डॉ. मोहन यादव ने दिव्यांगजनों को वितरित किए नियुक्ति पत्र,स्मार्टफोन और मोटराइज्ड साइकिल...
दिव्यांगजन अपनी योग्यता और संघर्ष के बल पर समाज में बनाते हैं विशिष्ट स्थान : सीएम डॉ. यादव
भोपाल। भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिव्यांगजनों को नियुक्ति पत्र, स्मार्टफोन और मोटराइज्ड साइकिलें वितरित की गईं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि दिव्यांगजन अपनी क्षमता, संघर्षशीलता और सकारात्मक सोच के बल पर समाज में विशिष्ट स्थान बनाते हैं। वे किसी भी तरह की दया नहीं, बल्कि अपने आत्मविश्वास से आगे बढ़ते हैं। राज्य सरकार दिव्यांगजनों को हर स्तर पर प्रोत्साहन और सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने यह बात बुधवार को भोपाल स्थित पंडित खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में दिव्यांगजनों को नियुक्ति पत्र, स्मार्टफोन और मोटराइज्ड साइकिल वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों को सीधी भर्ती में 6 प्रतिशत आरक्षण प्रदान कर रही है, जो राष्ट्रीय स्तर पर तय 4 प्रतिशत से अधिक है। अभी तक प्रदेश में 2600 पदों पर दिव्यांगजनों की भर्ती की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए राज्य सरकार समर्पित है। कार्यक्रम में लोक निर्माण विभाग के 33 उपयंत्री, पुरातत्व विभाग के 10 और जल संसाधन विभाग के 5 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए। साथ ही 97 हितग्राहियों को उनकी आवश्यकता अनुसार उपकरण वितरित किए गए।
मुख्यमंत्री ने महाकवि सूरदास, स्वामी रामभद्राचार्य, और संगीतकार रविंद्र जैन जैसे दिव्यांग महानुभावों का उल्लेख करते हुए कहा कि शारीरिक बाधाएं उनके ज्ञान और विशेषज्ञता के आगे कभी आड़े नहीं आईं। कार्यक्रम में उन्होंने दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 की ब्रेल लिपि में प्रकाशित पुस्तिका का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, सामाजिक न्याय मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, भोपाल की महापौर मालती राय एवं विधायक भगवान दास सबनानी उपस्थित रहे। मंत्री कुशवाहा ने बताया कि दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंगों की सुविधा सुगम बनाने के लिए जिला स्तर पर कैंप लगाए जा रहे हैं, जिनकी जिम्मेदारी महावीर संस्था को दी गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राकेश सिंह को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं भी दीं।
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