FASTag को लेकर सरकार ने दी बड़ी राहत...
वाहनों में फास्टैग न होने पर, भुगतान अब UPI से भी किया जा सकेगा,नहीं देनी होगी दोगुनी पेनल्टी !
नई दिल्ली। केंद्रीय सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने दीवाली से पहले आम लोगों को बडी राहत दी है। गाडी में फास्टैग न होने की दशा में मालिकों को दोगुनी कीमत चुकानी होती थी लेकिन अब इस नियम में बदलाव होने जा रहा है। नए नियम के तहत अब फास्टैग न होने पर दोगुना नहीं बल्कि 1.25 गुना टोल शुल्क देना होगा। बडी बात यह है कि वाहनों में फास्टैग न होने पर भुगतान अब यूपीआई से भी किया जा सकेगा।
सरकार का कहना है कि फास्टैग ने टोल प्लाजा पर लंबी कतारों को कम किया है। 2022 के सरकारी आंकडों के अनुसार टोल प्लाजा पर औसत वेटिंग समय अब केवल 47 सेकंड है। देश में लगभग 98 प्रतिशत राजमार्ग यूजर्स फास्टैग का उपयोग करते है। यह प्रणाली न केवल समय बचाती है बल्कि टोल कलेक्शन को भी पारदशी बनाती है।
हालांकि कुछ लोग अभी भी फास्टैग का इस्तेमाल नहीं करते है। वे नकद भुगतान को प्राथमिकता देते है। इससे टोल वसूली में अनियमितता का खतरा बढ जाता है। केंद्रीय सडक परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जून 2024 में सैटेलाइट आधारित टोल कले क्शन प्रणाली के शुभारंभ के दौरान कहा था कि नकद भुगतान से सालाना लगभग 10000 करोड रुपये का नुकसान होगा।
फैसले से टोल वसूली में आएगी पारदर्शिता
नए नियम से नकद भुगतान में कमी आएगी। यूपीआई के इस्तेमाल में बढ़ोतरी से टोल वसूली और पारदर्शी होगी। इससे डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा। इस कदम से उन लोगों को भी राहत मिलेगी जो किसी कारण से फास्टैग नहीं ले पाते थे। मंत्रालय का मानना है कि इससे टोल प्लाजा पर आवाजाही और तेज होगी।
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