G News 24 : मां काली की मूर्ति को पहले तोड़ा,फिर पुलिस का उस खंडित मूर्ति को जेल वाली गाड़ी में लेकर जाना...!

 भाजपा ने इसे शियासत बताते हुए मां काली का अपमान और दोषियों को घुसपैठियां बताया है...  

मां काली की मूर्ति को पहले तोड़ा,फिर पुलिस का उस खंडित मूर्ति को जेल वाली गाड़ी में लेकर जाना...! 

मां काली की खंडित मूर्ति का वीडियो वायरल है. इस वीडियो में मूर्ति को प्रिजन वैन में रखने के पुलिस के कदम की काफी आलोचना हो रही है. राकेश सिंह ने लिखा, 'आज पश्चिम बंगाल की पुलिस ने काकद्वीप में मां काली को ही अरेस्ट कर लिया. हां, हमारी मां को जबरन प्रिजन वैन में डाला गया.

दक्षिण 24 परगना की इस घटना को लेकर भाजपा राज्य की टीएमसी सरकार पर हमलावर है. पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने कहा है कि यह घटना मां काली का अपमान है. उन्होंने दोषियों को पापी और घुसपैठिया बताया. भाजपा नेता बंगाल पुलिस पर भी भड़के. उन्होंने सोशल मीडिया पर ही पुलिस को सुनाते हुए कहा कि आप लोग शर्म से सिर झुका लो. पश्चिम बंगाल में मां काली की खंडित मूर्ति मिलने से लोगों में काफी गुस्सा है. सुवेंदु ने पश्चिम बंगाल पुलिस के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, 'मां काली की मूर्ति को जेल वैन में रखने के अपने कृत्य को उचित ठहराने का एक कारण तो बता दो.

ऐसे पोस्ट वायरल हुए तो पश्चिम बंगाल पुलिस ने अपनी सफाई में ट्वीट किया. पुलिस की ओर से कहा गया कि काकद्वीप की घटना के बारे में कुछ लोग गलत सूचना फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. तथ्य यह है कि सूर्यनगर के एक गांव के मंदिर में देवी काली की मूर्ति क्षतिग्रस्त पाई गई. इस घटना के दोषियों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं. घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

अधिकारी ने कहा कि काकद्वीप की घटना मां काली का अपमान है... जिन्होंने ऐसा किया वे पापी और घुसपैठिए हैं. भाजपा विधायक ने आरोप लगाया कि टीएमसी और पश्चिम बंगाल की पुलिस बांग्लादेशी घुसपैठियों के साथ मिली हुई है. उन्होंने आगे बंगाल के हिंदुओं से एकजुट होने का आग्रह किया.

उन्होंने कहा कि यहां पुलिस और टीएमसी बांग्लादेशी घुसपैठियों के साथ मिलकर साजिश कर रही है इसलिए मैं बंगाल के हिंदू समुदाय से एकजुट होने का आह्वान करता हूं.  इससे पहले सुवेंदु अधिकारी ने दार्जिलिंग के सांसद राजू बिस्टा पर कथित हमले की कड़ी निंदा की थी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) कार्यकर्ताओं पर हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया था. 

स्थानीय लोगों ने क्षतिग्रस्त मूर्ति के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया और विसर्जन करने से इनकार कर दिया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को जाम हटाने के लिए घंटों समझाने का प्रयास किया जिससे गंभीर मरीजों को लेकर जा रही एंबुलेंस को दिक्कत न हो. एंबुलेंस फंसी भी हुई थी. जब प्रदर्शनकारियों ने अपना संयम नहीं छोड़ा और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया तब पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए न्यूनतम बल प्रयोग किया. इसके बाद मूर्ति विसर्जन की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल पाई.

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