G NEWS 24 : पिता ने अपनी ही बेटी की करदी गोली मारकर हत्या !

नदी में फेंका शव, 5 दिन बाद मिली लाश...

पिता ने अपनी ही बेटी की करदी गोली मारकर हत्या !

मुरैना। एक पिता ने अपनी नाबालिग बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी। फिर उसकी लाश को नदी में फेंक दिया। बेटी का कसूर इतना था िकवह दूसरी जाति के युवक से प्यार करती थी। उससे शादी करना चाहती थी। पड़ोसी के संदेह जताने पर पुलिस ने पिता से पूछताछ की। सख्ती करने पर वह टूट गया। हत्या करने की बात मान ली। पुलिस ने उसकी निशांदेही पर रविवार को क्वांरी नदी में बेटी का शव बरामद कर लिया है। आरोपी पिता पुलिस की हिरासत में है। 

घटना मुरैना के शिवनगर की है। आरोपी नाम भारत उर्फ बंटू सिकरबार है। बेटी का नाम दिव्या था और 17 वर्षीय दिव्या की 12वीं की छात्रा थी। पुलिस के अनुसार भरत सिकरबार के एक पड़ोसी ने शनिवार को सिविल थाने में फोन किया। ऐसा बताया कि भरत की बड़ी बेटी 17 वर्षीय दिव्या पिछले 2 दिनों से गायब है। यह भी कहा है कि गुरूवार को उसने भरत के घर से गोली चलने और किसी के चीखने की आवाज सुनी तो इस पर पुलिस भरत के घर पहुंची। उससे पूछताछ की। पूछताछ के बीच पुलिस को पता चला कि भरत के घर में 5 मेम्बर है। पत्नी, 2 बेटियां और एक बेटा है। बड़़ी बेटी दिव्या घर से गायब थी। उसके बारे में पूछने पर भरत ने गोलमाल जवाब दिया।

पुलिस का संदेह गहरा गया और पुलिस ने शनिवार को ही भरत को थाने ले आयी। दिव्या दूसरी जाति के लड़के से प्यार करती थी। उससे शादी पर अड़ी थी। समझाने पर भी नहीं मान रही थी। 23 सितंबर की रात करीब 9 बजे के करीब इसी बात पर पिता और बेटी में झगड़ा हुआ। गुस्से में आकर भरत ने दिव्या को गोली मार दी। फिर उसके शव को बोरे में भरा। तिरपाल से बांधकर गलेथा पंचायत में अपने पैतृक गांव भगवान सिंह का पुरा ले गया। यहां दिव्या के शव को पत्थर बांधकर क्वारी नदी में फेंक दिया। भरत के इस खुलासे के बाद पुलिस शनिवार को ही नदी किनारे उस जगह पहुंची, जहां उसने दिव्या का शव फेंका था। 

एसडीईआरएफ की मदद से पानी में तलाश शुरू की गई। अंधेरा होने तक शव नहीं मिला तो अभियान रोक दिया गया। रविवार सुबह तलाशी अभियान फिर शुरू किया गया। सुबह करीब 10 बजे दिव्या का शव नदी में मिल गया। उधर, भरत ने बताया कि 23 सितंबर को वह घर में खाना खा रहा था। इसी बीच फायरिंग की आवाज सुनाई दी। दौड़कर अंदर पहुंचा तो देखा कि दिव्या की गर्दन में गोली लगी थी। अस्पताल ले जाने से पहले मौत हो गई तो नदी में जल दाग (अंतिम संस्कार) दे दिया।

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