G NEWS 24 : विपक्ष समस्या का समाधान नहीं जनता को फ्लॉवर समझ,झूठ और भ्रम फैलाकर सत्ता चाहता है !

संसद ठप करना लोकतंत्र की आत्मा पर आघात है,लोकतंत्र से खिलवाड़ पर अब सख्त कानून जरूरी...

विपक्ष समस्या का समाधान नहीं जनता को फ्लॉवर समझ,झूठ और भ्रम फैलाकर सत्ता चाहता है !


“झूठ का कवच पहनकर संसद में घुसो, जनता के पैसे को राख करो, फिर बाहर निकलकर लोकतंत्र की दुहाई दो यही है विपक्ष की असली ‘राजनीतिक चाल’। लेकिन याद रहे, जनता सब देख रही है।”

लोकतंत्र में संसद केवल कानून बनाने का मंच नहीं है, बल्कि यह जनता की उम्मीदों और विश्वास का प्रतीक है। जब संसद सत्र को मुद्दों पर बहस करने और समाधान निकालने की बजाय झूठ और भ्रम फैलाने का अखाड़ा बना दिया जाए, तो यह सीधे-सीधे लोकतंत्र की आत्मा पर आघात है।

एसआईआर मामले में विपक्ष, विशेषकर राहुल गांधी और उनके सहयोगी, झूठ का सहारा लेकर संसद को ठप करने पर उतरे। यह केवल संसदीय प्रक्रिया का अपमान नहीं बल्कि जनता के पैसे की खुली बर्बादी भी है। हर मिनट और हर घंटे संसद के न चलने का सीधा नुकसान करदाताओं की जेब से होता है।

राहुल गांधी पर यह दायित्व बनता है कि वे अपने बयानों और आरोपों को शपथ पत्र के जरिए साबित करें। अगर वह ऐसा नहीं करते, तो यह जनता के सामने साफ हो जाएगा कि उनकी राजनीति केवल झूठ और भ्रम फैलाने पर टिकी है। वैसे भी उनका झूठ हर बार बे-नकाब ही हुआ है और इस बार भी यही हुआ। और यदि अब यह झूठ कानूनी रूप से सिद्ध हो गया तो यह सिर्फ “राजनीतिक बयानबाजी” नहीं बल्कि देश को गुमराह करने का अपराध माना जायेगा,जिसका उन्हें खामियाजा भी  भुगतना पड़ सकता है। 

जनता यह सवाल पूछ रही है कि आखिर क्यों बार-बार झूठ फैलाने और संसद रोकने वालों को आसानी से जमानत मिल जाती है? क्या यही वजह है कि नेताओं को जेल जाने का डर ही नहीं बचता? अगर सख्त कानूनी कार्रवाई नहीं होगी और बिना शर्त जमानत मिलती रहेगी, तो यह सिलसिला कभी रुकेगा नहीं।

अब समय आ गया है कि झूठ बोलकर संसद रोकने वालों से बर्बाद हुए समय और धन की वसूली की जाए। अगर झूठ साबित हो जाए, तो कठोर सजा के साथ जमानत का दरवाजा भी बंद होना चाहिए। लोकतंत्र में झूठ और षड्यंत्र की राजनीति की कोई जगह नहीं हो सकती। इस मामले में राहुल गांधी और उनके सहयोगियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई आवश्यक है। अगर राहुल गांधी शपथ पत्र नहीं देते हैं तो यह स्पष्ट साबित होता है कि वे झूठ बोल रहे हैं। क्योंकि उनके कारण ही संसद सत्र ठप हुआ और जनता के करोड़ों रुपये बर्बाद हो गए..

“झूठ की राजनीति का खेल यही है —

  • संसद रोको, जनता का पैसा बर्बाद करो,
  • और बाहर आकर लोकतंत्र की दुहाई दो!
  • लेकिन इस बार जनता सब देख रही है…”

एसआईआर मामले में झूठ फैलाकर संसद सत्र न चलने देना केवल संसदीय परंपराओं का अपमान नहीं, बल्कि जनता की मेहनत की कमाई की लूट भी है। अब जनता की नजर में यह स्पष्ट है कि बार-बार झूठ बोलकर संसदीय प्रक्रिया को ठप करने वालों को सजा और जवाबदेही के बिना छोड़ना लोकतंत्र के मूल्यों के खिलाफ है।

SIR मामले में झूठ का सहारा लेकर, संसद सत्र नहीं चलने देना और दौरान हुई जनता के पैसे की बर्बादी की वसूली राहुल गांधी एवं उनके साथियों से की जाना चाहिए। इतना ही नहीं अगर राहुल गांधी शपथ पत्र नहीं देते हैं तो यह साबित करता है कि राहुल गांधी झूठ बोल रहे हैं । और झूठ बोलने देश को गुमराह करने के  वजाय इन पर मुकदमा चलना चाहिए और इन्हें सजा भी मिलनी चाहिए। सजा तय होने के बाद इन्हें जमानत तो बिल्कुल ना ही मिले ! क्योंकि जब इन्हें आसानी से जमानत मिल जाती है तभी तो ये बार-बार झूठ बोलकर देश की जनता को गुमराह करते हैं इसलिए इनका जेल जाना जरूरी है ! इनकी भी देश व जनता के लिए जबाबदारी बनती है ये केवल सत्ता पाकर सरकारी पैसे पर ऐस करने के लिए नहीं हैं। 

इस मामले में चुनाव आयोग यदि उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं भी करता है तब भी सुप्रीम कोर्ट को स्वयं संज्ञान लेकर राहुल गांधी एंड कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए और यदि सुप्रीम कोर्ट ऐसा नहीं करता है तो यह माना जाना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट भी आदमी की हैसियत और औकात देखकर कार्वाही करता है  क्योंकि सरकार के तमाम फैसलों पर   बात-बात पर स्वयं संज्ञान लेकर अड़ंगा लगना सुप्रीम कोर्ट की आदत बन चुकी है।  फिर विपक्ष के इस रवैये पर ये क्यों चुप है ? जबकि विपक्ष सरेआम सवैंधानिक एजेंसियों को लगातार कठघरें में खड़ा कर उनके अधिकारीयों-कर्मचारियों को धमकी दे रहा है। क्या ये संविधान और देश का अपमान नहीं है !

 अब समय है...

  • राहुल गांधी से शपथ पत्र की मांग - झूठ साबित हुआ तो कानूनी कार्रवाई अनिवार्य
  • जनता से धोखा, लोकतंत्र से खिलवाड़ — अब सख्त कानून जरूरी
  • बार-बार जमानत मिलने से झूठ बोलने की हिम्मत बढ़ती है
  • बर्बादी की भरपाई और कठोर सजा ही रोक सकती है यह प्रवृत्ति
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