G News 24 : ममता बनर्जी बीजेपी को चुनौती देते हुए बोली,जब तक मैं न चाहूं तुम मुझे हरा नहीं सकते !

 ममता ने राजनीतिक विरोधियों को चेतावनी देते हुए खुद को एक जिंदा शेरनी बताया...

ममता बनर्जी बीजेपी को चुनौती देते हुए बोली,जब तक मैं न चाहूं तुम मुझे हरा नहीं सकते !

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सामने चुनौती पेश करते हुए कहा, ‘‘आप मुझे तब तक नहीं हरा सकते जब तक मैं आपको ऐसा करने की अनुमति नहीं देती.'' तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने हालांकि इस दौरान भाजपा का नाम नहीं लिया.

ममता बनर्जी ने 2026 चुनाव से पहले भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि वे तभी उन्हें हरा सकते हैं जब वे अनुमति दें, उन्होंने अपने राजनीतिक विरोधियों को चेतावनी देते हुए खुद को एक जिंदा शेरनी बताया। ममता बनर्जी ने अपने संबोधन को और आक्रामक करते हुए कहा, ‘‘आप मुझे तभी हरा सकते हैं जब मैं इसकी इजाजत दूं. अगर मैं नहीं चाहूंगी, तो आप भी नहीं हरा सकते. ममता बनर्जी को हराना आसान नहीं है.’’ चुनाव आयोग के अधिकारियों के निलंबन पर नाराजगी जताते हुए ममता ने आयोग पर अमित शाह के एजेंट होने का आरोप लगाया.

झारग्राम के पंचमाथा मोड़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि वह एक बाघिन हैं और किसी को भी उन्हें घायल करने का प्रयास करने और उन्हें ‘खतरनाक' बनाने का जोखिम उठाने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को चेतावनी दी कि वे उन्हें कम न आंके, तथा स्पष्ट किया कि उनकी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है.

राजनीति के दौरान पूर्व की हुई घटनाओं का स्पष्ट रूप से संदर्भ देते हुए बनर्जी ने कहा कि वह मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की गोलियों से बच गयीं. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा सिर फोड़ दिया गया था, मेरा शरीर खून से लथपथ हो गया था. मैं डरी नहीं. मैं एक जिंदा शेरनी हूं. मुझे घायल करने की कोशिश मत करो, मैं खतरनाक हो जाऊंगी.''

बनर्जी ने अपने संबोधन को और आक्रामक करते हुए कहा, ‘‘आप मुझे तभी हरा सकते हैं जब मैं इसकी इजाजत दूं. अगर मैं नहीं चाहूंगी, तो आप भी नहीं हरा सकते. ममता बनर्जी को हराना आसान नहीं है.'' राजनीतिक विश्लेषकों ने ममता बनर्जी के इस आक्रामक बयान की व्याख्या भाजपा के लिए चुनौती के तौर पर की है.

बनर्जी की यह टिप्पणी निर्वाचन आयोग द्वारा उनकी सरकार को दो निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) सहित चार अधिकारियों को निलंबित करने के निर्देश के मद्देनजर आई है. उन्होंने इस पर नाराजगी जताते हुए आयोग पर राजनीतिक पक्षपात करने का आरोप लगाया.

बनर्जी ने कहा, ‘‘आयोग अमित शाह (केंद्रीय गृह मंत्री) के एजेंट की तरह काम कर रहा है. यह अमित शाह के हाथों की कठपुतली की तरह काम कर रहा है. बंगाल इस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगा. मैं अपने अधिकारियों को सजा नहीं होने दूंगी. हिम्मत है तो करके देख लो!''

तृणमूल प्रमुख ने मतदाताओं से मतदाता सूची में अपना नाम जांचने और सतर्क रहने का भी आह्वान किया. उन्होंने आगाह करते हुए कहा, ‘‘मतदाता सूची में आपका नाम आपकी पहचान है. अभी पंजीकरण कराएं, और बाद में दोबारा जांच लें. चुनाव के दिन अपना नाम गायब पाकर चौंकें नहीं.''

बनर्जी ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से जुड़ी आंशका को दोहराते हुए कहा, ‘‘असम से बंगाल में लोगों को डराने के लिए नोटिस भेजे जा रहे हैं. उन्हें जरा भी शर्म नहीं है.'' जंगलमहल में बिताए अपने समय को याद करते हुए बनर्जी ने 1992 में बेलपहाड़ी की अपनी यात्रा का उल्लेख किया.

बांग्ला भाषियों के प्रति पूर्वाग्रह स्थापित करने के प्रयासों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अब, अगर आप बांग्ला बोलते हैं, तो आपको बांग्लादेशी या रोहिंग्या कहा जाता है. यह बांग्ला भाषा पर हमला है.'' बनर्जी ने जनता से प्रतिरोध का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘जय बांग्ला'' बोलो. विरोध करो. हम बिना लड़े एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे. आपका वोटर कार्ड सिर्फ एक कार्ड नहीं है - यह आपकी पहचान का प्रमाण है.''

उन्होंने आत्मविश्वास भरे लहजे में कहा, ‘‘आप मुझे तभी हटा सकते हैं जब मैं पद छोड़ने का फैसला करूं. वरना आपके समर्थक भी मुझे वोट देंगे.'' मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी सीधे संबोधित किया तथा उन्हें अपने समर्थन का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा, ‘‘आप जनता के लिए काम करते हैं। आपकी सुरक्षा की जिम्मेदारी मेरी है. वे आपको डराने की कोशिश करेंगे, लेकिन कामयाब नहीं होंगे. बंगाल चुनाव के नाम पर उत्पीड़न नहीं होने देंगे.'

मुख्यमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि ममता बनर्जी के भाषण से उनकी असुरक्षा झलकती है. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सिन्हा ने कहा, ‘‘विरोधियों को चींटियों की तरह मसलने की उनकी धमकी दर्शाती है कि वह कितनी कमजोर और हताश हो गई हैं.

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