G News 24 : 'जनगणना में नहीं होगी जातिगत जनगणना, कांग्रेस ने फैलाया झूठ' !

सबसे महत्वपूर्ण ,जातीय जनगणना से आमजन क्या लाभ मिलेगा !

 'जनगणना में नहीं होगी जातिगत जनगणना, कांग्रेस ने फैलाया झूठ' ! 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पार्टी पर जातिगत जनगणना को लेकर झूठ फैलाने का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस "झूठ की फैक्ट्री" है, जो लगातार देश को गुमराह करने का प्रयास करती है. पूनावाला ने दावा किया कि कांग्रेस ने हाल ही में यह झूठ फैलाया कि आगामी जनगणना में जातिगत गणना नहीं होगी, जबकि भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जाति आधारित जनगणना की जाएगी.

कांग्रेस बोल रही झूठ !

पूनावाला ने प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्तियों का हवाला देते हुए कहा कि 30 अप्रैल, 4 जून और 15 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठकों के बाद यह स्पष्ट किया गया था कि जनगणना में जाति गणना शामिल होगी. कांग्रेस का काम ही झूठ फैलाना है. तंज कसते हुए पूनावाला ने कहा, " जिसकी जैसी भावना होती है, वैसी ही उसे सारी मूर्तियां दिखती हैं.

बीजेपी ने लगाया कांग्रेस पर आरोप...

उन्होंने कांग्रेस की ओबीसी और आरक्षण विरोधी नीतियों पर भी सवाल उठाए. पूनावाला ने कर्नाटक में जातिगत सर्वेक्षण का उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने 10 वर्षों में 165 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद कोई ठोस परिणाम नहीं दिया. कर्नाटक सरकार अब दोबारा सर्वे कराने की बात कर रही है, जो ओबीसी समाज के साथ धोखा है. कर्नाटक में जाति सर्वे का क्या हुआ? क्या यह कांग्रेस की अतिरिक्त-संवैधानिक शक्तियों का फैसला था?"

बीजेपी ने क्या दिया इतिहास का हवाला...

पूनावाला ने इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि 1951 में जातिगत जनगणना को रोकने का काम तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने किया था. 1960 के दशक में भी कांग्रेस ने आरक्षण के खिलाफ पत्र लिखा था. 

1970 में मंडल आयोग की सिफारिशों का जवाहरलाल नेहरू ने विरोध किया था. 1980 में राजीव गांधी ने आरक्षण "बुद्धुओं" को बढ़ावा देने वाला बताया था. कांग्रेस पार्टी के ऐसे तमाम काम है, जो उनके ओबीसी और आरक्षण विरोधी सोच को दिखाते है. 

साल 2004 से 2014 के बीच कांग्रेस ने ओबीसी और एससी/एसटी आरक्षण को कम कर मुस्लिम वोट बैंक को धर्म के आधार पर आरक्षण देने की कोशिश की, जो संविधान और बाबासाहेब आंबेडकर के सिद्धांतों के खिलाफ था.

कांग्रेस सबसे बड़ी ओबीसी विरोधी, आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है. उनके झूठ की गणना हो चुकी है, और देश अब उनके दुष्प्रचार को समझ चुका है. कांग्रेस का यह झूठ जनता के बीच उजागर हो चुका है और उनकी दिग्भ्रमित करने की कोशिशें नाकाम होंगी.

सबसे महत्वपूर्ण - जातीय जनगणना से आमजन क्या लाभ मिलेगा !

एक पत्रकार होने के नाते मेरे विचार में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस जातीय जनगणना का विरोध स्वयं कांग्रेस की PM स्व.इंदिरा गांधी किया करती थी आज उसकी मांग कांग्रेस खुद कर रही है इसमें मायने आप समझिये। जातियों के आधार पर इस जनगणना से इन जातियों को कोई विशेष फायदा मिलने वाला है, क्या उनकी गरीबी मिटने वाली है,उनके साथ होने वाला भेदभाव समाप्त हो जायेगा या समाज में एकजुटता आएगी ! मेरे नजरिए से देखा देखा जाए तो ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है ! 

बल्कि होगा ठीक इसके विपरीत जातीय जनगणना से लोगों में वर्ग संघर्ष, ऊंच-नीच एवं समाज में विघटन की संभावना प्रवल होगी जिसका फायदा सभी राजनैतिक पार्टियां अपने अपने तरीके से लोगों को गुमराह करके उन्हें आपस में उलझाकर अपने लिए सत्ता का गलियारा सुरक्षित करेंगी। क्योंकि लोग आपस में लड़ेंगे-झगड़ेंगे तभी तो इनकी दुकानदारी चलेगी। हो सकता है इससे कुछ लोगों की राजनीतिक दुकानदारी चल भी जाए लेकिन ये जातीय जनगणना समाज व देश की एकता और तरक्की  के लिए घातक साबित हो सकती है !

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