मलबे से भरा ट्रैक्टर छोड़ने के बदले मांगे 10 हजार...
लोकायुक्त टीम ने दरोगा और सुपरवाइजर को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा !
इंदौर। शहर में सफाई की निगरानी के लिए नगर निगम द्वारा तैनात एक दरोगा और सुपरवाइजर अवैध कमाई में भी लगे थे। उन्होंने एक ट्रैक्टर चालक से 10 हजार रुपये रिश्वत मांगी। इससे परेशान चालक ने लोकायुक्त पुलिस को शिकायत कर दी। लोकायुक्त टीम ने योजनापूर्वक दोनों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
जानकारी के अनुसार आरोपी दरोगा ने मलबे से भरे एक ट्रैक्टर को रोका और चालक को धमकाया कि जब तक वह 10 हजार रुपये नहीं देगा, वह ट्रैक्टर नहीं छोड़ेगा। ट्रैक्टर चालक ने कहा कि वह तो मलबा ले जा रहा है, उसने उसे कहीं नहीं फेंका, लेकिन घूसखोर दरोगा नहीं माना। उसने ट्रैक्टर खड़ा करवा कर चालक का मोबाइल भी जब्त कर लिया। दरोगा गोपाल पटौना ने यह भी धमकी दी कि जब तक वह पैसे नहीं लाएगा। उसका ट्रैक्टर जब्त रहेगा। दरोगा का सुपरवाइजर भरत मुराड़िया भी इसमें शामिल था।
आखिरकार ट्रैक्टर चालक मनोज चौहान ने लोकायुक्त पुलिस में शिकायत कर दी। अफसरों ने घूसखोरों को रंगे हाथों पकड़ने की योजना बनाई और ट्रैक्टर चालक को पैसे देकर दरोगा और सुपरवाइजर के पास भेजा। जैसे ही दोनों ने पैसे लिए तो टीम ने उन्हें रंगे हाथों दबोच लिया। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत केस दर्ज किया गया। दोनों को गिरफ्तार भी किया गया।
ट्रैक्टर चालक ने पहले दरोगा गोपाल को पैसे दिए। उसने गिनकर उसे सुपरवाइजर भरत को रखने के लिए कहा। इस कारण इस केस में दोनों को आरोपी बनाया गया है। फरियादी ने बताया कि ट्रैक्टर रोकने के बाद दोनों ने कहा था कि मलबे में कचरा मिला है जहां भी इसे फेंका जाएगा, उससे गंदगी फैलेगी। दोनों ने ट्रैक्टर चालक से मासिक बंदी के लिए भी दबाव बनाया था।
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