ऑपरेशन सिंदूर में पाक की बजाई थी बैंड...
DRDO ने भारत सीमाओं को सुदर्शन चक्र से बना दिया है अभेद्य !
नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने एकीकृत वायुरक्षा हथियार प्रणाली का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह उपलब्धि भारत की वायु रक्षा प्रणाली को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
क्या है आईएडीडब्ल्यूएस
आईएडीडब्ल्यूएस एक बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली है। जिसमें पूरी तरह से स्वदेशी तकनीकों पर इस्तेमाल किया गयाहै। इसमें शामिल है।
सुदर्शन चक्र क्या है?
‘सुदर्शन चक्र’ भारत की एक नई राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली है यानी एयर डिफेंस सिस्टम, जिसे डीआरडीओ (DRDO) और इसरो (ISRO) ने विकसित किया है। इसका नाम हिंदू पौराणिक कथा के भगवान विष्णु के प्रसिद्ध शस्त्र ‘सुदर्शन चक्र’ से प्रेरित है। जो दुश्मनों को पराजित करने का प्रतीक है. यह एक एडवांस मिसाइल डिफेंस और निगरानी प्रणाली है, जो भारत को हवाई हमलों, मिसाइलों और ड्रोन हमलों से बचाने के लिए डिजाइन की गई है।
सुदर्शन चक्र की विशेषताएं...
- रेंज: 2500 किलोमीटर तक दुश्मन की मिसाइलों को नष्ट करने की क्षमता है।
- ऊंचाई: 150 किलोमीटर तक हवा में मिसाइलों को इंटरसेप्ट कर सकता है।
- प्रौद्योगिकी: इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और लेजर-गाइडेड सिस्टम हैं, जो सटीक निशाना लगाते है।
- गति: 5 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से मिसाइल दाग सकता है।
संरचना...
यह एक ग्राउंड-बेस्ड और स्पेस-बेस्ड हाइब्रिड सिस्टम है, जिसमें सैटेलाइट और रडार नेटवर्क शामिल है।
लक्ष्य...
बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल और हाइपरसोनिक हथियारों को नष्ट करना ।
तैनाती...
इसे 2026 तक पूरी तरह चालू करने का लक्ष्य है. लागत करीब 50,000 करोड़ रुपये अनुमानित है।










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