G News 24 : रेहड़ी-पटरी वालों के लिए सरकार ने खोल दिया है खजाना !

 ऐसे उठा सकते हैं योजना का लाभ...

रेहड़ी-पटरी वालों के लिए सरकार ने खोल दिया है खजाना !

केंद्र सरकार समय-समय पर समाज के अलग-अलग तबकों के लोगों के लिए कई योजनाएं चलाती है. इसमें छोटे कारोबारियों और रेहड़ी-पटरी वालों के लिए सरकार ने  एक अहम योजना को आगे बढ़ाया गया है. इससे लाखों लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है. इनमें किसानों, गरीब परिवारों, महिलाओं और छोटे कारोबारियों तक सभी को शामिल किया जाता है. हाल ही में सरकार ने एक ऐसी योजना की अवधि बढ़ाई है. जो रेहड़ी-पटरी वालों और छोटे विक्रेताओं के लिए चलाई जा रही है.

प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि यानी पीएम स्वनिधि योजना जून 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान शुरू हुई थी. उस समय छोटे दुकानदारों और ठेले-पटरी वालों का बिजनेस सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था. इसी वजह से इस योजना की शुरुआत हुई. ताकि उन्हें दोबारा खड़ा होने और आत्मनिर्भर बनने में मदद मिल सके.

प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि यानी पीएम स्वनिधि योजना जून 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान शुरू हुई थी. उस समय छोटे दुकानदारों और ठेले-पटरी वालों का बिजनेस सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था. इसी वजह से इस योजना की शुरुआत हुई. ताकि उन्हें दोबारा खड़ा होने और आत्मनिर्भर बनने में मदद मिल सके.

कई बार इस तरह के छोटे कारोबारियों को अपने बिजनेस के लिए तुरंत पैसों की जरूरत होती है. लेकिन बैंकों से लोन लेना आसान नहीं होता. ऐसे में सरकार की इस खास योजना ने लाखों लोगों के लिए बड़ी राहत दी है. इसकी मदद से वे बिना ज्यादा झंझट के कम ब्याज दर पर लोन हासिल कर पा रहे हैं.

कई बार इस तरह के छोटे कारोबारियों को अपने बिजनेस के लिए तुरंत पैसों की जरूरत होती है. लेकिन बैंकों से लोन लेना आसान नहीं होता. ऐसे में सरकार की इस खास योजना ने लाखों लोगों के लिए बड़ी राहत दी है. इसकी मदद से वे बिना ज्यादा झंझट के कम ब्याज दर पर लोन हासिल कर पा रहे हैं.

27 अगस्त 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना को पुनर्गठित करते हुए इसकी अवधि को 31 मार्च 2030 तक बढ़ा दिया. सरकार ने इस पर 7332 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला लिया है. तो इसके साथ ही इसमें लोन की लिमिट भी बढ़ा दी गई है. ताकि छोटे विक्रेता ज्यादा पूंजी लेकर अपना काम और मजबूती से आगे बढ़ा सकें.

27 अगस्त 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना को पुनर्गठित करते हुए इसकी अवधि को 31 मार्च 2030 तक बढ़ा दिया. सरकार ने इस पर 7332 रुपये खर्च करने का फैसला लिया है. तो इसके साथ ही इसमें लोन की लिमिट भी बढ़ा दी गई है. ताकि छोटे विक्रेता ज्यादा पूंजी लेकर अपना काम और मजबूती से आगे बढ़ा सकें.

अब लोन की पहली किस्त 10000 रुपये से बढ़ाकर 15000 रुपये कर दी गई है. दूसरी किस्त 20000 से बढ़ाकर 25000 रुपये कर दी गई है. तीसरी किस्त 50000 रुपये पर पहले जैसी रहेगी. खास बात यह है कि यह लोन बिना गारंटी के मिलते हैं.

अब लोन की पहली किस्त 10000 रुपये से बढ़ाकर 15000 रुपये कर दी गई है. दूसरी किस्त 20000 से बढ़ाकर 25000 रुपये कर दी गई है. तीसरी किस्त 50000 रुपये पर पहले जैसी रहेगी. खास बात यह है कि यह लोन बिना गारंटी के मिलते हैं.

जिससे छोटे विक्रेताओं को बैंक से पैसा जुटाने में किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता. योजना के तहत समय पर किस्त चुकाने वालों को रुपे क्रेडिट कार्ड मिलेगा. जिससे वह बिजनेस या और जरूरतों को पूरा कर पाएंगे. तो साथ ही डिजिटल पेमेंट अपनाने वालों को 1600 रुपये तक का कैशबैक इंसेंटिव भी मिलेगा.

जिससे छोटे विक्रेताओं को बैंक से पैसा जुटाने में किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता. योजना के तहत समय पर किस्त चुकाने वालों को रुपे क्रेडिट कार्ड मिलेगा. जिससे वह बिजनेस या और जरूरतों को पूरा कर पाएंगे. तो साथ ही डिजिटल पेमेंट अपनाने वालों को 1600 रुपये तक का कैशबैक इंसेंटिव भी मिलेगा.

आपको बता दें इस योजना का संचालन आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय कर रहा है. जबकि लोन और क्रेडिट कार्ड की सुविधा बैंकों के जरिए वित्तीय सेवा विभाग उपलब्ध करा रहा है. 30 जुलाई 2025 तक 68 लाख से ज्यादा लोगों को 96 लाख से ज्यादा लोन दिए जा चुके हैं.

आपको बता दें इस योजना का संचालन आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय कर रहा है. जबकि लोन और क्रेडिट कार्ड की सुविधा बैंकों के जरिए वित्तीय सेवा विभाग उपलब्ध करा रहा है. 30 जुलाई 2025 तक 68 लाख से ज्यादा लोगों को 96 लाख से ज्यादा लोन दिए जा चुके हैं.

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