया पर ट्रेंड चल रहा है — #ActOfWar और #NowOrNever. लोग कह रहे हैं कि अब बयानबाजी नहीं, बल्कि 'एक और सिंदूर' चाहिए यानी आतंक के हर रंग को मिटाने वाला जवाब.
दिल्ली ब्लास्ट के बाद देश में धधक रही गुस्से की ज्वाला, अब शुरू होगा सिंदूर-पार्ट 2 !!!
पहलगाम हमला भारत के धैर्य की परीक्षा था, और ऑपरेशन सिंदूर उसका जवाब. अब दिल्ली धमाके ने हालात को फिर से उसी मोड़ पर ला खड़ा किया है, जहां शब्दों की नहीं बल्कि कर्मों की जरूरत है. सरकार के संदेश स्पष्ट हैं — अगर यह हमला सीमा पार की साजिश का हिस्सा साबित हुआ, तो भारत इसे 'Act of War' मानेगा और उसी स्तर की कार्रवाई करेगा.
कांग्रेसी मंत्री जमीर अहमद का विवादित बयान, BJP का पलटवार
अब पूरी दुनिया की नज़रें दिल्ली पर हैं कि क्या भारत दूसरा 'सिंदूर' करेगा या राजनयिक दबावों के बीच एक और रणनीतिक रास्ता चुनेगा? इतना तय है कि इस बार मामला सिर्फ आतंक का नहीं, बल्कि भारत की नीति और प्रतिष्ठा का है.










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