पकड़ने की कौन कहें पुलिस वाले इन्हें आराम से निकलने का रास्ता देते दिखे...
मंदिर में झोला लेकर घुसे लोग और खुलेआम करने लगे लूट,पुलिसवाले खड़े देखते रहे !
गुजरात के डाकोर मंदिर में श्री रणछोड़ राय जी महाराज का मंदिर है जो भगवान कृष्ण को समर्पित है. यहां सालों से परंपरा चली आ रही है कि भगवान को चढ़ाए गए 3000 किलो प्रसाद को आमंत्रित स्थानीय लोग लूटकर ले जाते हैं. इस मंदिर में लूटपाट करना क्या अपराध नहीं है? वीडियो देखेंगे तो आप भी ऐसा ही कहेंगे. पुलिसवाले खड़े देखते रहे लेकिन बड़ी संख्या में आए लोग मंदिर में लूटपाट करके बड़े आराम से निकल गए. पकड़ने की कौन कहें पुलिस वाले इन्हें आराम से निकलने का रास्ता देते दिखे. आखिर माजरा क्या है?
पहली नजर में शायद आपको यकीन ही न हो कि जो कुछ आप देख रहे हैं वो सच है. एक मंदिर में शोर मचाते हुए भीड़ घुसती है और बीच में रखी किसी खास चीज को लूटना शुरू कर देती है. आसपास बड़ी संख्या में लोग खड़े यह नजारा देखते रहते हैं लेकिन कुछ नहीं करते. पुलिस भी पास खड़ी देखती रहती है लेकिन प्लास्टिक की पन्नी और झोला लेकर आए ये लोग जमकर लूटपाट मचाते हैं.
लूट भी ऐसी कि वे एक दूसरे पर ही गिरने लगते हैं. ज्यादातर लोग शर्टलेस दिखाई देते हैं. इस ठेलम-ठेल में कई अधेड़ या बुजुर्ग भी होते हैं. भीड़ बढ़ती ही जाती है, पुलिस बचकर किनारे हो जाती है और छोटे कद के लोग दूसरे पर चढ़कर आगे उछलते दिखते हैं. कुछ लोगों ने लुंगी और तौलिये में ही गांठ बांध ली. बाहर निकले तो पकड़ने की कौन कहे, पुलिसवाले उन्हें आराम से रास्ता देते दिखे. कुछ लोग मोबाइल से वीडियो बनाते रहे. कुछ लोगों ने लूटी गई चीज को मांगा तो उन्हें थोड़ा-थोड़ा वे 'लुटेरे' देते गए. आखिर इन लोगों ने लूटा क्या था और पुलिस ने इन्हें पकड़ा क्यों नहीं?
वीडियो देखकर पूरा मामला समझ में आ जाएगा. दरअसल, इस मंदिर में लूटपाट एक प्राचीन परंपरा है. जी हां, गुजरात के डाकोर मंदिर में श्री रणछोड़ राय जी महाराज का मंदिर है जो भगवान कृष्ण को समर्पित है. यहां सालों से परंपरा चली आ रही है कि भगवान को चढ़ाए गए 3000 किलो प्रसाद को आमंत्रित स्थानीय लोग लूटकर ले जाते हैं.
यह लूटपाट दरअसल अन्नकूट महोत्सव के तहत आयोजित होती है. डीएसपी वीपी बाजपेयी ने मुस्कुराते हुए बताया कि जो प्रसाद चढ़ाया जाता है उसे ही आसपास के गांवों के लोग लूटते हैं. यह ऐसी लूट है जिसमें पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती है बल्कि बंदोबस्त करती है.
इस परंपरा के तहत मंदिर प्रशासन खुद 80 गांवों के ग्रामीणों को इस लूट में शामिल होने के लिए न्योता भेजता है. प्रसाद में कई चीजें शामिल की जाती हैं. वीडियो इसी साल का है और आसपास जो पुलिसवाले दिख रहे हैं वे इन स्पेशल श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए थे. चारों तरफ बड़ी संख्या में दर्शनार्थी भी मौजूद थे










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