PAK ने ही कराया था पहलगाम आतंकी हमला,खुल गई पोल...
इस बार मिले ऐसे-ऐसे सबूत आतंकिस्तान की होगी बोलती बंद !
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान के झूठ की पोल एक बार फिर खुल गई है. इस हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के कई सबूत मिले है, जिससे साफ हो गया है कि पाकिस्तानी आतंकियों ने ही हमला किया था. दरअसल, हाल ही में भारतीय सेना ने ऑपरेशन महादेव के तहत पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों को मौत के घाट उतारा था. मारे गए हमलावरों से बरामद कम से कम तीन मोबाइल फोन और दो लोरा (लंबी दूरी) संचार सेटों से काफा डेटा मिला है, जिसमें दो पाकिस्तानी राष्ट्रीय डेटाबेस और पंजीकरण प्राधिकरण यानी नाद्रा (NADRA) कार्डों की तस्वीरें भी शामिल हैं. बता दें कि पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे.
ऑपरेशन महादेव के बाद सुरक्षा बलों द्वारा बरामद की गई अन्य चीजों में एक गोप्रो हार्नेस, एक 28-वाट का सोलर चार्जर, तीन मोबाइल चार्जर, एक स्विस मिलिट्री पावर बैंक, सुई-धागे, दवाइयां, एक चूल्हा, सूखा राशन और ढेर सारी चाय शामिल हैं. आतंकियों के शवों से बरामद हथियारों और गोला-बारूद के अलावा गंदेरबल और श्रीनगर के दो स्थानीय निवासियों के नाम पर दो आधार कार्ड भी बरामद किए गए हैं. सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों के हवाले से द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ) द्वारा डेटा प्राप्त करने के लिए इन फोनों की जांच की जा रही है. यह लोरा संचार सेटों पर पाकिस्तान के किसी भी स्टैम्प की भी जांच कर रहा है.
पाकिस्तान के खिलाफ मिल गए अहम सबूत...
सुरक्षा एजेंसियों का लक्ष्य मोबाइल फोन और लोरा सेट के जरिए पाकिस्तान पर शिकंजा कसना है. सूत्रों ने बताया कि फोन में स्थानीय संपर्कों के ब्योरे के अलावा कुछ दस्तावेज और तस्वीरें भी हैं, जिनसे आगे और गिरफ्तारियां होने और घाटी में पिछले कुछ सालों में आतंकवादियों को मिले सैन्य सहयोग का खुलासा होने की संभावना है. रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि भारत में घुसपैठ करने वाले पाकिस्तानी आतंकवादियों के लिए आधार कार्ड हासिल करना आम बात है, क्योंकि इससे उन्हें पुलिस चौकियों पर पकड़े जाने के डर के बिना घूमने में मदद मिलती है. आधार कार्ड आमतौर पर बाहरी लोगों के जरिए हासिल किए जाते हैं या उनके अपने भी हो सकते हैं.
फोनों से बरामद जानकारी में आतंकवादियों के NADRA कार्ड का विवरण शामिल है. NADRA कार्ड, पाकिस्तान सरकार की एजेंसी, राष्ट्रीय डेटाबेस और पंजीकरण प्राधिकरण द्वारा जारी किए गए कम्प्यूटरीकृत राष्ट्रीय पहचान पत्र हैं. यह देश और विदेश दोनों में पाकिस्तानी नागरिकों के लिए प्राथमिक पहचान दस्तावेज है. लोरा सेट (LoRa Sets) से ऐसे आंकड़े मिलने की उम्मीद है जो सुरक्षा एजेंसियों को पिछले कुछ महीनों में आतंकवादियों की गतिविधियों का पता लगाने में मदद कर सकते हैं. साथ ही उन स्थानों का भी पता लगाने में मदद मिल सकती है, जहां ये उपकरण बनाए गए या इकट्ठे किए गए.
लोरा सेट (LoRa Sets) क्या होते हैं...
लोरा सेट लंबी दूरी की रेडियो संचार तकनीक है. सीमा पार विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में इन उपकरणों का उपयोग आतंकवादियों और घुसपैठियों द्वारा तेजी से किया जा रहा है. ये सेट सेलुलर नेटवर्क या इंटरनेट पर निर्भर हुए बिना लंबी दूरी पर सुरक्षित संचार की सुविधा प्रदान करते हैं. सैटेलाइट फोन अवरोधन के प्रति संवेदनशील होते हैं, लेकिन इसके उल्टा लोरा सेटों को किसी उपग्रह से जुड़ने की आवश्यकता नहीं होती है.
भारतीय खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों ने हाल के वर्षों में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों और घुसपैठियों से लोरा सेटों को इंटरसेप्ट या बरामद किया है. इन उपकरणों को पाकिस्तान स्थित आकाओं से जोड़ा गया है जो गतिविधियों या हमलों का कोऑर्डिनेट करते हैं. कभी-कभी इनका इस्तेमाल कस्टम-निर्मित एन्क्रिप्टेड रेडियो में किया जाता है या यहां तक कि इन्हें हानिरहित दिखने वाले हार्डवेयर में भी एम्बेड किया जाता है. पिछले कुछ सालों में पुंछ-राजौरी सेक्टर में 50 से ज्यादा सैन्यकर्मियों की हत्या करने वाले आतंकवादी भी लोरा सेटों का इस्तेमाल करते पाए गए हैं.
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