G News 24 : फर्ज़ी आधार कार्ड, नकली वोटर कार्ड, झूठा जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले गैंग का पर्दाफाश !

 फर्जी आधार कार्ड इतनी आसानी से बन जाते हैं तो ये खतरनाक बात है...

फर्ज़ी आधार कार्ड, नकली वोटर कार्ड, झूठा जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले गैंग का पर्दाफाश ! 

                                                                       सांकेतिक तस्वीर 

मन में अक्सर सवाल आता है कि अगर कोई विदेशी नागरिक हमारे देश में अवैध रूप से घुस भी आए, तो उसका आधार कार्ड, वोटर कार्ड या जन्म प्रमाण पत्र कैसे बन सकता है। इस सवाल का जवाब उत्तर प्रदेश में मिला। यूपी पुलिस के एटीएस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफ़ाश किया है, जो बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के फर्जी आधार कार्ड बनाता था। पुलिस ने इस गिरोह  के 8 सदस्यों को गिरफ़्तार किया है। तीन आरोपी आज़मगढ़ ज़िले से, दो मऊ से और एक-एक आरोपी, औरैया, ग़ाज़ियाबाद और गोरखपुर से गिरफ़्तार किए गए हैं।

उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अमिताभ यश ने बताया कि आरोपियों ने पहले आधार सेवा केंद्रों में काम किया, आधार कार्ड बनाने की process को समझा, आधार की वेबसाइट पर log-in के लिए असली users की details हासिल करके अपना अलग यूज़र पासवर्ड बना लिया। फिर बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को आधार कार्ड issue करने लगे। 

अमिताभ यश ने बताया कि आरोपियों ने log-in करने के लिए facial scan, eye scan और थंब प्रिंट अवैध तरीक़े से जुटा लिए थे। अब तक की जांच में पता चला है कि ये गिरोह  यूपी, उत्तराखंड, बंगाल, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली-NCR में सक्रिय था।  वहां रहने वाले घुसपैठियों के लिए आधार कार्ड बना रहा था। इस गिरोह ने कई दलाल रखे थे जो ऐसे लोगों से संपर्क करते थे जिनके पास आधार के लिए जरूरी दस्तावेज नहीं थे। फिर ये गैंग ऐसे लोगों का आधार कार्ड बनाता और बदले में दो हज़ार से लेकर 40 हज़ार रुपए लेता था।

अब तक की जांच में पता चला है कि fake आधार बनाने वाला ये गैंग लोगों के लिए फ़र्ज़ी बर्थ सर्टिफिकेट, domicile सर्टिफिकेट और एफिडेविट भी बनाता था। गैंग के सदस्यों  के पास से सरकारी अधिकारियों के stamp भी बरामद हुए हैं। इसके अलावा, फेशियल स्कैन करने वाली मशीन और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक euqipments भी पुलिस ने जब्त  किए हैं। आधार authentification का जो सिस्टम है,  उसको bypass करने के लिए ये गैंग एक ऐप का इस्तेमाल कर रहा था।

अगर फर्जी आधार कार्ड इतनी आसानी से बन जाते हैं तो ये चिंता की बात है। अगर Facial Scan और Eye Scan भी Copy किए जा सकते हैं तो ये बहुत खतरनाक  है। नकली दस्तावेजों के आधार पर  अगर फर्जी आधार कार्ड बन सकते हैं तो ये एक चेतावनी है। इसका मतलब तो ये होगा कि कोई भी घुसपैठिया फर्ज़ी आधार कार्ड बनवा सकता है, फर्जी वोटर कार्ड बनवा सकता है, नकली Birth Certicficate भी बनवा सकता है। ऐसे लोगों को पकड़ना बहुत मुश्किल काम है। यूपी की ATS की तारीफ करनी होगी कि उसने इस रैकेट का पर्दाफाश किया। अब ये सोचना पड़ेगा कि देश भर में Biometric  चुराकर फर्ज़ी आईडेंटिटी बनाने वालों को कैसे पकड़ा जाए। इन गिरोहों का कैसे पर्दाफाश किया जाय। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार में NDA के चुनाव अभियान का बिगुल फूंक दिया। गया जी में मोदी ने कहा कि घुसपैठियों को बिहार के नौजवानों का हक नहीं मारने देंगे, तुष्टीकरण की आड़ में घुसपैठियों को बचाना अब कांग्रेस और RJD के लिए संभव नहीं होगा।

मोदी के गया जी पहुंचने से पहले ही लालू प्रसाद यादव ने मोदी पर वार किया। कहा, मोदी नीतीश कुमार की राजनीति का पिंडदान करने गया आ रहे हैं, लेकिन गया पहुंचकर मोदी ने कहा कि जो रेल के खेल में फंसे हैं, जो जमानत पर बाहर घूम रहे हैं, वो आजकल ज्यादा टेंशन में हैं क्योंकि सरकार ने कानून बना दिया है कि चाहे मुख्यमंत्री हो या प्रधानमंत्री तीस दिन के लिए जेल गया तो कुर्सी भी जाएगी। इसीलिए कांग्रेस और RJD के नेता इस नए कानून का विरोध कर रहे हैं।

उधर, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव इमारते शरिया के मदरसे में गए, मुसलमानों से समर्थन की अपील की, लेकिन मदरसे के बाहर ओवैसी के समर्थक इकट्ठे हो गए, ओवैसी को भी महागठबंधन में शामिल करने की मांग की। कहा, अगर ओवैसी को गठबंधन से दूर रखा तो बिहार में कांग्रेस और तेजस्वी की लुटिया डूबनी तय है।

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने SIR पर स्थिति साफ कर दी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जयमाल्य बागची की पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग आधार कार्ड को वैध दस्तावेज  मानेगा, आधार कार्ड की कॉपी जमा करके कोई भी वोटर अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वा सकेगा। दूसरी बात जो लोग बाहर हैं, वो ऑनलाइन एप्लाई करके वोटर लिस्ट में नाम जुडवा पाएंगे।

चुनाव आयोग की  तरफ से कोर्ट को बताया गया कि जिन 65 लाख लोगों के नाम वोटर लिस्ट से कटे हैं, उनकी लिस्ट वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है, सभी BLOs के पास भी लिस्ट है। इसके बाद 85 हज़ार 305 वोटर्स ने सुधार की एप्लीकेशन दी है। राजीनीतिक दलों की तरफ से कुल दो शिकायतें मिलीं हैं, जबकि बिहार में राजनीतिक दलों के 1 लाख 60 हजार बूथ लेवल एजेंट्स हैं।

कोर्ट ने बिहार के मुख्य चुनाव अधिकारी को आदेश दिया है कि वो राजनीतिक दलों के अध्यक्षों और महासचिवों को नोटिस जारी करें कि अगली सुनवाई में उनके प्रतिनिधि मौजूद रहें और वो अदालत के  स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करें। अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी।   

मोदी ने अपने भाषण में बिहार के सीमांचल का जिक्र किया।बिहार में  SIR के दौरान वोटर लिस्ट से सबसे ज्यादा नाम इसी इलाके से काटे गए। सीमांचल के चार जिलों कटिहार, अररिया, पूर्णिया और किशनगंज में आबादी से ज्यादा आधार कार्ड बन गए हैं। सीमांचल के इस इलाके की मुस्लिम आबादी में 16 परसेंट का उछाल आया है। किशनगंज में 68 परसेंट, अररिया में 50 परसेंट, कटिहार में 45 और पूर्णिया में 39 परसेंट मुस्लिम आबादी है। इन चार जिलों में 47 परसेंट आबादी मुस्लिम हैं।

बीजेपी का आरोप है कि नेपाल और बंगाल के रास्ते बड़ी संख्या में बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों ने घुसपैठ की और वो सीमांचल में बस गए हैं। घुसपैठियों के फर्जी आईडी कार्ड बन गए हैं। सीमांचल की डेमोग्राफी बदल गई  है। महागठबंधन के नेता घुसपठियों के मुद्दे पर बिल्कुल खामोश हैं।

शुक्रवार को राहुल गांधी और तेजस्वी यादव मुंगेर के खानकाह रहमानी मदरसे में पहुंचे। खानकाह रहमानी के सज्जादनशीं मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी से मुलाकात की। खानकाह रहमानी के महासचिव आरिफ रहमानी ने कहा कि SIR के बहाने मुसलमानों के वोट काटे जा रहे है, राहुल और तेजस्वी इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, इसलिए चुनाव में मुसलमान महागठबंधन का समर्थन करेंगे। हालांकि बिहार में चुनाव दो महीने के बाद होंगे लेकिन अभी से NDA और महागठबंधन की रणनीति साफ दिख रही है।

बीजेपी उन इलाकों पर फोकस कर रही है, जहां NDA कमजोर है। मोदी ने पहली रैली गयाजी में करके पूरे मगध अंचल को साधने की कोशिश की क्योंकि पिछले चुनाव में मगध अंचल में NDA का प्रदर्शन बहुत खराब था। कुल 26 विधानसभा सीटों में से  NDA को सिर्फ 6 सीटें मिली थी। इनमें से भी तीन सीटें जीतनराम मांझी का पार्टी ने जीती थी। महागठबंधन ने बीस सीटें जीतीं थी। इसलिए बीजेपी इस इलाके में ज्यादा मेहनत कर रही है।

दूसरी तरफ तेजस्वी और राहुल का फोकस फिलहाल सीमांचल पर है। सीमांचल में 45 परशेंट से ज्यादा मुस्लिम वोट है। यहां महागठबंधन की स्थिति मजबूत थी लेकिन पिछले चुनाव में असदुद्दीन ओबैसी की पार्टी AIMIM ने सीमांचल में पांच सीटें जीतकर सब को चौंका दिया था।

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