प्रतिमा स्थापना का विवाद के चलते अलर्ट पर ग्वालियर...
सोशल मीडिया से पुलिस ने विवादास्पद 260 पोस्ट हटाईं !
ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापना का विवाद थमता नहीं दिख रहा है। ताजा मामले में हाईकोर्ट के वकील अनिल मिश्रा द्वारा डॉ. अंबेडकर पर की गई टिप्पणी से ग्वालियर-चंबल अंचल में तनाव की स्थिति बन गई। मिश्रा के बयान पर दलित संगठनों ने 15 अक्टूबर को ग्वालियर में कड़ा विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। सोशल मीडिया पर लगातार ग्वालियर पहुंचने की अपील की जा रही है।
पुलिस ने 260 भड़काऊ पोस्टों को हटवाया
वहीं, सवर्ण समाज के संगठनों ने भी 15 अक्टूबर को ग्वालियर पहुंचकर शक्ति प्रदर्शन करने की बात कही है। दोनों पक्षों की ओर से सोशल मीडिया पर की जा रही अपीलों को देखते हुए ग्वालियर पुलिस ने बलवा और उपद्रव से निपटने के लिए मॉक ड्रिल की है। जिला प्रशासन सोशल मीडिया से लेकर तमाम कानूनी व्यवस्थाओं पर बारीकी से नजर बनाए हुए है। पुलिस ने 260 भड़काऊ पोस्टों को हटवाया है। 50 से अधिक लोगों को नोटिस जारी किए हैं। विवादित बयान देने के चलते वकील अनिल मिश्रा के खिलाफ ग्वालियर और महाराष्ट्र में अलग-अलग दो एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं।
ग्वालियर में हाईकोर्ट परिसर में अंबेडकर प्रतिमा लगाने को लेकर विवाद चल रहा है। आजाद समाज, भीम आर्मी, ओबीसी महासभा सहित वकीलों का एक धड़ा प्रतिमा लगाने की मांग कर रहा है जबकि वकीलों का दूसरा धड़ा इसके खिलाफ है। इसे लेकर वाद-विवाद और बयानबाजी का दौर चल रहा है। पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के मुताबिक, मिश्रा ने सोशल मीडिया पर जारी किए गए वीडियो में डॉ. अंबेडकर को अंग्रेजों का गुलाम-एजेंट, झूठा कहने के साथ ही आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया है।
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