मानसिक प्रताड़िना से छात्रा का 4 महीने में घट गया 22 किलो वजन'
MGM में रैगिंग, छात्रा बोली, 'सीनियर्स ने नर्क बना दी जिंदगी !
इंदौर। इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल (MGM) मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का एक गंभीर मामला सामने आया है। प्रसूति एवं स्त्री रोग (Obstetrics and Gynaecology) विभाग की पीजी फर्स्ट ईयर की एक छात्रा ने अपने सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों पर पिछले चार माह से लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। पीड़िता ने इसकी शिकायत यूजीसी की राष्ट्रीय एंटी रैगिंग सेल में दर्ज कराई है। छात्रा का आरोप है कि प्रताड़ना के कारण चार महीनों में उसका 22 किलो वजन कम हो गया है और उसे एमवाय अस्पताल में भर्ती भी रहना पड़ा।
"OT पोस्टिंग से बेदखल करने की दी धमकी"
पीड़ित छात्रा ने अपनी शिकायत में कहा है कि सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा उसे डराया-धमकाया जा रहा है। उसे ऑपरेशन थिएटर (OT) की पोस्टिंग से बेदखल करने की धमकी दी गई और अत्यधिक व रात की ड्यूटी करने के लिए मजबूर किया गया। छात्रा के अनुसार, जब उसने मेडिकल लीव ली, तो उसके बारे में झूठी अफवाहें फैलाई गईं, जिससे वह गहरी मानसिक परेशानी में चली गई।
मानसिक प्रताड़ना से 22 किलो वजन घटा
छात्रा ने बताया कि वह लगातार मानसिक दबाव झेल रही थी, जिसके कारण उसे लंबी मेडिकल लीव लेनी पड़ी। छात्रा के परिवार ने भी इस बात की पुष्टि की है कि वह मानसिक रूप से टूट चुकी थी और वर्तमान में उसका इलाज चल रहा है। शिकायत में स्पष्ट कहा गया है कि यह मामला काम के बोझ का नहीं, बल्कि मानसिक अत्याचार का है। छात्रा को बुरी तरह अपमानित किया गया, जिससे उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ गई।
शिकायत में चार सीनियर डॉक्टरों के नाम
राष्ट्रीय एंटी रैगिंग सेल में दर्ज कराई गई शिकायत में चार सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के नाम शामिल हैं। इन पर छात्रा को डराने और उसके खिलाफ अपमानजनक माहौल बनाने का आरोप है। पीड़िता के अनुसार, सीनियरों ने एक व्हाट्सएप ग्रुप पर उसके बारे में गलत मैसेज फैलाए, उसे "झूठी" बताया और लिखा कि उसकी मेडिकल लीव "फर्जी" है। उसे चेतावनी दी गई कि जब वह वापस लौटेगी तो सजा के तौर पर छह महीने तक ओटी ड्यूटी नहीं दी जाएगी और अलग से नाइट शिफ्ट करनी होगी। लगातार प्रताड़ना से उसकी तबीयत इतनी बिगड़ी कि उसे चार दिनों तक एमवाय अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा, जिसके बाद वह घर लौट गई।
एंटी रैगिंग कमेटी ने जांच शुरू की
ईमेल के माध्यम से शिकायत प्राप्त होने के बाद कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। समिति की अध्यक्ष डॉ. पूनम देयसरकार ने शिकायत मिलने की पुष्टि की है। कमेटी अब पीड़िता और आरोपी सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की पहचान कर उनके बयान दर्ज करेगी। जांच पूरी होने के बाद जल्द ही रिपोर्ट राष्ट्रीय एंटी रैगिंग सेल और कॉलेज प्रशासन को सौंपी जाएगी। वहीं, विभाग के HOD डॉ. निलेश दलाल का कहना है कि मामला कमेटी के पास है और जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।










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