दिव्यांग बच्चों और समाज को मुख्यधारा में लाने का काम किया है ...
'PM मोदी भगवान हैं, उनकी नजर जिस पर पड़ी, सबका उद्धार हो गया' : कनुभाई टेलर
दिव्यांग कल्याण और सामाजिक सेवा के लिए कनुभाई टेलर को साल 2018 में पद्मश्री से नवाजा गया. उन्होंने कहा, "मेरा पीएम मोदी से रिश्ता बहुत पुराना है. तब वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे. नरेंद्र मोदी मेरे लिए भगवान हैं. जब से वे मुख्यमंत्री बने, उन्होंने दिव्यांग बच्चों और समाज को मुख्यधारा में लाने का काम किया. यह श्रेय उन्हें ही जाता है. पद्मश्री से सम्मानित कनुभाई हसमुखभाई टेलर ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व और समर्थन ने न सिर्फ उन्हें पद्मश्री पुरस्कार दिलाया, बल्कि दिव्यांग बच्चों और समाज के लिए उनके काम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. कनुभाई सूरत में दिव्यांग बच्चों के लिए स्कूल चलाते हैं. उन्होंने मोदी सरकार की पुरस्कार प्रक्रिया और दिव्यांगों के कल्याण के लिए किए गए कार्यों की जमकर तारीफ की.
कौन हैं कनुभाई टेलर !
कनुभाई टेलर को साल 2018 में दिव्यांग कल्याण और सामाजिक सेवा के लिए पद्मश्री से नवाजा गया. उन्होंने कहा, "मेरा उनसे रिश्ता बहुत पुराना है. तब का जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे. नरेंद्र मोदी मेरे लिए भगवान हैं. जब से वे मुख्यमंत्री बने, उन्होंने दिव्यांग बच्चों और समाज को मुख्यधारा में लाने का काम किया. यह श्रेय उन्हें ही जाता है. पीएम मोदी के समर्थन से सूरत में दिव्यांग बच्चों के लिए स्कूल की स्थापना हुई. मोदी जी ने हमें जमीन दी, जिस पर यह स्कूल बना. उन्होंने दिव्यांगों के लिए अस्पताल का भी उद्घाटन किया. एक बार उन्होंने मुझसे कहा, 'कल सुबह से बच्चों को पढ़ाओ.' उनकी प्रेरणा से हमने बीसीए कॉलेज शुरू किया, जिसे यूनिवर्सिटी से मान्यता मिली.
दिव्यांगों के लिए ओल्ड एज होम बनाने का देखा सपना
मुझे इस बात की खुशी है कि दिव्यांग बच्चों को शिक्षा और सम्मान मिल रहा है." कनुभाई ने दिव्यांगों की दयनीय स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि देशभर में उनके लिए ओल्ड एज होम की कमी है. रेलवे स्टेशन, बगीचों और फुटपाथ पर दिव्यांग भीख मांगते हैं. मरने के बाद उनकी लाशें लावारिस पड़ी रहती हैं और पुलिस उन्हें ले जाती है. यह देखकर मेरा दिल दुखता है. इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने भरूच के उच्चड़िया गांव में नर्मदा नदी के किनारे 12 दिव्यांगों के लिए एक ओल्ड एज होम बनाने का फैसला किया. उन्होंने बताया, "इस ओल्ड एज होम में उन दिव्यांग भिखारियों को जगह मिलेगी, जो चल-फिर नहीं सकते. यह एक रिसॉर्ट की तरह होगा, जिसकी लागत करीब 20 करोड़ रुपये है.
पीएम मोदी में मेरे लिए भगवान
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल ने इसका शिलान्यास किया. केपी ग्रुप के चेयरमैन फारुख भाई पटेल ने पूरी जिम्मेदारी ली." कनुभाई ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा, "नरेंद्र मोदी में गजब की काबिलियत है. वे एक बार में ही इंसान को पहचान लेते हैं. जिसे अच्छा समझते हैं, उसे पकड़कर आगे बढ़ाते हैं और कभी नहीं छोड़ते. मैं एक सामान्य आदमी था, लेकिन मोदी जी ने मुझे देश-विदेश में पहचान दी. मेरे लिए वे भगवान हैं."
पीएम मोदी की नजर जिनपर पड़ती, उनका उद्धार हो जाता
समाजसेवी पीएम मोदी की पारखी नजरों के कायल हैं. उन्होंने कहा, "पीएम मोदी पूरे भारत में घूमते हैं और उनकी नजर हर उस व्यक्ति पर पड़ती है, जो समाज के लिए कुछ खास कर रहा है. उनकी नजर पड़ते ही वे उस इंसान की छवि को समझ लेते हैं और उसे सम्मान देते हैं. जो व्यक्ति पुरस्कार पाता है, वह कोई साधारण नहीं होता. मोदी जी भगवान के रूप में आते हैं और जिसे पुरस्कार मिलता है, उसे पहले पता भी नहीं होता कि वह इसके लायक है." कनुभाई ने 2014 से पद्मश्री पुरस्कारों की प्रक्रिया में हुए बदलाव की भी सराहना की. उन्होंने कहा, "मोदी सरकार ने ग्रामीण इलाकों और अलग-अलग क्षेत्रों से लोगों को चुना. यह चयन प्रक्रिया बेहद पारदर्शी और प्रेरणादायक है. पीएम मोदी की नजर उन लोगों पर पड़ती है, जो समाज के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं. हस्तशिल्प, कृषि, शिक्षा, और सामाजिक सेवा जैसे क्षेत्रों से लोगों को सम्मान मिल रहा है. यह देखकर लगता है कि सरकार असल हीरो को पहचान रही है.
पीएम मोदी की वजह से मेरी सारी उपलब्धियां
कनुभाई टेलर अपनी उपलब्धियों का श्रेय पीएम मोदी को देते हैं. कहते हैं, "मैं एक साधारण इंसान था. नरेंद्र मोदी ने मुझे पद्मश्री दिलवाया, स्कूल और अस्पताल बनाने में मदद की. उनकी वजह से आज मेरा नाम देश-विदेश में जाना जाता है. उनके नेतृत्व ने दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में लाने का रास्ता दिखाया." कनुभाई का मानना है कि पीएम मोदी का विजन और समर्पण भारत को नई दिशा दे रहा है. उन्होंने कहा, "मोदी जी के 11 साल के कार्यकाल में देश ने हर क्षेत्र में तरक्की की है. उनके लिए मेरे मन में अपार सम्मान है.
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