लोकगीत और लोकनीति का अद्भुत मेल...
आस्था संग स्नेह के संगम छठ महापर्व की हुई शुरुआत
प्रकृति, पवित्रता और तपस्या का चार दिवसीय महापर्व छठ शुरू हो गया है। आस्था के इस महापर्व में स्नेह का अनोखा संगम तब देखने को मिला जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर बिहार की बहनों ने प्रेम भरा संदेश भेजा। छठ मईया के गीत में मोदी भईया की गूंज ने अनोखी समां बांध दी है। बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में नहाय-खाय के साथ इसकी तैयारी चरम पर है। यह सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि लोक-आस्था का महाकुंभ है, जहां व्रती सूर्य देव और छठी मैया की आराधना में लीन हो जाते हैं। इस पावन माहौल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देशवासियों से छठ गीत साझा करने की अपील ने उत्सव को एक नया आयाम दे दिया है।
प्रधानमंत्री के भावुक पोस्ट का बिहार की महिलाओं ने जो जवाब दिया है, वह अब सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहा है। वायरल हो रहे वीडियो में, पारंपरिक परिधानों में सजी कुछ महिलाएं एक साथ बैठकर छठ के सुमधुर लोकगीत गा रही हैं। गीत की पंक्तियों को गाते हुए, एक महिला ने बड़ी ही सहजता और स्नेह के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मोदी भईया कहकर बुलाया। यह अनौपचारिक और आत्मीय संबोधन दिखाता है कि छठ जैसे अत्यंत पवित्र और व्यक्तिगत पर्व के दौरान भी आम जनता अपने नेताओं को किस सहजता से अपने परिवार का हिस्सा मानती है। यह हृदयस्पर्शी वीडियो ठीक उसी समय सामने आया जब प्रधानमंत्री मोदी ने छठ महापर्व की भव्यता को पूरे देश तक पहुंचाने का आह्वान किया था। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा था: प्रकृति और संस्कृति को समर्पित महापर्व छठ आने वाला है। बिहार समेत देशभर में इसकी तैयारियों में श्रद्धालु पूरे भक्ति-भाव से जुट चुके हैं। छठी मईया के गीत इस पावन अवसर की भव्यता और दिव्यता को और बढ़ाने वाले होते हैं।
आपसे आग्रह है कि आप भी छठ पूजा से जुड़े गीत मेरे साथ शेयर करें। मैं अगले कुछ दिनों तक इन्हें सभी देशवासियों के साथ साझा करूंगा। महिलाओं का यह गीत न सिर्फ छठ की सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखता है, बल्कि यह भी बताता है कि आस्था के इन क्षणों में जनता और नेतृत्व के बीच की दूरी कितनी कम हो जाती है। यह वीडियो अब तेजी से साझा किया जा रहा है और लोग कह रहे हैं कि यह छठ महापर्व की सबसे खूबसूरत प्रस्तुतियों में से एक है। छठ व्रत में व्रती 36 घंटों का निर्जला उपवास रखते हैं। ऐसे कठिन उपवास के लिए गाए लोकगीतों में किसी राजनेता को भईया कहकर संबोधित करना, लोकगीत (जनता के गीत) और लोकनीति (जनता की सेवा) के बीच के गहरे जुड़ाव को दर्शाता है।










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